Saturday 26 May 2018

फिर भी नरेंद्र मोदी ने अपनी ताक़त और क्षमता भर देश की दिशा तो बदली ही है


आज भाजपा के नरेंद्र मोदी सरकार की चौथी सालगिरह है। सालगिरह बधाई देने का दिन होता है। मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं , न किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित , न किसी गिरोह का सदस्य कि आरोप प्रत्यारोप और पूर्वाग्रह की बात करूं। सामान्य नागरिक हूं , शिष्टाचार जानता हूं सो नरेंद्र मोदी और उन की सरकार को बहुत बधाई देता हूं । हार्दिक बधाई ! कांग्रेस का आज विश्वासघात दिवस मनाना दुर्भाग्यपूर्ण पूर्ण है। इस लिए भी कि कांग्रेस ने देश के साथ जितंना विश्वासघात किया है , किसी और ने नहीं। तमाम असहमतियों के बावजूद बतौर नागरिक मैं तो कहना चाहता हूं कि काश , नरेंद्र मोदी जैसे ईमानदार , मेहनती , जोशीले और स्पष्ट विजन वाले नेता देश में और भाजपा में दस-बीस और होते तो देश की दशा , दिशा और दृश्य कुछ और होता। फिर भी नरेंद्र मोदी ने अपनी ताक़त और क्षमता भर देश की दिशा तो बदली ही है। देश भर में शानदार सड़कों का शानदार जाल बिछा कर बुलेट ट्रेन की आस जगाई है। अब तो दिल्ली से मेरठ तक चौदह लेन की 45 मिनट के सफ़र वाली सड़क बनने जा रही है। नेट और मोबाईल की दुनिया स्मूथ हुई है। सस्ती और सुंदर भी। दुनिया में देश का झंडा ऊंचा किया है और भारत को दुनिया के शक्तिशाली देशों के समक्ष शान से खड़ा किया है। मोदी की विदेश नीति ने सिर उठा कर स्वाभिमान से चलना सिखाया है। पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग कर अकेला किया है। चीन , रूस , अमरीका , इंग्लैण्ड , ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से बराबरी से बात करने और बराबर होने का मान दिया है। फिलिस्तीन और इजराइल को एक साथ साधने की डिप्लोमेसी आसान नहीं है। यह बड़ी उपलब्धि है। देश के भीतर जोड़-तोड़ , लायजनिंग और दलाली की कांग्रेसी संस्कृति को नष्ट किया है। सर्जिकल स्ट्राइक , नोटबंदी और जी एस टी जैसे कड़े फैसले लिए हैं। काला धन पर कड़ाई से लगाम लगाई है। बेईमानों को उन की औकात बता दी है। रियल स्टेट को ज़मीन दिखा दी है। बेनामी संपत्ति ज़ब्त करने की बड़ी कार्रवाई भी इस सरकार के नाम दर्ज है। आर्थिक कदाचार में एक साथ चार पूर्व मुख्य मंत्री जेल में हैं। कुछ पूर्व मंत्रियों के साथ ढेर सारे आई ए एस अफसर भी आर्थिक कदाचार में जेल काट रहे हैं। इंजीनियर , डाक्टर और तमाम लोग भी। यह बड़ी बात है। हालां कि अभी यह कार्रवाइयां बहुत थोड़ी हैं। ऊंट के मुंह में जीरा जैसी हैं। 

राबर्ट वाड्रा जैसे भ्रष्ट लोग अभी भी जेल से बाहर हैं। मुलायम और मायावती जैसे आर्थिक घोटालेबाज लोग अभी भी कानून की पकड़ से दूर क्यों हैं। यह सवाल तो उठता ही है। टू जी स्पेक्ट्रम के अपराधी बरी हो चुके हैं। हज़ारो करोड़ ले कर चंपत हुए विजय माल्या , नीरव मोदी , मेहुल चौकसी , ललित मोदी जैसे भगोड़े अभी तक क़ानून की पहुंच से दूर क्यों हैं। यह ठीक है कि आतंकी घटनाएं अब कश्मीर से बाहर थम चुकी हैं लेकिन कश्मीर में भी आतंकी घटनाएं क्यों नहीं थमतीं। पत्थरबाजी पर लगाम क्यों नहीं लगती। पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक सिलसिलेवार क्यों नहीं होती ताकि उस के आतंक की कमर टूट जाए। दाऊद इब्राहिम , हाफ़िज़ सईद जैसे आतंकियों के गिरेबान तक सरकार क्यों नहीं पहुंची। धारा 370 को हटाना ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया। मंहगाई की तुलना अगर मनमोहन सरकार से कर के ही खुश होने की बात है तो फिर मोदी सरकार की ज़रूरत ही क्या थी। पेट्रोल , डीजल को जी एस टी से बाहर रखने की साज़िश और हिप्पोक्रेसी कब तक चलेगी। करोड़ों बेरोजगारों को अगर झुनझुना थमाना ही मकसद है तो मोदी सरकार अन्य सरकारों से अलग कैसे हुई भला। दलित एक्ट के धुआंधार दुरूपयोग पर अगर सरकार अंधी हो जाती है और सुप्रीम कोर्ट उस पर लगाम लगाती है तो दलित वोट के लालच में सुप्रीम कोर्ट की इस लगाम को लंगड़ी मारने की कवायद ज़रूरी क्यों है। यह तो कांग्रेसी रवैया हुआ। कांग्रेस इन्हीं सारे कारणों से तो जनता की नज़र में गिर गई। सत्ता से बाहर हो गई। 

