Wednesday, 1 April 2020

नरेंद्र मोदी का इस्तीफ़ा , सोनिया भाजपा में शामिल , बनीं प्रधान मंत्री

आखिर कोरोना को कंट्रोल करने में जी-जान से लगे नरेंद्र मोदी ने निजामुद्दीन , दिल्ली के तबलीग जमात से हार कर उन के आगे सरेंडर करते हुए आज देर शाम प्रधान मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया। अमित शाह ने उन्हें बहुत समझाया। पर वह एक न माने। नरेंद्र मोदी इस्तीफ़ा दे रहे हैं यह खबर सुनते ही राजनाथ सिंह दौड़ते हुए प्रधान मंत्री आवास पहुंचे। कहा कि अगर आप इन कोरोना जेहादियों से हार गए हैं तो हार जाइए। मैं नहीं हार सकता। मुझे प्रधान मंत्री पद के लिए नामित कर दीजिए। अमित शाह इस पर भड़क गए। बोले , तो मैं क्या बुरा हूं ? 370 खत्म किया है , तीन तलाक समाप्त किया है , कोरोना और कोरोना जेहाद भी खत्म कर दूंगा। राजनाथ ने अमित शाह की कड़ी निंदा करते हुए कहा , मालूम है , मालूम है।  जो आदमी शाहीनबाग की एक सड़क न खाली करवा पाए , तीन दिन तक दिल्ली को दंगों में जलाता रहे , वह इतनी डींगे न मारे। अगर श्रद्धेय भगवत जी न होते तो देखता आप क्या करते। सारा भोजन माननीय मोदी जी ने पकाया , आप ने सिर्फ परोस दिया तो क्रेडिट आप की ? अगर मैं न होता तो क्या होता मालूम है आप को ? फिर मैं माननीय मोदी जी से भी सीनियर प्रचारक हूं , यह ध्यान रखिए। 

इस्तीफे की खबर सुन कर लालकृष्ण आडवाणी भी मुरली मनोहर जोशी के साथ प्रधान मंत्री निवास पहुंचे।  मोदी दोनों के चरण स्पर्श कर चुपचाप बैठ गए। चबा-चबा कर मोदी से आडवाणी बोले , नालायक अगर नहीं संभाल सकते इन जेहादियों को तो गद्दी मुझे सौंप। पुराना गृह मंत्री हूं। इन का नस-नस जानता हूं। रथ यात्रा कर चुका हूं। सिंध से आया सिंधी हूं। चुटकी बजाते ही इन जेहादी नर भक्षियों को राइट टाइम कर दूंगा। राजनाथ सिंह बोले , आडवाणी जी , अब आप बूढ़े शेर हैं। पुराना गृह मंत्री मैं भी हूं। तब तक योगी का हेलीकाप्टर प्रधान मंत्री निवास में उतरा। वह उतरते ही सीधे बैठक में पहुंचे। मोबाईल पर भागवत को होल्ड करवाए हुए थे , सो मोबाईल सीधे मोदी को पकड़ाते हुए बोले , माननीय भगवत जी से बात करें। भागवत को नरेंद्र मोदी ने चरण स्पर्श बोला। और चुप हो गए। जल्दी ही मोबाईल योगी को वापस देते हुए उन्हें कस के घूरा। जैसे कभी शी जिनपिंग को घूरा था। बोले , यह जेहादी , मुझ से भी ज़्यादा घृणा , आप से करते हैं। पता है ? आप मुख्य मंत्री ही ठीक हैं। प्रधान मंत्री बनने के लिए अभी और तजुर्बा लीजिए। मेरा गुजरात का तीन बार मुख्य मंत्री बनने का तजुर्बा , प्रधान मंत्री का यह और पिछला तजुर्बा नाकाम हो गया है। मोदी बोल ही रहे थे , तभी स्मृति ईरानी भी आ गईं। जैसे कभी नेतान्यहू की पत्नी को मीठी नज़र से घूरा था , जैसे कभी अटल जी ने मुशर्रफ की बेगम को रश्क की नज़र से घूरा था , कुछ-कुछ वैसे ही मोदी ने स्मृति ईरानी को घूरा। तभी निशंक और मुख़्तार अब्बास नकवी भी कमरे में दाखिल हुए। मोदी ने इन की तरफ देख कर भी नहीं देखा। 

