Wednesday, 7 May 2025

पृष्ठ भाग से टपकता लहू !

दयानंद पांडेय


बिना किसी नुक़सान के भारत के लिए आपरेशन सिंदूर गर्व का विषय है पर भारत में रहने वाले वामपंथी लेखकों , पत्रकारों के लिए मातम का l यकीन न हो तो फ़ेसबुक या अन्य सोशल मीडिया पर उन की पोस्ट देख लें l हंसुआ के विवाह में खुरपी का गीत गा रहे हैं l इन का वश चलता तो पाकिस्तान जा कर आतंकियों के जनाजे में शामिल हो जाते l जैसे पाकिस्तानी सेना शामिल हुई है l इन को लगता है , मनुष्यता ख़तरे में पड़ गई है l

कोई लव जेहाद का गीत गाते हुए , हिंदू मुस्लिम एकता के विधवा विलाप में मसरूफ़ है , कोई हिंसा पर ग़मगीन है l कोई कह रहा है , वह भी ठीक नहीं था , यह भी ठीक नहीं है l कोई भारतीय सैनिकों के हताहत होने की अफ़वाह उड़ाने में लगा है तो कोई भारतीय विमान ही पाक द्वारा गिरा देने की अफ़वाह सुना कर जश्न मना रहा है l कोई नोटबंदी की आह भर रहा है l और तो और वामपंथ के नाम पर दाग एक कुकवि , अपनी आत्म-मुग्धता में लीन चार लोगों को बैठा कर अपना ही काव्य पाठ पोस्ट कर बैठा है l इस कविता पाठ में नीरो की तरह वंशी बजा रहा है l ऐसे जैसे आपरेशन सिंदूर के बाबत उन्हें कुछ मालूम ही नहीं l

इस पूरे विधवा विलाप में मोदी से इन की घृणा आग मूत रही है l इन के आंगन में हर्ष , विषाद में तब्दील है l जाने कौन सा ख़ून इन की रगों में बहता है l आपरेशन सिंदूर पर लगभग पूरी दुनिया भारत के साथ है , मोदी के साथ है लेकिन यह वामपंथी लेखक , हिंदू-मुस्लिम की माला फेरते हूए पाकस्तानी आतंकियों के साथ , बहुत आहिस्ता से खड़े हो गए हैं l बकौल ग़ालिब इन की आँख से लहू नहीं टपकता l पृष्ठ भाग से लहू टपकता है l टपक ही रहा है l निरंतर l ऐसे गोया यह ख़ुद भी पाकिस्तान बन कर घाव खा बैठे हैं l इस लिए भी कि सारी सूचना परोस कर पाकिस्तान मीडिया ने इन से सुबूत मांगने का हक़ भी छीन लिया है l सो पृष्ठ भाग से लहू टपकाना ही इन्हें मयस्सर है l वामपंथ और इस्लाम के क़दमताल के कुकर्म की यह जुगलबंदी बहुत वीभत्स है l निंदनीय भी l इन वामपंथी लेखकों , पत्रकारों की निर्लज्जता का यह एटम बम कर्नल सोफ़िया कुरेशी लेकिन फुस्स कर देती है l

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