Wednesday 15 April 2020

जी हां , हम हिंदू , मुसलमान करते हैं

मनो मुंबई से ट्रेन चलाने की मांग तो हम ने की है , किसी ठाकरे ने नहीं। हिंदू , मुसलमान कर के पाकिस्तान तो हम ने ही बनवाया। हिंदू , मुसलमान कर के भारत में तमाम मिनी पाकिस्तान भी हम ने ही बनाया। कश्मीर को हम ने ही दहकाया। हिंदू , मुसलमान कर के हम ने ही कहा कि पोलियो ड्राप मत पीना। हिंदू , मुसलमान कर के हम ने ही कहा कि आतंकी अफजल को सुप्रीम कोर्ट से फांसी , ज्यूडिशियल किलिंग है और कि नारा लगाया था , तुम कितने अफजल मारोगे , हर घर से अफजल निकलेगा। हिंदू , मुसलमान कर भारत तेरे टुकड़े होंगे , इंशा अल्ला , इंशा अल्ला ! सी ए ए की खिलाफत में देश भर में उपद्रव , दंगे हम ने ही तो करवाया देश भर में। हिंदू , मुसलमान कर , कर के मुंबई ब्लास्ट करवाया 1993 में हम ने ही। 

हम ने ही हिंदू , मुसलमान कर मुबई में 26 /11 करवाया 2008 में। लाल किला पर हमला करवाया , संसद पर हमला करवाया , हिंदू मुसलमान कर के हम ने ही। गोधरा में ट्रेन के डब्बे बंद कर लोगों को हम ने ही तो हिंदू , मुसलमान कर के जलाए। फिर गुजरात दंगे भी हम ने ही तो करवाए। देश भर में आतंकी घटनाएं हम ने ही तो हिंदू , मुसलमान कर के करवाए। हमारी हिम्मत और हौसला तो देखिए कि हम ने ही हिंदू , मुसलमान कर के पूरी दुनिया में आतंक फैलाया। कभी अमरीका में टावर गिराया , कभी लंदन तो कभी फ़्रांस में लोगों को मारा। लगातार मारा। मारता ही रहा दुनिया भर के लोगों को हिंदू , मुसलमान कर , कर के। हम तो हैं ही घिनौने। कभी मलियाना , हाशिमपुरा तो कभी मुरादाबाद करते हैं। कभी-कभी लखनऊ में शिया , सुन्नी का रियाज़ भी करते हैं।

क्यों कि हम ने ही समूची दुनिया में आतंक फैलाया , हिंदू मुसलमान कर के। हम ने ही कहा कि था कि शहर-शहर 100 दिन शाहीनबाग भले कर लेना लेकिन 21 दिन का लाकडाऊन मत झेलना। दिल्ली के ताजातरीन दंगे भी हम ने ही करवाए। हम ही हैं वह जिस ने हिंदू मुसलमान कर , निजामुद्दीन , दिल्ली के मरकज में हजारों लोगों को इकट्ठा कर के बताया कि मरने के लिए मस्जिद ही सब से बेहतर जगह है। हम ने ही हिंदू मुसलमान कर के देश भर में तबलीग जमात के लोगों को देश भर की मस्जिदों में छुपा कर कोरोना का कैरियर बनाया। लोगों के बीच भेज कर कोरोना फ़ैलाने का पुनीत काम किया। करते ही जा रहे हैं। हम ही हैं जो हिंदू , मुसलमान कर भगवान समझे जाने वाले डाक्टरों पर थूकने का , नर्सों के सामने नंगे नाचने का ट्रेंड विकसित किया। हम ही हैं जो हिंदू , मुसलमान कर दिया जलाने का विरोध करते हैं। ताली बजाने , घंटी बजाने का भी विरोध करते हैं। मजाक उड़ाते हैं। तंज करते हैं। क्यों कि कोरोना वारियर्स को वारियर्स नहीं गाय मानते हैं। कश्मीर मानते हैं। जन्नत को जहन्नुम बनाते हैं। 

