दयानंद पांडेय
यह अद्भुत संयोग है कि अपने समय का सर्वाधिक ख़ूंख़ार शासक औरंगज़ेब टोपियां सिलता था , अपनी आजीविका के लिए l आज के समय का एक औरंगज़ेब जेल में नींबू का अचार डाल कर , रोटी अचार खाने लगता है l इस भय से कि कहीं उस के भोजन में धीमा जहर न दे , दे सरकार l मसलन मुख़्तार अंसारी को जेल में ज़हर , धीमा ज़हर देने का इल्ज़ाम लगाता है , यह आज काऔरंगज़ेब l
इस क्रूर औरंगज़ेब को अगर धीमा ज़हर देना ही चाहे कोई सरकार तो रोटी वाले आटे में भी मिला सकती है l नींबू में भी l लेकिन विक्टिम कार्ड खेलने के लिए नींबू का अचार और रोटी का रोड मैप बनाना पड़ता है l सिर्फ़ नींबू अचार खा कर कोई पाँच साल तक स्वस्थ सानंद नहीं रह सकता l इतना कि विष बुझे संवाद बोल-बोल कर अपने गुनाहों की ढाल नींबू अचार को बनाना पड़ जाता है l
भारत माता को डायन बताने वाले , कभी पूरी अभद्रता से जया प्रदा की चड्ढी का रंग बताने वाले , कलक्टर से जूता साफ़ करवाने की हसरत रखने वाले इस क्रूर औरंगज़ेब को लोकतंत्र में नहीं , शरिया में यक़ीन है l समूचे उत्तर प्रदेश को बिना लाइसेंस के बूचड़खाने में तब्दील कर दिया था l मुलायम सिंह यादव को , अखिलेश यादव को बतौर मुख्य मंत्री , अपने इशारे पर नचाने वाले , रामपुर को जहन्नुम बनाने वाले इस आज के औरंगज़ेब को अभी क़ानून में ठीक से यक़ीन दिलाने के लिए अभी बहुत कुछ और करने की ज़रूरत है l इस औरंगज़ेब को नहीं मालूम कि जेल मैनुअल और क़ानून का राज है , देश और उत्तर प्रदेश में l
शुक्रिया है , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का कि इस औरंगज़ेब की कोर्निश बजाते हुए भी , इसे इस की बात में नंगा कर दिया है l इतना कि नींबू अचार पानी मांगे और टोपियां सिलने के लिए आईना मिल जाए l जब तक सज़ा का ऐलान नहीं होता , तब तक ज़मानत को इंजवाय करो , आज के औरंगज़ेब ! यह क्रूरता , हेकड़ी और अकड़ का जमजम तुम्हारे लिए ही है l
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