Monday 10 March 2014

मोदी अब एक नई दहशत हैं हिंदुस्तान ही नहीं, पाकिस्तान के लिए भी

लेकिन यह देश तो किसी एक मोदी की जागीर नहीं है

और अब लीजिए देश के तमाम-तमाम सेक्यूलर और मुसलमान समेत मीडिया ने जैसे मान लिया हैं कि नरेंद्र मोदी  हिंदुस्तान के नए प्रधान मंत्री हैं ठीक वैसे ही पाकिस्तान और पाकिस्तान के लोगों ने भी मान लिया है कि मोदी अब हिंदुस्तान के नए प्रधान मंत्री हैं। पाकिस्तान में भी मोदी की ऐसी तैसी शुरु हो गई है और जैसी कि पाक मीडिया की रिपोर्ट आ रही हैं उस के मुताबिक वहां के कठमुल्लों ने भी मुसलमानों को मोदी के डर में, लोगों को जीना सिखा रहे हैं। मोदी अब एक नई दहशत हैं पाकिस्तान के लिए भी। वहां के कठमुल्ले मोदी से न सिर्फ़ मुसलमानों को मोदी से डरा रहे हैं बल्कि मोदी को बाकायदा दहशतगर्द घोषित करते हुए बता रहे हैं कि मोदी यह नहीं देखेगा कि कौन शिया है, कौन सुन्नी, कौन यह, कौन वह, वह तो बस एक ही चीज़ देखेगा कि कौन मुसलमान है और काट कर फेंक देगा सो हिंदुस्तान और पाकिस्तान ही नहीं, दुनिया भर के मुसलमानों सावधान हो जाओ !  पाकिस्तान के कुछ लोग तो मोदी की तुलना पाकिस्तानी आतंकवादी फ़ैजुल्ला से कर रहे हैं। वही फ़ैजुल्ला जो लोगों के सर काट कर उन की नुमाइश करता है पाकिस्तान में। पाकिस्तान में एक वर्ग ऐसा है जो बाकायदा तालिबान और अफ़गानिस्तान को मोदी के खिलाफ़ खड़ा करने की हिमायत भी कर रहा है। हालां कि वहां हामिद मीर जैसे लोग भी हैं जो मोदी को दहशतगर्द मानने से इंकार कर रहे हैं और उन की तुलना फ़ैजुल्ला से करने को गलत बता रहे हैं। यह बता रहे हैं कि मोदी को कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है। और कि उन्हों ने किसी का सर नहीं काटा है। फ़ैजुल्ला की तरह। तरह-तरह के कयासों के बीच लेकिन मोदी पाकिस्तान में न सिर्फ़ चर्चा के सबब हैं बल्कि वहां के न्यूज चैनलों पर वह खलनायक बन कर उपस्थित हैं। और हर जगह चर्चा उन्हीं की हो रही है। हिंदुस्तान से भी ज़्यादा।
अमरीका अलग मोदी राग में मरा जा रहा है और उन के लिए वीजा आदि की सुगबुगाहट दिखा रहा है। हिंदुस्तान में तो खैर मोदी अब एक फ़ोबिया हैं। क्या दोस्त, क्या दुश्मन सब के सब मोदी का पहाड़ा पढ़ने में तल्लीन हैं।
आखिर ऐसा क्या है मोदी में?

कि अभी चुनाव का ऐलान हुआ ही हुआ है और नीतीश कुमार से लगायत कांग्रेस, वाम मोर्चा, तीसरा मोर्चा, बसपा, सपा, धर्मनिरपेक्ष ताकतों, केजरीवाल, कारपोरेट आदि-आदि और अमरीका तक ने स्वीकार कर लिया है कि नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना तय है। और अब पाकिस्तान भी ! अभी से इन सब ने इस पर स्यापा और विरोध एक साथ शुरु कर दिया है। यह टेलीविजन पत्रकारिता से उपजी टेलीविजन राजनीति भर नहीं है।
भारत के हर नगर, हर डगर, हर गांव हर गली में यही गूंज है। इन सब का एक स्वर है कि बस नरेंद्र मोदी को धूल चटाओ। तर्क-कुतर्क, हेन-तेन जैसे भी हो। गुजरात दंगे का दु:स्वप्न इन का एकमात्र हथियार है। और जाहिर कि थका और चुका हुआ हथियार है। एस आई टी और सुप्रीम कोर्ट तक ने क्लीन चिट दे दिया है लेकिन यह सारे के सारे लोग इस बात पर एकमत हैं कि येन-केन प्रकारेण भारतीय मुसलमानों में मोदी का डर ज़िंदा रखना है। बीच में एक लड़की की जासूसी आदि का ड्रामा भी क्षेपक के तौर पर इस्तेमाल हुआ। वह लड़की आज तक नहीं बोली है लेकिन लोग हैं कि तबाह हैं और साहब का रुपक ले कर पिले पड़े हैं। लेकिन बड़ा मामला मुसलमानों में मोदी का डर दिखाने का ही है। इन मुसलमानों को भी कोई यह समझाने वाला नहीं है कि यह देश किसी एक मोदी, किसी एक सोनिया, किसी एक कांग्रेस या किसी भाजपा भर का नहीं है। यह देश उन का भी उतना ही है जितना कि और सब का। जैसे सूरज और धरती सब की है वैसे ही यह देश भी सब का है। किसी एक की जागीर नहीं है यह देश।
इस एक मुद्दे पर कोई क्यों नहीं बात करता?
ज़रुरत इसी बात की है न कि मोदी के फ़ोबिया में हर क्षण मुसलमानों को डरा कर रखने में। देश को मुसलमानों को भी अपनी पड़ताल करनी चाहिए और उन्हें अपने को दीन-हीन मानना छोड़ कर अपना खुद का नेतृत्व विकसित कर देश के विकास में अपनी भूमिका खुद लिखने के लिए आगे आना ज़रुरी है। देश के मुसलमान जब तक अपने भीतर शिक्षा और इस की जागरुकता नहीं लाएंगे, मुख्य धारा में खुद बढ़ कर आगे नहीं आएंगे राजनीति के चूल्हे पर निरंतर ठगे जाते रहेंगे और मोदी जैसे लोग उन के लिए दहशत का सबब बने रहेंगे। यह सारी बातें न देश के हित में हैं, न मुसलमानों के हित में। दुनिया बदल रही है, मुसलमानों को भी बदलने की ज़रुरत है। उन्हें यह साफ तौर पर जान लेना चाहिए कि यह देश उतना ही उन का भी है, जितना किसी और का। लेकिन यह देश तो किसी एक मोदी की जागीर नहीं है, न किसी भाजपा, किसी कांग्रेस या किसी सोनिया, किसी राहुल आदि की जागीर है। बस यह अल्पसंख्यक नाम की टोपी उतार कर उन्हें मुख्य धारा में मिल जाने की ज़रुरत है। क्यों कि हाल फ़िलहाल देश के या दुनिया के राजनीतिज्ञ तो बदलने से रहे। वह तो अपनी वोट की रोटी सेंकने से बाज़ नहीं आने वाले। लेकिन जनाब आप तो उन के लिए गरम तवा बनना बंद करें ! सब ठीक हो जाएगा। मोदी भी।

1 comment:

  1. हर जगह मोदी मैनिया l वर्तमान राजनीतिक झगड़े पर बहुत अच्छा लेख l राजनीति के तेवर बदलते देर नहीं लगती l सही बात कि इस देश में पैदा हुये मुसलमानों का भी देश पर उतना ही हक है l बात तो हिम्मत की है.....

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