तभी तो निर्भीक हो कर डाक्टरों पर थूकते हैं। शहर-शहर पत्थर मारते हैं। महिला डाक्टरों पर , नर्सों पर बेहूदा और अश्लील कमेंट करते हैं। क्यों कि हम जानते हैं कि औरतें खेती हैं पुरुषों की। यह ज्ञान हम को कुरआन से मिला है। सो दिल्ली जैसी जगहों पर भी डाक्टरों को अस्पताल के कमरों में दरवाजा बंद कर के छुपना पड़ता है। और कोरोना मरीजों की भीड़ उन पर टूट पड़ती है। कौन हैं यह लोग ? जेहाद का यह कौन सा काल है। मनुष्यता का यह कौन सा खंड है। निश्चित रूप से हिंदू , मुसलमान करने का ही खंड है। यही काल है। वह हम ही हैं। हम जो हिंदू , मुसलमान करते हैं। हम ही हैं जो हिंदू , मुसलमान कर के कभी दिल्ली , कभी मुंबई , कभी गुजरात के मज़दूरों को सड़क पर उतार देते हैं कि आओ घर चलने की बांसुरी बजाओ और कोरोना की गोद में सो कर अंतिम नींद सो जाओ। हिंदू , मुसलमान के इस खंड में जो लोग पढ़ना भी नहीं जानते , वह सोशल मीडिया समझते हैं। उद्धव ठाकरे की घात समझते हैं लेकिन शरद पवार का प्रतिघात नहीं समझते हैं। कि हम हिंदू , मुसलमान करते हैं और सिर्फ़ और सिर्फ यही समझते हैं। क्यों कि हिंदू , मुसलमान करने के इतिहास में हम इसी तरह खड़े हैं। सारी जहालत , सारा अपराध हमारा फिर भी हम मासूम और निर्दोष बन कर नमाज में खड़े हैं। 

नियम है कि रेडक्रास के लोगों पर यानी स्वास्थ्यकर्मियों पर कोई देश कभी हमला नहीं करेगा। कोई देश कभी करता भी नहीं है। विश्वयुद्ध ही नहीं , बाकी युद्ध में भी। समूची दुनिया में यह नियम लागू है। पालन भी होता है। सिर्फ भारत में ही , भारत के ही मुसलमान एम्बुलेंस समेत , डाक्टर , नर्स सभी पर हमलावर हैं। इस लिए कि हम हिंदू , मुसलमान करते हैं। 

लॉक डाऊन में भी , कोरोना के कहर में भी मिनी पाकिस्तान के यह लोग इतना सारा ईंट ,पत्थर कहां से बटोर लाते हैं। गली से लौंडे , छतों से औरतें , निर्बाध पत्थरबाजी करते दीखते हैं। घायल होते डाक्टर , पुलिस , एम्बुलेंस और उन की गाड़ियां ध्वस्त हो जाती हैं। घायल डाक्टर हॉस्पिटलाइज हो जाते हैं। जिस शहर की देखिए , उसी शहर में। आप गौर से देखिए हर शहर में बसे , मिनी पाकिस्तान से ही पत्थरबाजी हो रही हैं , कहीं और से नहीं। इसी लिए हम हिंदू , मुसलमान करते हैं। 

लोग हमें इतना प्यार करते हैं , हमारा इतना एहतराम करते हैं कि हमें शांति दूत कहते हैं और बड़े-बड़ों को हम से रश्क होता है। शांति दूत हैं हम। एम्बुलेंस हो , पुलिस की गाड़ी हो , हम सब का काम तमाम करते हैं। हिंदू , मुसलमान कर के ही हम अपने लक्ष्य में कामयाब हो सकते हैं। हम अकेले नहीं हैं। इस लक्ष्य को पाने के लिए कम्युनिस्ट हमारे साथ कंधे से कंधा मिला कर लड़ रहे हैं। कांग्रेस भी हमारे साथ है। मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान से जब-तब हमारे लिए फरमान ले कर आते रहते हैं। दलितों को भी हम अपने साथ ले कर जय भीम , जय मीम करते ही रहते हैं। हम शांति दूत हैं। हिंदू , मुसलमान करना बड़े काम की चीज़ है। किसी की हिम्मत नहीं कि हम पर कोई सर्जिकल स्ट्राइक तो छोड़िए , कानूनी कार्रवाई करने पर भी पसीना आ जाता है।  बड़ी-बड़ी अदालतें हमारी खातिर ही रात-रात भर जागती हैं , नहीं जानते आप। इसी लिए तो हम हिंदू , मुसलमान करते हैं। जी हां , हम हिंदू , मुसलमान करते हैं। यही तो हमारा सब से बड़ा कवच है। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे , आप ने सुना ही होगा , हम वही करते हैं। हां , हम डंके की चोट पर हिंदू , मुसलमान करते हैं। कुछ कर सकते हैं आप हमारा ?

तो कर लीजिए। 

2 comments:

  1. बेहद अफ़सोसजनक, इस सोच को बदलना होगा

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  2. इस कड़वे यथार्थ से तथाकथित नेता कब तक बचते रहेंगे

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