जैसे कश्मीर में आतंकियों को बचाने के लिए पत्थरबाज सेना पर पत्थरबाजी करने लगते हैं , ठीक वैसे ही पश्चिम बंगाल में एक भ्रष्ट पुलिस अफसर को सी बी आई से बचाने के लिए ममता बनर्जी जिस तरह सारा प्रोटोकाल तोड़ कर पुलिस कमिश्नर के घर पहुंच गईं और फिर अपनी कैबिनेट के साथ धरना पर बैठ गई हैं । तो पत्थरबाजों और ममता बनर्जी में क्या फर्क है भला । यह तो जो है सो है ही , भारतीय गणतंत्र और लोकतंत्र पर बड़ा हमला किया है ममता बनर्जी ने । संविधान सचमुच अब खतरे में है , ममता बनर्जी के इस रुख से । क्यों कि सी बी आई जो भी जांच कर रही है , सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कर रही है , नरेंद्र मोदी सरकार के आदेश पर नहीं । अगर पश्चिम बंगाल पुलिस सी बी आई अफ़सरों को कैद कर सकती है , डिस्टर्ब कर सकती है , हाथापाई कर सकती है , सी बी आई आफिस को घेर सकती है , तो अगर सी बी आई सेना मांग ले सुप्रीम कोर्ट से तब क्या करेंगी ममता बनर्जी ? सी आर पी एफ़ तो खैर अब आ भी गई है मौके पर । याद कीजिए चारा घोटाले में सी बी ने जब लालू यादव को पहली बार गिरफ्तार किया तो सेना की ब्रिगेड बुला कर किया था । क्यों कि लालू भी इसी तरह आक्रामक रुख अपनाए हुए थे । लेकिन सेना देखते ही लालू और लालू के गुंडों की जमात ठंडी पड़ गई थी ।
ममता बनर्जी का यह आक्रामक रुख बताता है कि सी बी आई को कोलकाता में सेना की मदद ले लेनी चाहिए । इस पूरे घटनाक्रम से यह भी साबित होता है कि शारदा चिट फंड घोटाले की आंच ममता और उन के कैबिनेट के साथियों तक पहुंच रही है । 2013 के इस घोटाले की जांच के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया हुआ है । ममता बनर्जी ने खैर जो भी किया है , भारतीय गणतंत्र और लोकतंत्र पर बड़ा हमला किया है । संविधान सचमुच अब खतरे में है , ममता बनर्जी के इस रुख से । इस के दुष्परिणाम बहुत बुरे मिलने हैं । फ़िलहाल कोलकाता स्थित सभी केंद्रीय दफ्तरों पर सी आर पी एफ़ तैनात कर दी गई है। सी बी आई अफसरों को हालां कि अब ममता की पुलिस ने रिहा कर दिया है । खबरों में यह भी कहा गया है कि सी बी आई इस मामले को कल सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है । कहा यह भी जा रहा है कोलकाता पुलिस कमिश्नर चिट फंड घोटाले के तमाम सुबूत खत्म करने में लगे हैं । वैसे लालू और अखिलेश ने ट्विट कर ममता का साथ देने की बात कही है। जब कि सी बी आई ने आधी रात सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कह रही है ।
बेहद अफसोसजनक
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