Tuesday, 31 March 2020

तो कोरोना भी क्या किसी जेहाद का औजार बन गया है ?


तो कोरोना फैला कर देश को मुश्किल में डालना भी किसी जेहाद का हिस्सा है। आखिर बीच लॉक डाऊन दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित मरकज का मकसद क्या था ? 15 देशों के कोई 500 से अधिक जेहादी इस मरकज में शामिल हुए थे। लॉक डाऊन में भी इन की मजलिस चालू रही। कोरोना ले कर आए विदेशी जेहादी भी इस में जी-जान से लगे रहे। शाहीन बाग़ के प्रणेता अरविंद केजरीवाल को तो इस तरफ से आंख मूंद कर रहना ही था पर निकम्मे गृह मंत्री अमित शाह और उन की दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी भला ? अमित शाह की निकम्मई और लापरवाही अभी देश को जाने कितना मुश्किल में डालने वाली है। अब तो यह भी साबित हो गया है , निरंतर साबित होता जा रहा है कि भाजपा , कांग्रेस से कहीं ज़्यादा मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही है। तमाम मामले इस के सुबूत हैं। जब कि भाजपा , कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टिकरण को ही मुद्दा बना कर लोकसभा के बीते दो चुनाव जीत चुकी है। 
यह भाजपा के मुस्लिम तुष्टिकरण का ही नतीजा है कि निजामुद्दीन मरकज से निकले सैकड़ो जेहादी कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश भर में फ़ैल गए हैं। मरकज में शामिल विभिन्न जगहों से दस जेहादी तो खुद आत्मघाती बम बन कर एक ही दिन में 72 हूरों की प्राप्ति के लिए कूच कर गए हैं। कुछ छुप गए हैं , कुछ क्वारंटीन कर दिए गए हैं। अभी जाने कितने , कितनों को संक्रमित कर चुके होंगे , कितनों को करेंगे। अकेले दिल्ली में मरकज के चक्कर में सैकड़ों लोग कोरोना की चपेट में आ कर अस्पताल में हैं। यह मोदी विरोध की बीमारी में लॉक डाऊन को फेल करने का जेहाद , लीगी मानसिकता , तिस पर सेक्यूलरिज्म का तड़का , कोरोना की फसल को फूलने , फलने में गजब किरदार निभा रहा है। कोढ़ में खाज यह कि इस बाबत एक मौलाना के खिलाफ हुई एफ आई आर को रद्द करने के लिए देशव्यापी मुहिम शुरू हो गई है। जेहाद चालू आहे ! देश जाए भाड़ में। मनुष्यता की ऐसी-तैसी। 
मौत के दूतों , लोग तंज में आप को , आप के समुदाय को शांति दूत कहने लगे हैं। इस से भी कुछ समझ में नहीं आता ? अपने मुंह का कालिख छुपाने के लिए संविधान का पहाड़ा पढ़ने वाले यह कुछ लोग , इस्लाम पहले , देश बाद में , की रट लगाने वाले लोगों को यह तो जान ही लेना चाहिए कि कोरोना मोदी नहीं , साक्षात यमराज है। कोरोना काफिर और जेहादी में फर्क नहीं करता। इस की रोकथाम की कोई दवा दुनिया में फ़िलहाल नहीं है। है तो सिर्फ लॉक डाऊन।  अकेले रहना। घर में रहना। किसी से न मिलना। मजलिस , नमाज , पूजा , अरदास आदि कोई भी कोरोना की काट नहीं है। जेहाद भी नहीं। अब से सही , मूर्खता से नहीं , बुद्धि और संयम से काम लें। कोरोना के विदा होने के बाद जेहाद कर लीजिएगा। मोदी को नेस्तनाबूद कर लीजिएगा। अभी तो अकेले रह कर कोरोना को पीटिए और भगाइए। जान है तो जहान है।

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