Thursday 24 June 2021

सूचना प्रसारण मंत्रालय से फ़ेसबुक की कड़ी शिकायत दर्ज की

फ़ेसबुक द्वारा बेवज़ह मेरी पोस्ट को हेट स्पीच बता कर हटाने और महीने भर के लिए मेरा अकाऊंट सस्पेंड करने के खिलाफ सूचना प्रसारण मंत्रालय से फ़ेसबुक की कड़ी शिकायत दर्ज की 

minister.inb@nic.in

amarendra.singh@gov.in


विषय : फेसबुक की दोहरे और अवैधानिक कार्रवाई के खिलाफ शिकायत 

महोदय ,

फेसबुक ने देश प्रेम और समाज सुधर संबंधी पोस्ट को अक्सर हेट स्पीच बता कर पोस्ट हटा देता है। और कि कभी हफ्ता भर , कभी महीना भर के लिए सस्पेंड कर देता है। अभी कल फिर एक स्वस्थ पोस्ट के लिए भी मुझे एक महीने के लिए अवैधानिक रूप से सस्पेंड कर पोस्ट हटा दिया है। 

आप से निवेदन है कि कृपया इस मामले को देखें और मेरी पोस्ट देखें फिर विचार कर कृपया फ़ेसबुक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर मेरी उक्त पोस्ट और मेरा एक महीने का सस्पेंसन रद्द करवा कर फ़ेसबुक पर मेरी बहाली करवा दें। 

23 जून की मेरी वह पोस्ट जिस पर मुझे एक महीने के लिए अवैधानिक रूप से प्रतिबंधित किया गया है 


मुस्लिम मित्रों को यह बात तो ख़ुद ही समझ लेनी चाहिए कि इस्लाम को खतरा किसी योग, किसी सूर्य नमस्कार, किसी पातंजलि या ऐसी किसी बात से बिलकुल नहीं है। 

हां, अगर खतरा सचमुच किसी से है इस्लाम को तो तालिबान से है, इस्लामिक स्टेट से है, धर्म के नाम पर जेहाद करने वाले उन तमाम लोगों से है जो उन्हें धर्म की अफीम से बरगलाते फिरते हैं। इस्लाम के नाम पर आतंकवाद की फसल बोने और काटने वालों से है। 
और यह खतरा सिर्फ़ मुस्लिम वर्ग को ही नहीं पूरी मनुष्यता को है। उन्हें खतरा मजहबी कठमुल्लों से है। बाकी धर्म के कठमुल्ले भी अपने-अपने धर्म में यही सब कर रहे हैं। इन सब से बच लेंगे तो जीवन गुड रहेगा। 

बाकी योग, सूर्य नमस्कार आदि तो आप की अपनी मर्जी, अपनी सुविधा, अपने विवेक का विषय है। करिए आप का मन, न करिए आप का मन! आप इसे अपने जीवन में रखिए या बंगाल की खाड़ी में फ़ेंक दीजिए, यह आप पर मुन:सर है। पर इस को ले कर व्यर्थ का विवाद बोना गुड बात नहीं है मित्रों। 

शांति से रहिए, शांति से रहने दीजिए सब को।

भवदीय :

दयानंद पांडेय 

5 / 7  डालीबाग़ आफिसर्स कालोनी , लखनऊ- 226001 

मोबाइल :  9335233424


फेसबुक को इस मेल आई डी पर यह लिख कर दिया है 

FBGOIndia@fb.com

विषय :  सूचना प्रसारण मंत्रालय में फेसबुक की इस दोहरे और अवैधानिक कार्रवाई की पुरज़ोर शिकायत करनी पड़ेगी