अचानक ज्योतिरादित्य सिंधिया , अपने पुराने मित्र राहुल गांधी को ले कर कमरे में आते दिखे। वह बैठे ही थे कि दिग्विजय सिंह दरवाजे से झांकते दिखे। मोदी ने सिंधिया को घूरा। सिंधिया ने राहुल को आंख मारी। राहुल लेकिन समझ नहीं पाए। तो सिंधिया ने कान में कुछ कहा , राहुल के। राहुल उठ खड़े हुए। बोले , मोदी जी , जो भी करना हो जल्दी कीजिए। शाम ज़्यादा हो गई है। हमारे राष्ट्रीय कार्यक्रम का समय हो गया है। मुझे जाना होगा। जब तक मैं नहीं जाऊंगा , दिग्विजय ऐसे ही ताक-झांक करता रहेगा। मोदी ने नज़र नीचे कर हाथ जोड़ लिए। राहुल गांधी ने अपने फ़टे कुर्ते की जेब में हाथ डाल कर कुछ टटोला और कमरे से ऐंठते हुए बाहर निकल गए। अब कमरे में घटाटोप चुप्पी छा गई। आडवाणी ने पिन ड्राप साइलेंस चुप्पी को तोड़ा , जोशी को आहिस्ता से देखा। दोनों ने अपने पुराने मतभेद भुला कर आंखों-आंखों में बात की। और चुप हो गए। तभी एम जे अकबर आए। सीधे , मोदी के कान तक पहुंचे। कुछ कहा और हाथ बांधे वहीँ खड़े रहे। 

मोदी अचानक उठ खड़े हुए। आडवाणी जी के पास पहुंचे। उन के फिर पांव छुए। और प्रसून जोशी की लिखी कविता का पाठ शुरू कर दिया :

सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा

मैं देश नहीं झुकने दूंगा
मेरी धरती मुझसे पूछ रही कब मेरा कर्ज चुकाओगे

मेरा अंबर पूछ रहा कब अपना फर्ज निभा ओगे
मेरा वचन है भारत मां को तेरा शीश नहीं झुकने दूंगा

सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा

अभी मोदी यह कविता पाठ कर ही रहे थे कि मुरली मनोहर जोशी भन्ना कर बोले , असली बात पर आइए प्रधान मंत्री जी। कविता तो माननीय अटल जी पढ़ते थे। अपनी कविता। आप अपनी बात कहिए। 

नरेंद्र मोदी ने फौरन जोशी जी का चरण स्पर्श किया और कहा कि मैं ने अपनी बात कह दी है। मैं इस्तीफ़ा दे रहा हूं और देश को खतरनाक मोड़ से निकालने की गरज से एक महिला को प्रधान मंत्री पद के लिए नामित कर रहा हूं। महिला ही अब देश को संभाल सकती है। लोगों की नज़र अचानक स्मृति ईरानी की तरफ घूम गई। स्मृति ईरानी अपनी बड़ी-बड़ी आंखों से मुस्कुराईं। लेकिन तभी उन की मुस्कुराहट पर तुषारापात करते हुए मोदी बोले , माननीया सोनिया गांधी जी को प्रधान मंत्री पद के लिए नामित कर रहा हूं। क्यों कि देश को कोरोना के खतरे से निकालने की राह में हमारे मुस्लिम भाई-बहन बहुत रोड़ा बन कर उपस्थित हो गए हैं। और इन को इस समय माननीया सोनिया गांधी ही मना सकती हैं। वहीँ संभाल सकती हैं। 

