दयानंद पांडेय
शांति से रहने वाले बहुसंख्यक पर जब अराजक और हिंसक अल्पसंख्यक का अत्याचार बहुत बढ़ जाए तो सदियों से अत्याचार सहने की जगह किसी भी देश को चीन की तरह पेश आना चाहिए l कुछ समय के लिए लोकतंत्र को मुल्तवी कर तानाशाह बन जाना चाहिए l
अराजक और हिंसक अल्पसंख्यक को चीन की तरह कुचल कर दुरुस्त कर देना चाहिए l चीन की तरह देशभक्त बनने की ट्रेनिंग देनी चाहिए l जैसे कि चीन तीस लाख से अधिक अल्पसंख्यकों को नज़रबंद कर देशभक्ति की ट्रेनिंग दे रहा है l अल्पसंख्यकों के तमाम धार्मिक चिन्ह और जगह ध्वस्त कर , उन्हें राइट टाइम कर चुका है चीन l भारत में कश्मीर , पश्चिम बंगाल , केरल , महाराष्ट्र , दिल्ली , उत्तर प्रदेश आदि हर कहीं यह राइट टाइम कर देने की सख़्त ज़रूरत है l
आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब इजराइल की तरह देना चाहिए l इजराइल ने जो सुलूक फ़िलिस्तीन , लेबनान , इराक़ जैसे देशों के साथ किया है , करता जा रहा है , पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ वही सुलूक भारत को करना चाहिए l
इसी तरह हर कहीं मनुष्यता और सभ्यता की तामील होनी चाहिए l शांति दूतों को सिर चढ़ा कर शांति नहीं आती l शांति आती है चीन और इजराइल की तरह इन राक्षसों को कुचल कर आदमी बना देने से l इन को इन की औक़ात बता देने से l
तमाम इतिहास और उदाहरण हमारे सामने हैं l सबक लेना , न लेना हमारे ऊपर है l लेकिन देश और मनुष्यता को बचाए रखने के लिए कोई राम या कृष्ण जैसा अवतार अब नहीं आएगा l ख़ुद ही तय करना होगा l
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