Thursday, 8 February 2018

औरतें बहुत ज़रूरी हैं दुनिया के लिए

चित्र  : जे पी सिंघल 

मैं बूढ़ा भले हो रहा हूं
लेकिन एक औरत है
जो मुझे जवान बनाए रखती है 

एक औरत थी 
जो मुझे बच्चा बनाए रखती थी 
लेकिन वह मुझे छोड़ कर चली गई 

औरतें कई हैं मेरी ज़िंदगी में 
किसिम-किसिम की औरतें 
यह औरतें ही हैं 
जो ज़िंदगी को ज़िंदगी बनाए रखती हैं

औरतें नदी होती हैं
बहती हुई नदी
ज़िंदगी को साफ़ सुथरा रखती हैं

औरतों से हमारी बहुत बनती है
बनिस्बत पुरुषों के
औरतों से अच्छा कोई दोस्त नहीं होता

इस की शुरुआत घर से ही हुई
पिता से मेरी कभी ठीक से नहीं बनी
अम्मा में लेकिन जान बसती थी

अम्मा ने बीज दिए औरतों से दोस्ती के
औरतों ने विश्वास
इतना कि मैं पहली संतान बेटी ही चाहने लगा

हुई भी

अब दो बेटियां हैं
एक ससुराल चली गई
दूसरी बस जाने की तैयारी में है
लेकिन दोस्ताना जारी है दोनों से

यह औरतें न हों दुनिया में
तो मैं जी कर भी क्या करूंगा
जीना भी क्यों चाहूंगा

भला किस के लिए जीयूंगा
रोमांस किस से करूंगा
जवान कैसे रहूंगा

कहा न कि एक औरत है
जो मुझे जवान बनाए रखती है
और मैं सर्वदा जवान बने रहना चाहता हूं

इस लिए औरतें बहुत ज़रूरी हैं दुनिया के लिए
दुनिया को जवान बनाए रखने के लिए

[ 8 फ़रवरी , 2018 ]

1 comment:

  1. जीवन का सच यही है
    भावपूर्ण और प्रभावी
    सादर

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