पर नरेंद्र भाई , आप तो कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते रहे हैं। आडवाणी ने मोदी का हाथ पकड़ते हुए कहा। 
नरेंद्र मोदी ने आडवाणी जी की तरफ पलट कर कहा , कांग्रेस मुक्त की तरफ ही एक कदम है यह। नड्डा जी , 10  , जनपथ गए हैं उन को भाजपा की सदस्यता दिलवाने के लिए। भाजपा की सदस्य्ता लेते ही कांग्रेस मुक्त भारत हो जाएगा। मुस्लिम भाई बहन , जो इन दिनों निरंतर बगावत पर हैं , देश को मिट्टी में मिलाने पर आमादा हैं मुसलसल , कोरोना नामक यमराज उन के हाथ आ गया है। अब यह क़ानून व्यवस्था का मसला नहीं है। देश को बचाने का समय है माननीय आडवाणी जी ! मुझे मत रोकिए। देश को मरते हुए मैं नहीं देख सकता। मैं कांग्रेस से लड़ सकता हूं। हिप्पोक्रेट कम्युनिस्टों से लड़ सकता हूं। पर इन देशद्रोहियों , समाजद्रोहियों और लीगियों से नहीं। देश बच गया तो सोनिया जी को बाद में देख लीजिएगा। देश के जाहिल मुसलमानों से मैं हार गया। इन की जंग से , इन की जहालत से हार गया मैं। मैं सब का साथ , सब का विकास , सब का विश्वास की बात करता रहा। और यह लोग सिर्फ इस्लाम का साथ समझते रहे। जहर की तलवार चलाते रहे। बात-बेबात देश की पीठ में छुरा घोंपते रहे। मैं बर्दाश्त करता रहा। पर अब इन के हाथ कोरोना नाम का यमराज मिल गया है। अरविंद केजरीवाल जैसा शकुनी मिल गया है। मस्जिद-मस्जिद , शहर-शहर , गांव-गांव , गली-गली , मस्जिद-मस्जिद , यह लोग कोरोना बांटने पर आमादा हैं। सो हम नहीं लड़ सकते। यह इन की सेवा कर रहे डाक्टरों तक पर थूक रहे हैं। हम दक्षिण कोरिया नहीं हैं , जहां बिना लॉक डाऊन घोषित किए बिना लोगों ने लॉक डाऊन लगा लिया। अपने को खुद संभाल लिया है। हम भारत के लोग हैं जो कोरोना से तो लड़ सकते हैं , लड़ रहे थे। पर अब और नहीं। यह 15 करोड़ , सचमुच 100 करोड़ पर भारी पड़ गए हैं। तबलीगी जमात ने देश को कोरोना के बम पर बिठा दिया है। इस से बचाना है देश को। मैं इस्तीफ़ा ले कर राष्ट्रपति जी के पास जा रहा हूं। सोनिया जी वहीँ मिलेंगी। उन के शपथ समारोह में आप लोग भी चलें। नहीं सोनिया जी और मुस्लिम समाज के लोग मिल कर देश को कोरोना की आग में जला कर समाप्त कर देंगे। और मैं देश नहीं झुकने दूंगा ! आप लोग अपना देख लीजिएगा। शपथ के बाद मैं झोला उठा कर गुजरात निकल जाऊंगा। पैदल-पैदल।

अभी-अभी खबर मिली है कि सोनिया गांधी ने प्रधान मंत्री पद की शपथ ले ली है। शपथ लेते ही सोनिया ने कैबिनेट की मीटिंग राष्ट्रपति भवन में ही की और सीधे इमरजेंसी लगा दी है। अमित शाह ही गृह मंत्री बनाए गए हैं। देश की सभी मस्जिदों को पैरा मिलेट्री फोर्सेज ने घेर लिया है। , सभी शहरों के मिनी पाकिस्तान में सेना तैनात हो गई है। भागवत ने सोनिया के इस कदम को कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त बताया है। देश के तमाम मुस्लिम संगठनों ने सोनिया के नेतृत्व में अपना यकीन जताया है। कहा है कि कोरोना प्रभावित मुस्लिम लोगों को अमरीका भेज दिया जाए। हम मुस्लिम लोग अब भारत की नहीं , अमरीका की ईंट से ईंट बजा देंगे। क्यों कि अमरीका ने ही नरेंदर मोदी जैसे खतरनाक आदमी को हिंदुस्तान का परधान मंत्री बनवा कर हम पर कहर ढा दिया है। हम न अमरीका को छोड़ेंगे , न नरेंदर मोदी को , न उस खबीज योगी को। पाकिस्तान ज़िंदाबाद ! अल्ला-हू -अकबर !

[ आज 1 अप्रैल है न ! ]

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