Thursday 14 January 2016

ताजमहल भारत में है पाकिस्तान बना सकता नहीं



ग़ज़ल / दयानंद पांडेय 

पाकिस्तान आख़िर पाकिस्तान है सुधर सकता नहीं 
ताजमहल भारत में है पाकिस्तान बना सकता नहीं   

धरती आकाश समंदर बंटता है  उस का पानी भी 
पाकिस्तान का  माईंड सेट कोई बदल सकता नहीं

आतंक पाकिस्तानी सेना का मजहब है मुहब्बत दुश्मन 
खून ख़राबा उस का बुनियादी चरित्र जो बदल सकता नहीं  
 
फ़ौज भारत में भी है मनुष्यता की सर्वदा हामीदार होती है
 विपदा कैसी भी ऐसी  मदद कोई और तो कर सकता नहीं

भारतीय सेना मदद को दुनिया भर में बुलाई जाती है
पाकिस्तानी सेना से मदद कोई  देश मांग सकता नहीं
[ 14 जनवरी , 2016 ]

2 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (16-01-2016) को "अब तो फेसबुक छोड़ ही दीजिये" (चर्चा अंक-2223) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    नववर्ष 2016 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बुलंद कविता है ।
    seetamni. blogspot. in

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