Monday 1 April 2019

लालकृष्ण आडवाणी शाम को प्रधान मंत्री पद की शपथ लेंगे , नरेंद्र मोदी कांग्रेस अध्यक्ष बने

लालकृष्ण आडवाणी 

नरेंद्र मोदी 
आखिर वही हुआ जिस का अंदेशा बीते पांच साल से था। राहुल गांधी को आज कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया है । इस के पहले हुआ यह कि अहमद पटेल की सलाह पर सोनिया गांधी आज सुबह श्री हरी कोटा से एमीसैट की लांचिंग के पहले ही नरेंद्र मोदी के घर पहुंचीं। बिना किसी मीडिया के। कांग्रेस पार्टी को बचाने की गरज से। नरेंद्र मोदी को कांग्रेस अध्यक्ष पद प्रस्तावित कर दिया। इसी लिए आज एमीसैट की लांचिंग पर राष्ट्र के नाम संदेश भी नहीं आया। खैर , अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप के परामर्श पर नरेंद्र मोदी ने अंततः सोनिया गांधी के प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर लिया है । हां , इस के पहले नरेंद्र मोदी ने अपने दो दोस्तों एक बराक ओबामा और दूसरे, इजराइल के राष्ट्रपति रेवेन रिवलिन से भी सलाह ली। दुबई के प्रिंस ने भी फोन कर मोदी को इस के लिए मनाने की पूरी कोशिश की। नरेंद्र मोदी के पास अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी के इस फैसले का चुप रह कर ही स्वागत किया है। संजय बारू ने मनमोहन सिंह के इस स्वागत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि देर से लिया गया दुरुस्त फ़ैसला है। यह फैसला मनमोहन सिंह के प्रधान मंत्री रहते हुए ही ले लेना चाहिए था। जद यू के प्रवक्ता के सी त्यागी ने मोदी को दिली बधाई देते हुए कहा है कि सोनिया जी के इस फ़ैसले से कांग्रेस की वंशवादी राजनीति पर विराम लग गया है। मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि लोहिया जी का सपना इतनी जल्दी पूरा हो जाएगा , यह नहीं पता था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि यह तो बस एक आदान-प्रदान भर है। संघ के संस्थापक पूजनीय हेडगेवार जी ने कांग्रेस से निकल कर संघ की स्थापना की थी। अब हमारे संघ के एक स्वयंसेवक मोदी ने कांग्रेस पर कब्जा कर लिया है। मुझे इस का बहुत आनंद है।


मोहन भागवत
उधर भाजपा में इस की बड़ी प्रतिक्रिया हुई है। अमित शाह ने लालकृष्ण आडवाणी को 2019 के लिए प्रधान मंत्री पद के लिए मनोनीत करते हुए कहा है कि निरंतर विदेश यात्राएं करते हुए नरेंद्र भाई मोदी इस कदर अंतरराष्ट्रीय दबाव  में भी आ जाएंगे , यह अनुमान बिलकुल नहीं था।  नहीं बतौर अध्यक्ष उन की विदेश यात्राओं पर लगाम तो मैं लगा ही सकता था। अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि नरेंद्र भाई मोदी बेल पर चल रही सोनिया जी के दबाव में आ गए हैं , इस बात को मैं नहीं मान सकता। शत्रुघन सिनहा ने कांग्रेस में जाने का इरादा मुल्तवी कर दिया है। कहा है कि जिस कारण से कांग्रेस में जा रहा था , वह कारण अब खुद कांग्रेस में आ गया है तो उस कांग्रेस में अब क्या जाना। मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि जब हिंदू में राफेल की फाइलें  छपने लगीं तभी मुझे  एक प्रकांड ज्योतिषी  ने  बता दिया था कि मोदी अब कांग्रेस ज्वाइन कर ही बच सकते हैं।  मैं ने तभी आदरणीय आडवाणी जी और आदरणीय भागवत जी को यह बात बता दी थी।  पर आडवाणी जी मेरे पुराने विरोधी ठहरे। मेरी बात को अनसुनी करते हुए आदरणीय भागवत जी को को मेरे खिलाफ भर दिया। फिर आदरणीय आडवाणी जी शायद यह भी चाहते थे कि नरेंद्र मोदी कीचड़ में इतना गिर जाएं कि उन का अपना कमल खिल जाए। और देखिए कि फ़िलहाल खिल भी गया है। लेकिन आदरणीय आडवाणी जी नरेंद्र मोदी को ठीक से नहीं जानते , मैं जानता हूं। दूसरे , मुझे ज्योतिषी ने बताया है नरेंद्र मोदी भाजपा का कांग्रेस में विलय करवा कर खुद ही प्रधान मंत्री बनने की जुगत करेंगे। तो आदरणीय आडवाणी जी फिर रह जाने हैं। 