सत्ता में बैठे रहने के लिए तिकड़म , छल-कपट और जोड़-तोड़ अब बाध्यकारी हो चला है , आप भी करिए लेकिन यह सब राजनीतिक पार्टियों तक ही सीमित रहे तो बेहतर है , जनता जनार्दन पर इन तौर-तरीकों को न ही आजमाएं तो बेहतर है। यह गाय , यह जिन्ना , यह हिंदू , मुसलमान राजनीति के विषय न ही बनें तो बेहतर। गाय बचाना ज़रूरी है लेकिन गाय बचाने के लिए इंसान को मारना भी ज़रूरी क्यों है। मनुष्यता है , तो ही गाय है , तो ही राजनीति है। हम हैं , आप हैं। तो नरेंद्र मोदी आप सालों-साल राज कीजिए।  देश , दुनिया और मनुष्यता की सेवा कीजिए। बस प्राथमिकताएं सही और संतुलित रखिए। कांग्रेस मुक्त भारत की कल्पना छोड़ दीजिए। लोकतंत्र में मज़बूत विपक्ष भी ज़रूरी है। लेकिन आप की इस कांग्रेस मुक्त तमन्ना के चक्कर में एक लतीफ़ा राहुल गांधी को नेता की स्वीकृति मिलती जा रही है। यह कांग्रेस का ही नहीं , देश का भी दुर्भाग्य है। इस ज़िद से मुक्ति लीजिए। देश में ढेर सरे शौचालय बनाइए , लतीफ़ा घर भी बनाइए लेकिन किसी व्यक्ति को लतीफ़ा में तब्दील नहीं कीजिए , व्यक्ति को लतीफ़ा बनाने से बचिए। लोग आप को जुमलेबाज कहते हैं , अपने ऊपर लगे इस लांछन से मुक्त होइए। 

नरेंद्र मोदी , अगले साल देश आज की तारीख में भरसक एक और चुनाव पार कर चुका होगा।  फिर सरकार आप की होगी या किसी और की सरकार होगी , हम नहीं जानते। लेकिन देश खूब खुशहाल हो , हिंसा और नफ़रत से दूर हो , नौजवानों को खूब रोजगार मिले , देश  भ्रष्टाचार मुक्त हो , मंहगाई मुक्त हो , आतंक और नक्सलियों से मुक्त हो , सड़क , बिजली , पानी और रोजगार से युक्त हो। विकास का सागर उछाल मारे। देश दुनिया में सिर उठा कर चले। यह कामना तो हम कर ही सकते हैं। चार साल की सरकार के लिए बहुत बधाई  ! भारत माता की जय , वंदे मातरम !

7 comments:

  1. एक चीज के लिए तो मेरा भी +
    जब 2008 में मैं भोपाल आया था तो बड़ी झील में जलकुंभी का साम्राज्य था और बजबजाता हुआ बदबूदार था. पूरा भोपाल शहर (मेरा पुराना शहर रतलाम भी धूल-गर्द से भरा था,) कचरे के साम्राज्य जैसा दीखता. भोपाल रेल्वे स्टेशन मल-मूत्र का स्टेशन था और बदबू से 5 मिनट भी ट्रेन का इंतजार असहनीय. पर लोगों को तब कोई फर्क नहीं पड़ता था.
    आज स्थिति स्वच्छ भारत की वजह से उलट है. झील साफ है, भोपाल भी साफ सुथरा. देश में 2रा सबसे स्वच्छ शहर.
    साफ-सफाई को प्रेरित करने का यह नया आइडिया इस सरकार का सबसे बड़ा + प्वाइंट तो है ही. नहीं तो लोग जहाँ बैठते थे, वहीं कचरा फैलाते थे, अब लोगों में जागरूकता तो आई ही है.
    जो इस बात को खारिज करेगा, वो यकीनन गंदा और गंदगी को पसंद करने वाला ही होगा. :)

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  2. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन बुन्देलखण्ड की प्रतिभाओं को मंच देगा फिल्म समारोह : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

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  3. खूबसूरत लेख ! बहुत सुंदर आदरणीय ।

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  5. वाह!!खूबसूरत प्रस्तुति ...आपकी बात से पूर्णतः सहमत ।

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