दयानंद पांडेय
मेरी पसंद और थी , उस की पसंद और
इतनी सी बात पर घर छोड़ना पड़ा l
सेना की अभी हुई प्रेस कांफ्रेंस देख-सुन कर अंजुम रहबर का यह शेर याद आ गया l सेना के प्रवक्ता लोगों का स्पष्ट कहना है कि सेना ने आपरेशन सिंदूर का लक्ष्य पूरा किया l फिर तीन दिन की अपनी बेशुमार उपलब्धियां बताईं l
सेना का लक्ष्य खैर जो भी था , जनता का लक्ष्य अलग था l जनता चाहती थी कि दाऊद , हाफिज सईद , मसूद टाइप आतंकवादी मारे गए होते या पकड़ लाए गए होते l जैसे अमरीका ओसामा बिन लादेन को अमरीका ने पाकिस्तान के उस के घर में घुस कर मारा और लाश, समुद्र में डुबो दी l
जनता की मंशा थी , पी ओ के को आज़ाद करवा कर भारत में मिला लेना l जनता का लक्ष्य था , पाकिस्तान के दो और टुकड़े करना l बलूचिस्तान भी लेकिन नहीं तोड़ पाए l जनता का लक्ष्य यह भी था कि प्रधानमंत्री का वह कहा कि कल्पना से बड़ी सजा , पाकिस्तान को मिलेगी l
यह लक्ष्य भी नहीं पूरा हुआ l
बाक़ी लक्ष्य यह भी था कि आतंकी पाकिस्तान मिट्टी में मिल गया होता तो आतंक से सर्वदा के लिए छुट्टी मिल जाती l जनता को उम्मीद थी , बहुत थी कि पाकिस्तान बाप-बाप करते हुए त्राहिमाम करता l पर जनता देख रही है कि पाकिस्तानी जनता , विजय जुलूस निकाल रही है l पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ़ का भाषण भी विजय गाथा के गुरूर में गब्बर बना इतरा रहा है l जब कि बहुत बोलने वाला हमारा प्रधान मंत्री , नरेंद्र मोदी , लंबी है ख़ामोशी, मीलों है तनहाई के गाने सुन रहा है l देशवासियों को दिलासा देने के लिए एक ट्वीट भी नहीं है l तिस पर कोढ़ में खाज यह कि सीज फायर का ऐलान ट्रंप कर देता है l भारत मान जाता है l पर पाकिस्तान सीज फायर की माँ-बहन करते हुए ड्रोन पर ड्रोन की अंत्याक्षरी खेलने लगा l बदले में इधर से बयान बहादुरी जारी रही l
सेना पर टिप्पणी करने की कोई मंशा नहीं है l सैल्यूट है सेना को l सेना के पराक्रम को l पर देश नहीं झुकने दूंगा ! की गगन भेरी आपरेशन सिंदूर में अनुपस्थित क्यों है ? सिंदूर की शान और सौगंध की सुगंध कहीं नील गगन में गुम हो गई लगती है l धरती पर नहीं उतरी l आ
आई एम द्वारा करोड़ों का लोन ज़रूर पाकिस्तान की धरती पर उतर आया l भारत की सारी डिप्लोमेसी का टायर फट गया l
और हाँ , प्रिंट और सोशल मीडिया में राफेल की उड़ान को चीन द्वारा किस तरह जकड़ कर उस की शान को चकनाचूर कर दिया , की चल रही कहानियां सच हैं कि झूठ ? इस पर कौन बोलेगा ? सेना , रक्षा मंत्री कि प्रधानमंत्री ? या यह कहानियां ऐसे ही उड़ती रहेंगी ? राफेल की विफलता ही तो नहीं है , अचानक सीज फायर के फ़ैसले में ? ख़बरों में कहा गया था कि सेना के निशाने पर कुल 21 आतंकी ठिकाने थे पर ध्वस्त 9 ही किए गए l शेष 12 आतंकी ठिकाने कब और कौन ध्वस्त करेगा ? कब तक मुंहतोड़ जवाब देते रहेंगे ? सेमीफ़ाइनल खेलते रहेंगे ?
फ़ाइनल कब खेलेंगे ?
सीज फायर के काली दाल की कैफ़ियत में सुलगते सवालों के अनगिन सागर लहरा रहे हैं l सागर किनारे , दिल ये पुकारे , तू जो नहीं है मेरा कोई नहीं है ! गाना गाने के लिए नहीं l जवाब पाने के लिए l
पर यह जवाब कौन देगा ?
जवाब मिलने तक न्यूज चैनलों पर रिटायर्ड सैनिकों और साक्षर एंकरों द्वारा मुर्गे , कबूतर लड़ाते हुए वीर रस के आख्यान सुनिए और देखिए l सिंदूर जैसे किसी और आपरेशन की प्रतीक्षा कीजिए l
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