सोनिया गांधी 
चीन के राष्ट्रपति और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने इस पर संयुक्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो जाने की अब पूरी उम्मीद है। भारत के सभी वामपंथी दलों ने एक सुर में कहा है कि इस तरह तो सेक्यूलरिज्म की स्पेस खत्म हो जाएगी। सेक्यूलर राजनीति करने वालों की स्पेस खत्म करने की कांग्रेस और भाजपा की मिली-जुली साज़िश है। आज़म खान ने कहा है कि हम इस पूरे मामले को संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाने के हामीदार हैं। एक चिट्ठी लिख दी है। यशवंत सिनहा , अरुण शौरी , तोगड़िया आदि की घर वापसी हो गई है। राजनाथ सिंह ने अपना गृह मंत्रालय का पोर्टफोलियो सुनिश्चित कर लिया है। गडकरी ने कहा है कि मुझे तो उप प्रधान मंत्री भी आडवाणी जी को बना देना चाहिए। आखिर उन का मार्ग मैं ने ही बनाया है। सड़क मैं ने ही बनवाई । लेकिन आडवाणी जी ने साफ़ कह दिया है एक प्रधान मंत्री पद छोड़ कर , बाकी किसी भी मंत्री का विभाग नहीं बदला जाएगा , न कोई मंत्री बदला जाएगा। इस चुनावी बेला में मैं कोई रिश्क नहीं लेना चाहता। शाम को राष्ट्रपति भवन में लालकृष्ण आडवाणी का शपथ ग्रहण है । बस इंतज़ार है तो नरेंद्र मोदी के इस्तीफ़े के ऐलान का। तो शाम को मिलते हैं राष्ट्रपति भवन में। मैं ने पाकिस्तान एयर लाइंस का टिकट बुक करवा लिया है , जो सीधे राष्ट्रपति भवन के सामने इंडिया गेट पर लैंड करेगी। महबूबा मुफ़्ती और फारुख अब्दुल्ला भी इसी फ्लाईट में होंगे। हवा का रुख देख कर हम लोग अपनी प्रतिक्रिया वहीँ देंगे। मैं ने पहले योगी जी को भी फ़ोन किया था पर योगी जी ने इस शपथ समारोह में जाने से साफ़ इंकार कर दिया है। कहा है कि पाकिस्तान परस्तों और जिन्ना प्रेमियों में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं। गिरिराज सिंह ने तो साफ़ कह दिया मोदी जिधर , हम उधर। आडवाणी जी को ऐसे कई सारे संदेश मिल चुके हैं कि मोदी जिधर , हम उधर।  

