दयानंद पांडेय
अच्छा सोचिए कि हम आप के बहुत गहरे मित्र हैं l आप के घर का ऐश्वर्य और समृद्धि देखते हुए आप के घर में चोरी से घुस जाते हैं l आप के घर की चीज़ों का उपयोग करने लगते हैं l आप हमें पकड़ लें l तो हमारे साथ क्या आप दोस्ताना व्यवहार करेंगे ? हमें अपराधी नहीं मानेंगे ?
चीन में एक कहावत है कि आप इतने उदार भी मत बनिए कि किसी को अपनी बीवी गिफ़्ट कर दीजिए l
पर यह जो अमरीका ने अवैध नागरिक भारत को लौटाए हैं , उस पर जो हलचल और विरोध दिख रहा है , असल में सारी लड़ाई भारत में रह रहे अवैध नागरिकों को बचाने की रणनीति है l पेशबंदी है l कुछ और नहीं l
रही बात हथकड़ी और बेड़ी की तो ट्रंप ने ग़लती की l इन अवैध नागरिकों के मुंह पर हथकड़ी के साथ मास्क नहीं , मुंह काला कर के भेजना चाहिए था l हथकड़ी , मुंह काला ज़रूरी था l भले भारतीय ही क्यों न हों , अवैध नागरिकों में भय लाना ज़रूरी है l बहुत ज़रूरी ! अमरीका ने कोई पहली बार अवैध नागरिकों को भारत नहीं भेजा है l अकसर भेजता रहता है l जो बाइडेन के समय भी अवैध नागरिक , भारत भेजे गए हैं l बस भारत में ही यह काम मुश्किल दिखता है l भारत अवैध नागरिकों को दामाद बना कर रखता है l
नरेंद्र मोदी में हाला कि इतना साहस नहीं है पर ट्रंप के रास्ते चलते हुए मोदी को भी भारत में रह रहे अवैध नागरिकों के साथ यही सुलूक करना चाहिए l विपक्ष और मुट्ठी भर लोगों के विरोध की परवाह बिल्कुल नहीं करनी चाहिए l
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