Saturday, 23 April 2016

बेवफ़ाई करते हुए वफ़ा के निरंतर गीत गाने का क्या मतलब

फ़ोटो :  कुमार गौरव वशिष्ठ

ग़ज़ल

साथ होते हुए भी जुदाई के हरदम गीत गाने का क्या मतलब
बेवफ़ाई करते हुए वफ़ा के निरंतर गीत गाने का क्या मतलब

राधा और मीरा ने अपने मनमोहन में कोई फ़र्क कभी नहीं माना
प्रेम की बजती बांसुरी में शहनाई की फ़रमाइश का क्या मतलब

गिलहरी घूमती है पेड़ पर मछली पानी में है आदमी मुहब्बत में 
ऐसे में बादल बरस जाए तो छाता ले कर चलने का क्या मतलब

महफ़िल में यारों की कोई छम से आ जाए आ कर भरम जाए 
हमारा हाथ हाथ में लेने पर मचल जाए तो इस का क्या मतलब 

प्रेम में पड़े व्यक्ति को आप ज़बरदस्ती ज्ञान पिलाने पर अड़ जाएं
क़ानून का हंटर समाज का दर्पण दिखाएं तो इस का क्या मतलब 

बिच्छू की तरह डसते रहें और चाहें कि हम पुचकारते फिरें
आप पाकिस्तान बने रहें और हम भारत इस का क्या मतलब

कोई सीधे सीध कर रहा है अपमानित लगातार मित्र बन कर
अपमानित हो कर इतना भी औपचारिक होने का क्या मतलब

राजनीति भी दुकान होती है कपड़ा बेचो या फिर घड़ी चश्मा 
तो भाजपा कांग्रेस वामपंथ सपा बसपा के भेद का क्या मतलब

[ 23 अप्रैल , 2016 ]

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