बस एक ममता बनर्जी भर हैं जो खुले आम बोल रही हैं , मोदी जिधर , हम उधर नहीं।  लेकिन सोनिया गांधी ने मोदी को आश्वस्त करते हुए कहा है कि , मोमता ! मोमता जी को हम मना लेंगे। मोदी ने पूछा लिया है कि वह कैसे भला ? सोनिया ने कहा है कि जब आप को मना लिया तो मोमता जी का क्या है। प्रियंका को लगा दिया है पहले ही। प्रियंका साड़ी पहन कर उन को समझा रही है , मोमता जिधर , मोदी उधर। अच्छा , अच्छा । उधर नरेंद्र मोदी भागवत को फोन कर ढाढस बंधाते हुए बता रहे हैं कि घबराने की कोई बात नहीं है , जल्दी ही देश के लोग आदरणीया सोनिया जी से पूछते फिरेंगे , कांग्रेस किधर ? और उन्हें जवाब देते नहीं बनेगा। आप लोग आदरणीय आडवाणी जी को शपथ दिलवा दीजिए। 

आडवाणी जी को देश भर से लोगों ने बधाई देनी शुरू कर दी है। गोविंदाचार्य ने आडवाणी जी को बधाई देते हुए कहा है कि आख़िर आज मुखौटा उतर गया। आप के रोने और बिसूरने के दिन गए , हंसने और खिलखिलाने के दिन आए।  देर आयद , दुरुस्त आयद। आज आप के साथ न्याय हुआ है। नायडू , पटनायक , देवगौड़ा आदि ने भी बधाई दी है । शरद यादव , जेल से लालू आदि ने भी ट्विट कर बधाई परोसी है । गुलाम नबी आज़ाद ने कहा है , कश्मीरियत को आडवाणी जी से बहुत उम्मीद है । ओवैसी ने कहा है कि मुसलमानों की दुश्वारी इधर भी है , उधर भी है। हम को यह सूरतेहाल कतई पसंद नहीं है। सो हम न इधर हैं , न उधर हैं । हम बस हैदराबाद में हैं। मायावती और अखिलेश का भी एक साझा बयान आया है कि यह तो एक न एक दिन होना ही था। आख़िर हमारे गठबंधन से नरेंद्र मोदी डर गए। डर कर कांग्रेस की बिल में घुस गए। आडवाणी जी को बधाई है। इस सब के बीच राज्यपाल लोग सकते में हैं कि उन का भविष्य अब कैसा होगा। चुनाव आयोग पर भी लोगों की नज़र बनी हुई है । कि आडवाणी जी की जागी किस्मत पर कहीं वह ही न लगाम लगा दे । खदबदाहट कांग्रेस में भी बहुत है लेकिन चूंकि हाई कमान का फ़ैसला है सो चिदंबरम , कपिल सिब्बल आदि सभी कसमसा कर रह गए हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अच्छा हुआ , कांग्रेस से हमारा समझौता नहीं हुआ। अब आडवाणी जी से मिल कर हम भाजपा से समझौता करेंगे। पी सी चाको किंकर्तव्यविमूढ़ हैं ।

एक छोटी सी ख़बर यह भी आ रही है कि राहुल गांधी आडवाणी जी के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे । क्यों कि वह बैंकाक चले गए हैं। साथ में रावर्ट वाड्रा भी हैं। सुब्रमण्यम स्वामी न्यूज़ चैनलों को फ़ोन मिला रहे हैं , अपनी बाईट देने के लिए।

मूर्ख दिवस मुबारक हो !

5 comments:

  1. बहुत सही भाई साहब 😀😀😀🙏

    ReplyDelete
  2. अद्भुत अप्रतिम अपूर्व।

    ReplyDelete
  3. वाकई कांग्रेस और बीजेपी यदि किसी दिन एक हो जाएँ तो भारत और आगे बढ़ेगा

    ReplyDelete
  4. अप्रैल फूल बनाया। उनको गुस्सा आया।
    हमने मौज मनाया। अंदाज आपका भाया।।

    ReplyDelete
  5. शुरू की दो तीन पंक्तियाँ पढ़ते ही मेरा शक, जो शीर्षक से शुरू हुआ था, विश्वास में बदल गया और मैंने सीधे अंत देखने का जो निर्णय लिया वह सही रहा। वैसे लेख है मजेदार ! सादर।

    ReplyDelete