ख़ुशी होगी अगर कोई मित्र रवीश या एन डी टी वी की एक रिपोर्ट याद दिला दे जिस में टू जी स्पेक्ट्रम या कोलगेट पर कोई हमला या पर्दाफ़ाश किया गया हो। बल्कि सच तो यह है कि टू जी स्पेक्ट्रम और कोलगेट जैसे घोटालों की जड़ें एन डी टी वी में बरखा दत्त के रूप में कहीं गहरे उपस्थित थीं । नीरा राडिया के कंधे पर बैठ कर बरखा दत्त ने मनमोहन सिंह की शपथ के पहले ही ए राजा को संचार मंत्री का पोर्ट फोलियो थमा दिया था । लगता है वह टेप लोग भूल गए हैं । जिस में ए राजा जैसा भ्रष्ट, घाघ और कुटिल व्यक्ति बार-बार घिघिया रहा है और पूछ रहा है , इज इट क्लियर ? और बरखा उसे जैसे आशीर्वाद देते हुए कह रही हैं बिलकुल । बताईए कि प्रधान मंत्री की शपथ नहीं हुई है और एक दलाल पूरे विश्वास से मंत्री का विभाग तय किए दे रही है ।
और फिर उसी साल एन डी टी वी में एक साथ कई लोगों की झोली में पद्म सम्मान गिरे थे तो क्या मुफ़्त में ? बरखा दत्त से लगायत विनोद दुआ तक । दलाली वाया सेक्यूलरिज़्म भी होती है , यह हम तभी जान पाए थे । और यह देखिए पंकज पचौरी एन डी टी वी में बैठे-बैठे मनमोहन सिंह के सूचना सलाहकार भी बन गए । एन डी टी वी के कांग्रेस की दलाली के अनेक साक्ष्य तब भी थे , अब भी हैं।
रवीश कुमार तो इस कांग्रेसी दलाली के एक बहुत छोटे से टूल हैं। उन पर बहुत
वक्त या ऊर्जा जाया करने की ज़रूरत नहीं है। पड़ताल करनी ही हो तो प्रणय राय
की कीजिए । जो इन दिनों मनी लांड्रिंग और फेरा जैसे मामलों में क़ानून से दो-चार हैं । इलेक्ट्रानिक मीडिया में सेक्यूलरिज़्म की सारी प्रतिभा और दुकान
, सारी खेती इन्हीं प्रणय राय की है । देश की इलेक्ट्रानिक मीडिया में सेक्यूलरिज़्म
, असहिष्णुता , देशभक्ति , आज़ादी आदि के ट्रेड सेटर भी यही हैं । बहुत
साईलेंटली आपरेट करते हैं , बिना चीख़ पुकार के। कभी बरखा दत्त , कभी रवीश कुमार
जैसे टैलेंट को कबाड़ करने में बहुत प्रवीण हैं प्रणय राय । सिलसिला बहुत
लंबा है । बरखा दत्त जैसी बहादुर रिपोर्टर कार्पोरेट की दलाल बन गई और रवीश
कुमार जैसा प्रतिभावान , संवेदनशील रिपोर्टर संवेदनहीन भोंपू बन गया ,
कुतर्की और लाऊड बन गया ।
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ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " देशद्रोह का पूर्वाग्रह? " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (07-03-2016) को "शिव का ध्यान लगाओ" (चर्चा अंक-2274) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'