कथा-गोरखपुर के सभी सम्मानित कथाकारों और सम्मानित पाठकों के लिए हर्ष का समाचार है। हमारी मेहनत , संयम , आप का सहयोग और धैर्य रंग लाया। आप सभी को अग्रिम बधाई ! बस किताब जल्दी ही आप के हाथ होगी। डायमंड बुक्स का हार्दिक आभार , 81 कथाओं की कथा-पुष्प की माला में गुंथे कथा-गोरखपुर को इतनी जल्दी सब के सामने उपस्थित करने के लिए। लेखकों का स्वाभिमान और सम्मान बनाए रखने के लिए भी डायमंड बुक्स का बहुत आभार। आभार प्रतिष्ठित कलाकार अवधेश मिश्र का भी। अवधेश मिश्र की पेंटिंग ने कथा-गोरखपुर की चमक में खनक भर दिया है। कथा-गोरखपुर की ख़ास ख़ासियत यह है कि कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर हैं। इन कथाओं में गोरखपुर की माटी ऐसे बोलती है जैसे मां बोलती है। भोजपुरी का खदबदाता मानस इन कथाओं की बड़ी ताक़त है। एक से एक अद्भुत प्रेम कथाएं हैं। परिवार के बीच खदबदाती और सामाजिक कथाओं का कसैलापन कथा-गोरखपुर की कहानियों के फलक पर अपने पूरे पन में उपस्थित हैं।
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