दयानंद पांडेय
पहले की बात को, मुग़ल काल की बातों , धर्म परिवर्तन , अत्याचार , संहार , जजिया आदि को एक बार भूल जाते हैं l पर 1947 से डायरेक्ट एक्शन से लगायत अब तक जितने नरसंहार भारत में हुए , हिंदुओं के ही हुए l कश्मीर , पंजाब , महाराष्ट्र , पश्चिम बंगाल , केरल , और देश के अन्य हिस्सों में भी l दिल्ली में एक बार सिखों का भी नरसंहार हुआ l कभी कहीं मुस्लिम का भी नरसंहार हुआ क्या ? कभी नहीं हुआ l
पर सेक्युलरिज्म की हवा कुछ ऐसी है कि भारत में भयभीत सर्वदा मुसलमान ही रहते हैं l चाहे मुसलमान मारें या सिख , एक लाइन से खड़ा कर हिंदुओं को ही मारते हैं l
जानते हैं क्यों ?
हमारा सेक्युलर भारत बहुत महान है l गंगा-जमुनी तहज़ीब और भाईचारा भी बहुत है l
दिलचस्प यह कि अगर आप यह सच कहने की हिमाकत कर दें तो सांप्रदायिक हैं l संघी और भाजपायी हैं l देश का माहौल ख़राब कर देते हैं l ग़ज़ब नैरेटिव है l अजब बीमारी है l लेफ्टिनेंट नरवाल की पहलगाम में हत्या के बाद उस की पत्नी हिमांशी नरवाल जैसे लोग भी मिल जाते हैं जो इन्हें कंधा दे कर , भाईचारे का जामा ओढ़ कर , नफ़रत के तीर चलाने लगते हैं l भाईचारे का फ़र्जी और कायर पाठ भी पढ़ाने लग जाते हैं l अदभुत माइंडसेट है l गज़ब का नैरेटिव है l
आह ऐसे ही तो बदनाम होती है l
हत्यारों को सैल्यूट करते हुए !
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