कथा-लखनऊ के सभी सम्मानित कथाकारों और सम्मानित पाठकों के लिए हर्ष का विषय। हमारी मेहनत , संयम , आप का सहयोग और धैर्य रंग लाया। आप सभी को अग्रिम बधाई ! बस किताब जल्दी ही आप के हाथ होगी। डायमंड बुक्स का हार्दिक आभार , 178 कथाओं की कथा-पुष्प की माला में गुंथे कथा-लखनऊ को इतनी जल्दी सब के सामने उपस्थित करने के लिए। लेखकों का स्वाभिमान और सम्मान बनाए रखने के लिए भी डायमंड बुक्स का बहुत आभार। आभार प्रतिष्ठित कलाकार मदनलाल नागर के सुपुत्र अक्षय नागर का , आभार प्रतिष्ठित कलाकार अवधेश मिश्र का भी। आभार प्रतिष्ठित फ़ोटोग्राफ़र रवि कपूर का भी। मदनलाल नागर , अवधेश मिश्र की पेंटिंग तथा रवि कपूर की फ़ोटो ने कथा-लखनऊ की चमक में चांदनी भर दी है। अप्रतिम चांदनी। जैसे गोमती नदी चांदनी में नहाती हुई , बल खाती हुई लखनऊ से लिपटती हुई कल-कल बहती है ठीक वैसे ही कथा-लखनऊ के कवर पर यह पेंटिंग , यह फ़ोटो कथा-लखनऊ को लपेटे हुए इस में संकलित कथाओं की चांदनी में चमक भरती हुई मिलती हैं। अविकल कल-कल।
No comments:
Post a Comment