Thursday, 7 April 2016

देश , देश न हो गौशाला हो और यह कसाई


जे एन यू में जब भारत विरोधी नारे लगे तो वह चुप थे  
ओवैसी ने जब कहा कि भारत माता की जय नहीं बोलूंगा
तब वह खुश थे , यह नाराज 

अनुपम खेर जब खड़े हुए देश भक्ति का नारा लगाते 
तो उन को सिनेमाई , भक्त और चमचा बता दिया 
देशद्रोही नारों को ग्लैमराइज और जस्टीफाई करने में जान लड़ा दी

जावेद अख्तर ने जब कहा कि 
बार-बार बोलूंगा भारत माता की जय 
वह फिर चुप हो गए , यह बोलने लगे

अमिताभ बच्चन ने तिरंगा लहराया 
क्रिकेट मैच जीतने की ख़ुशी में 
वह मजाक उड़ाने लगे , यह तिलमिलाने लगे

अब श्रीनगर की एन आई टी में 
तिरंगा लहरा कर वंदेमातरम भारत माता की जय बोल 
छात्र पिट गए हैं पुलिस से 

उन की देश भक्ति जाग गई है , बांछें खिल गई हैं
वह उन बच्चों के साथ मौखिक ही सही खड़े हो गए हैं 
वंदे मातरम देश भक्ति और भारत माता की जय अच्छा लगने लगा है 

वह बदलने लगे हैं 
लेकिन बदल अब यह भी गए हैं 
भूल गए हैं वंदे मातरम , भारत माता की जय 

भारत माता की जय न हो , वंदे मातरम न हो 
इन की और उन की सुविधा हो 
देश , देश न हो गौशाला हो और यह कसाई

वह बच्चे , बच्चे न हों , चिमपैंजी हों
इन की राजनीति का औजार हों
वामपंथ , कांग्रेस और आर एस एस की प्रयोगशाला हों , रंगशाला हों

कभी हैदराबाद , जे एन यू , जाधवपुर कभी एन आई टी श्रीनगर 
विष बुझी बयार में झुलस रहे हैं , नहा रहे हैं तेजाब में बच्चे 
वामपंथ , कांग्रेस और संघ के कछार में बाढ़ आ गई है देश डूब रहा है 

बचाने वाला कोई नहीं है


[ 7 अप्रैल , 2016 ]

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