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फ़ोटो : अनिल रिसाल सिंह |
ग़ज़ल / दयानंद पांडेय
आप घर से निकलिए भी हम दुनिया बदलने जा रहे हैं
वोट डाल कर हम अपनी बेहतर दुनिया बनाने जा रहे हैं
चाहिए जैसे साफ़ हवा , साफ पानी , हरी धरती , नीला आकाश
वोट के हथियार से पर्यावरण का बिगड़ा संतुलन बदलने जा रहे हैं
जैसे भेजते हैं बच्चे को बढ़िया स्कूल , देते हैं पौष्टिक भोजन
सही उम्मीदवार चुन कर बच्चे को भली दुनिया देने जा रहे हैं
बच्चे हमारा भविष्य हैं तो वोट इस भविष्य की बुनियाद
वोट के इनवेस्टमेंट से बच्चे को बेहतर दुनिया देने जा रहे हैं
आप बदलिए अपनी प्राथमिकता चुनिए सही उम्मीदवार
वोट के जरिए अपनी दुनिया का मौसम बदलने जा रहे हैं
जैसे करते हैं हम कड़ी मेहनत अपने बेहतर कल के लिए
वोट की गंगा नहा कर जिंदगी को खूबसूरत बनाने जा रहे हैं
[ 8 अप्रैल , 2019 ]
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (10-04-2019) को "यन्त्र-तन्त्र का मन्त्र" (चर्चा अंक-3301) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'