कृपया मुझे यह कहने की अनुमति दीजिए कि माओवादियों को गांधीवादी और गांधी को कारपोरेट एजेंट यानी दलाल बताने वाली बुकर विनर अरुंधती राय अब पूरी तरह देशद्रोही की भूमिका में उपस्थित हैं। अरुंधती राय का ताजा देशद्रोही बयान है : कोरोना संकट की आड़ में भारत सरकार हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव बढ़ा रही है। हालात जातीय या सामूहिक संहार की ओर बढ़ रहे हैं। एक तरफ सरकार और समाज कोरोना से लड़ने में युद्धरत है लेकिन अरुंधती राय देश से लड़ने में व्यस्त और न्यस्त हैं। क्या सचमुच बकौल अरुंधती राय कोरोना के बहाने जातीय या सामूहिक संहार कर रही है सरकार ?
दरअसल अरुंधती राय की पूरी दुकानदारी भारत विरोध और हिंदू , मुसलमान के बीच जहर की नागफनी उगाने की ही है। कश्मीर को वह भारत का अंग नहीं मानतीं। अफजल की फांसी को भारतीय लोकतंत्र पर दाग बताती हैं। पाकिस्तान और मुसलमानों के काले कारनामों पर सर्वदा परदा डालना , जहर बोना ही अरुंधती राय की खेती है। भारतीय सेना को बलात्कारी बताने वाली अरुंधती आदिवासियों को भी जब-तब हथियार बनाती रहती हैं। यह वही अरुंधती राय हैं जो कहती रही हैं कि यदि एन.पी.आर के लिए सर्वे करने के लिए सरकारी कर्मचारी आपके घर जाएं तो आप उन्हें अपना गलत नाम और पता बता दीजिए।
गरज यह कि जैसे भी बने उन्हें भारत विरोध ही करना है। अरुंधती राय ही नहीं सारे वामपंथी बुद्धिजीवियों की ही यही खेती है। अरुंधती राय तो बस किसी गड़रिए की तरह वामपंथी भेड़ों को चलने के लिए एक रास्ता सुझाती हैं और सारी भेड़ें आंख मूंद कर तुरंत चल देती हैं। तो अरुंधती राय ने अगर कोरोना में भी हिंदू , मुसलमान कर के एक बार फिर अपनी देशद्रोही दुकानदारी को एड्रेस किया है तो कोई नई बात नहीं की है।
सरकार कायर है जो अरुंधती राय जैसी देशद्रोहियों को लोकतांत्रिक अधिकार के नाम पर , अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर देशद्रोही गतिविधियों को अंजाम देने देती है। अरुंधती राय जैसों का दिमाग इसी लिए ख़राब रहता है। सो दोष अरुंधती राय या इन जैसों का नहीं , कायर सरकार का है। अगर किसी एक को भी मेरी इस बात पर ऐतराज है कि अरुंधती राय देशद्रोही हैं तो अरुंधती राय का कोई एक ऐसा बयान या गतिविधि बता दे कि उन्हों ने यह बात देश के समर्थन या देश को जोड़ने के लिए भी की है। एक नहीं मिलेगी। मेरा स्पष्ट मानना है कि अरुंधती राय का हर बयान , हर गतिविधि देश को तोड़ने के लिए ही दिखी है। इसी लिए वह देशद्रोही हैं।
यह तुच्छ महिला है इसकी दुकान पर ताले लग गया है इसलिए नये हथकंडे अपना रही है दूसरे दुकान में आशा लगाये बैठी । सर्वप्रथम इस नीच के उपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर जेल की सलाखों में डाल दिया जाना चाहिए। किंतु लगता है कि मोदी सरकार इन वामिंयों से डर रहें हैं।
ReplyDeleteक्या कहा जाये,
ReplyDeleteनिकृष्ट लोगों के बारे में।
ऐसे लोगो का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए ।
ReplyDeleteएक नई प्रवृति पर अक्सर ध्यान जा रहा है कि इन छद्म बुद्धिजीवियों की दोगली तहरीरों से ऊबकर आम पंथ निरपेक्ष व्यक्ति का भी झुकाव अब दक्षिण पंथ की ओर होने लगा है और धीरे-धीरे ये तथाकथित सेकुलर हास्यास्पद होते जा रहे हैं और हाशिये पे जा रहे हैं।
ReplyDeleteDogali jati ki paidaish hai ye kutiya
ReplyDeleteIski dukandari khatm ho chuki hai isliye pagla gayi hai
ReplyDeleteYes,The dirty politicians & some media are deviding this nation communaly.
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