महोदय , 

कल मुझे अचानक फेसबुक पर एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया। क्या कि एक पोस्ट में मैं ने हेट स्पीच की है। क्या मजाक बना रखा है आप लोगों ने। दस-बीस लोग किसी व्यक्तिगत खुन्नस में किसी पोस्ट के बहाने रिपोर्ट कर दें तो आप कभी किसी बुलिंग के बहाने , किसी हेट स्पीच के बहाने जब चाहे सस्पेंड कर देते हैं। कभी हफ्ते भर के लिए , कभी महीने भर के लिए। यह ठीक नहीं है। कोई तथ्य और तर्क भी तो होना चाहिए। 


नीचे लिखी पोस्ट में कौन सी बात भला हेट स्पीच वाली बात है। आप ही बता दीजिए । इस पोस्ट के लिए कल  एक महीने के लिए मुझे प्रतिबंधित कर दिया है।  आप इस पर विचार क्र तुरंत मेरा सस्पेंसन खत्म करें। अन्यथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय में मुझे शिकायत करनी पड़ेगी। बिना तथ्य और तर्क के कार्रवाई करना बंद कीजिए। यह अंधेरगर्दी भी बंद कीजिए। भारतीय क़ानून और भारतीय परंपरा और देश प्रेम में यक़ीन कीजिए। सूचना प्रसारण मंत्रालय के नए क़ानून का पालन कीजिए। और स्पष्ट बताइए कि नीचे दर्ज पोस्ट में कौन सा वाक्य या शब्द हेट स्पीच के तहत आप को लगा है। मेरा स्पष्ट मानना है कि यह पॉजिटिव पोस्ट है। देश और समाज के हित में है। बता यह भी दूं कि यह रिपीट पोस्ट है। 23 जून की ही तारीख में बीते दो तीन साल हर बार यह पोस्ट किया है। अक्षरश: .तब यह पोस्ट हेट स्पीच नहीं थी , अब कैसे हो गई ? कृपया स्पष्ट करें। मेरा सस्पेंसन खत्म करें। नहीं सूचना प्रसारण मंत्रालय में मुझे फेसबुक की इस दोहरे और अवैधानिक कार्रवाई की पुरज़ोर शिकायत करनी पड़ेगी। 


मेरी पोस्ट  जिस पर मुझे एक महीने के लिए अवैधानिक रूप से प्रतिबंधित किया गया है 


मुस्लिम मित्रों को यह बात तो ख़ुद ही समझ लेनी चाहिए कि इस्लाम को खतरा किसी योग, किसी सूर्य नमस्कार, किसी पातंजलि या ऐसी किसी बात से बिलकुल नहीं है। 

हां, अगर खतरा सचमुच किसी से है इस्लाम को तो तालिबान से है, इस्लामिक स्टेट से है, धर्म के नाम पर जेहाद करने वाले उन तमाम लोगों से है जो उन्हें धर्म की अफीम से बरगलाते फिरते हैं। इस्लाम के नाम पर आतंकवाद की फसल बोने और काटने वालों से है। 
और यह खतरा सिर्फ़ मुस्लिम वर्ग को ही नहीं पूरी मनुष्यता को है। उन्हें खतरा मजहबी कठमुल्लों से है। बाकी धर्म के कठमुल्ले भी अपने-अपने धर्म में यही सब कर रहे हैं। इन सब से बच लेंगे तो जीवन गुड रहेगा। 

बाकी योग, सूर्य नमस्कार आदि तो आप की अपनी मर्जी, अपनी सुविधा, अपने विवेक का विषय है। करिए आप का मन, न करिए आप का मन! आप इसे अपने जीवन में रखिए या बंगाल की खाड़ी में फ़ेंक दीजिए, यह आप पर मुन:सर है। पर इस को ले कर व्यर्थ का विवाद बोना गुड बात नहीं है मित्रों। 

शांति से रहिए, शांति से रहने दीजिए सब को।

भवदीय :

दयानंद पांडेय 

5 / 7  डालीबाग़ आफिसर्स कालोनी , लखनऊ- 226001 

मोबाइल :  9335233424 





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