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| पेंटिंग : पिकासो | 
 ग़ज़ल / दयानंद पांडेय 
पीना-पिलाना अच्छा है पर कभी-कभी
हंसना हंसाना अच्छा है पर कभी-कभी
मैं तुम्हें ख़ुद से ज़्यादा चाहता हूं ऐसा
झूठ बोलना भी अच्छा है पर कभी-कभी 
प्यार करना , प्यार में जीना और तड़पना
प्यार में मरना अच्छा है पर कभी-कभी
इश्क-मुश्क और जीना मरना अच्छा है
प्यार में धोखा भी अच्छा है पर कभी-कभी
वफ़ा-बेवफ़ा , माजी , मौजू और हरारत
प्यार का टोटका अच्छा है पर कभी-कभी
यह बारिश , वह सर्दी , या मरी गरमी 
इकट्ठा जीना अच्छा है पर कभी-कभी
क्या कहा प्याज खरीदना , प्याज काटना
प्याज खिलाना अच्छा है पर कभी-कभी 
ग़ुरबत तोड़ देती है बड़े-बड़े सपने तो क्या   
ग़ुरबत का गर्व भी अच्छा है पर कभी-कभी
[ 29 अगस्त , 2015 ]

प्यार में मरना अच्छा है पर कभी-कभी!☺
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