सरोकारनामा

Tuesday, 7 October 2025

गुस्से में हाईकोर्ट के जस्टिस की कुर्सी पर पेशाब !

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दयानंद पांडेय कोई पचीस बरस पहले मेरा एक उपन्यास प्रकाशित हुआ था , अपने-अपने युद्ध। अपने-अपने युद्ध में एक चरित्र है संजय। न्यायपालिका के रवै...
Sunday, 5 October 2025

टोपी , रोटी और नींबू का अचार

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दयानंद पांडेय यह अद्भुत संयोग है कि अपने समय का सर्वाधिक ख़ूंख़ार शासक औरंगज़ेब टोपियां सिलता था , अपनी आजीविका के लिए l आज के समय का एक औरं...
Sunday, 31 August 2025

शंभुनाथ की विभा

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दयानंद पांडेय  शंभुनाथ जी को अभी याद करते हुए दिनकर की एक काव्य पंक्ति याद आती है : मुझे क्या गर्व हो अपनी विभा का। सचमुच ज़रा भी गर्व , ज़रा ...
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Wednesday, 27 August 2025

यादों की देहरी की कैफ़ियत

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डॉ. सुरभि सिंह हिंदी साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में दयानंद पांडेय जी का नाम किसी परिचय की सीमा में नहीं बंधा है। उनके द्वारा लिखी गई स...
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Tuesday, 19 August 2025

प्रेम का शोक गीत

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 भवतोष पांडेय  ‘तुम्हारे बिना’ वरिष्ठ साहित्यकार श्री दयानंद पांडेय का एक भावनात्मक कहानी-संग्रह है, जिसमें प्रेम, वियोग, समाज, संवेदना और स...
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