Monday, 13 October 2014

इन लोगों को एक बड़ी खुशफहमी यह भी है कि यह लोग समाज में जहर बो कर बहुत बड़ी क्रांति कर रहे हैं


कुछ और फेसबुकिया नोट्स


  • कुछ लोगों को भारतीय परंपराओं, संस्कृति आदि से इतनी चिढ़ और घिन है कि उन का वश जो चले और जो उन के हाथ में परमाणु बम हो तो वह समूचे भारत को ही उड़ा दें। निःसंदेह यह मनुष्य विरोधी लोग हैं, मनुष्यता के दुश्मन। जातीय और मज़हबी हथियारों से लैस यह लोग जैसे सर्वदा आर डी एक्स लिए घूमते रहते हैं। सद्भाव या समभाव जैसे शब्द या अर्थ इन्हें कष्ट देते हैं , काट खाते हैं । जाने कहां-कहां के प्रसंग , अर्थ और मामले खोज-खोज कर , गड़े मुर्दे उखाड़-उखाड़ कर कुतर्क की चाशनी मिला-मिला कर मनमाफ़िक ध्वनियां निकालने के अभ्यस्त यह जहरीले लोग तर्क या सुतर्क जैसे जानते ही नहीं । सिर्फ जहर और जहर की खेती ही इन का मुख्य व्यवसाय है , मूल आधार है, मुख्य उद्देश्य है । इन लोगों को एक बड़ी खुशफहमी यह भी है कि यह लोग समाज में जहर बो कर बहुत बड़ी क्रांति कर रहे हैं ।


  • इस्लाम की रोशनी में कुछ चित्र




  • यह बात तो सदियों से साबित है कि शांति से बड़ा दुनिया में कोई विकल्प नहीं है। बुद्ध , महावीर सभी का यही संदेश है और यही निहितार्थ भी। अशोक से लगायत महात्मा गांधी तक ने इस सत्य को स्थापित ही नहीं ,सत्य साबित भी किया है। लेकिन क्या आमने-सामने लड़ रहे भारतीय उपमहाद्वीप के दो देशों के लोगों भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला को शांति का मिला नोबल सम्मान क्या इन दोनों देश के बीच भी शांति के लिए सेतु बन कर हमारे सामने उपस्थित हो सकता है? प्रार्थना और कामना दोनों है कि काश ऐसा ही हो जाए। दोनों देश आज की तारीख़ शांति के नए प्रतीक और नई मिसाल बन जाएं। इस शांति के नोबल का यह एक बहुत बड़ा संदेश यह भी तो है ।


  • महाराष्ट्र , हरियाणा में कहीं किसी जगह आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ रही है क्या ? या किसी के समर्थन में भी है क्या ? और जो नहीं है तो क्यों नहीं है ? यह या ऐसा कोई सवाल अरविंद केजरीवाल से किसी ने पूछा क्या ? और नहीं पूछा तो किस खुशी में ?


  • पाकिस्तान की तबीयत तो हरी हो गई आज । सरहद पर उस को अपनी गुंडई भारी पड़ गई । उलटे पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हल्ला बोल भी शरू हो गया है । गरज यह कि नरेंद्र मोदी ने यहां भी क़िला फतेह कर लिया । तो क्या मंहगाई आदि के मोर्चे को छोड़ कर इन विधान सभाई चुनावों में भी इस का लाभ बटोर लेंगे मोदी ? पाकिस्तान कार्ड उन के हक़ में जाएगा ?


  • नरेंद्र मोदी से नाराज कुछ सेक्यूलरिस्ट फेसबुक पर अब खुल कर पाकिस्तान परस्ती पर उत्तर आए हैं l और सबक सीखने के लिए पाकिस्तान से नहीं चीन के पास जाने की हुंकार भर रहे हैं और कि तजवीज दे रहे हैं l क्या यह देश अब सिर्फ नरेंद्र मोदी का ही है उन की राय में ? कुछ सेक्यूलरिस्ट गो-वध , गो-हत्या की तफ़सील भी ले कर खड़े हो गए हैं l कि जैसे गो-वध कितना सामान्य है इस देश और इस समाज में और कि इस गो मांस के बिना वह सांस नहीं ले पाएंगे इस कम्यूनल देश में l अजब नज़ारा है l एक व्यक्ति से खुंदक निकालने के लिए आप इस कदर गिर सकते हैं l यक़ीन नहीं होता इन की मनुष्यता पर l और इन की विवेकहीनता पर तो सिर्फ़ और सिर्फ़ तरस ही आता है l यह कौन सा सेक्यूलरिज़्म है भाई कि मोदी विरोध के शंखनाद में आप को अपने देश के खिलाफ खड़ा होना ज़रूरी लगने लगा है , अपने समाज के खिलाफ जहर उगलना ज़रूरी लगने लगा है ! असहमति और विरोध जताने के तमाम तार्किक तरीके भी हैं l उन पर अमल कीजिए मित्रों l यह नपुंसक और कायराना तरीका बंगाल की खाड़ी में बहा दीजिए l


  • अच्छा है आंख में धूल झोंकने का यह तरीका भी । बताइए कि भैया सहयोग राशि नहीं लेंगे पर मानदेय जिस को आप चाहें तो रायल्टी भी कह लीजिए भी क्या देंगे यह? हां पचास प्रतिशत छूट पर किताब ज़रूर देंगे । सरकारी खरीद में तो अस्सी प्रतिशत तक रिश्वत सहित छूट देते हैं पर फेसबुकियों की चार पेज की कविता छाप कर पूरी किताब बेचने का यह अचूक नुस्खा वैसे ही है कि रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लेंगे या कि हर लोन पर उपहार निश्चित ! और फ़ेसबुकिए भी मामूली नहीं हैं , टूट पड़े हैं गोया मामला कविता का न हो एक पर एक फ्री का हो ! जय हो इस छपास रोग और इस धंधे का ! न हर्र, न फिटकरी , रंग लगे चोखा !  


अयन प्रकाशन एक काव्य संकलन (फेस बुक के मित्र कवियों की रचनाएँ) के प्रकाशन की योजना बना रहा है। आप सभी मित्रों से अनुरोध है कि अपनी चार रचनाएँ, पासपोर्ट साइज फोटो व चार पंक्तियों का संक्षिप्त परिचय भेजें। प्रत्येक कवि को 4 पृष्ठ दिए जायेंगे। इसमें कोई सहयोग राशि अपेक्षित नहीं है। कविगण पुस्तक की जितनी प्रतियाँ चाहें 50% छूट पर ले सकेंगे।
रचनाएँ भेजने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2014 है। दिल्ली में फरवरी 2015 में होने वाले विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर इसका विमोचन किया जाएगा।
अपनी रचनाएँ वर्ड फॉर्मेट में टाइप करके मेल पर भेजें। अपना फोटो मेल पर भेजें। रचनाएँ जिस क्रम में आएंगी उसकी क्रम में छापी जाएंगी।
मेल i d है- ayanprakashan@gmail.com

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