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सुलोचना वर्मा की फ़ोटो |
ग़ज़ल
सवालों में मुझे घेरे रहने की एक आदत सी है
हमारा इम्तहान लेने की तुम्हारी आदत सी है
गुलमोहर के ऊपर बादल है और बादलों में तुम
गुलमोहर के बागीचे में एक खिलखिलाहट सी है
तुम मुझे तड़पाओ या कि चाहे जितना सताओ
तुम्हें हर घड़ी देखते रहने में एक राहत सी है
तुम अपने दिल में इक छोटा सा मंदिर बनाओ
इस मंदिर में घंटी बन बजते रहने की चाहत सी है
एक नदी है हमारे मन के भीतर निरंतर बहती हुई
तुम भी मेरे साथ बहो मन में ऐसी छटपटाहट सी है
[ 11 जुलाई , 2016 ]
इस ग़ज़ल का मराठी अनुवाद
🌷 माझी परीक्षा घेण्याची तुझी सवय आहे🌷
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प्रश्नांत घेरुन राहण्याची,माझी एक सवय आहे.
माझी परीक्षा घेण्याची,तुझी सवय आहे.
गुलमोहरावरचे मेघ, मेघांत तू.
गुलमोहराच्या बागेत,एक हास्याचा खळखळाट आहे.
तू बेचैन कर,वाटेल तसे सतवत रहा मला.
सुख आहे माझे ,दर क्षणी पाहणे तुला.
हृदयात तुझ्या तू बनव एक छोटेसे मंदीर ,
ह्या मंदिरातील घंटा होवून,नादावयाची इच्छा आहे.
एक नदी आहे अतंर्मनात निरंतर वाहणारी,
वाहा माझ्या सवे तू ही,मनात अशी व्याकुळता आहे.
अनुवाद : प्रिया जलतारे
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एक नदी है हमारे मन के भीतर निरंतर बहती हुई
ReplyDeleteतुम भी मेरे साथ बहो मन में ऐसी छटपटाहट सी है---- अपने संग मन को बहा ले जाती हुई बेहतरीन पंक्तियाँ है सभी . बधाई !
Tum bhi baho mere sath..bahut khoob...
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