Friday, 12 October 2018

यह कौन सा मी टू है भला , क्या यह और ऐसे पत्रकार भी कभी कोई मी टू लिखेंगे ?

उन दिनों उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव मुख्य मंत्री हुआ करते थे। नारायणदत्त तिवारी बस विदा ही हुए थे । तिवारी जी की सूची में किसिम-किसिम की औरतें थीं । महिला पत्रकार भी । एक अंगरेजी अख़बार की पत्रकार तो सुंदर भी बहुत थीं और तिवारी जी की प्रिय भी बहुत । सब के सामने ही उन्हें तिवारी जी जब-तब उन के कंधे से पकड़ कर एक बांह में ले लेते थे । मोहतरमा को कोई ऐतराज नहीं होता था । उन दिनों एक किस्सा यह भी हुआ था कि तिवारी जी की पत्नी सुशीला जी के जन्मदिन पर एक आई ए एस अफसर ने हीरों का हार भेंट में दिया था । वही हीरों का हार तिवारी जी ने अपने एक सचिव की बेटी के जन्म-दिन पर उसे भेंट में दे दिया , उस अफ़सर के सामने ही । बाद में पता चला कि उस सचिव की बेटी भी तिवारी जी की सूची में शुमार हो गई । आई ए एस की बेटी होने के बाद भी वह एक अंगरेजी अख़बार में तब तिवारी जी की सिफारिश पर लखनऊ में ही काम करने लगी , हैंडसम सेलरी पर । खैर कांग्रेस चुनाव हार गई , मुलायम सिंह मुख्य मंत्री बन गए । मुलायम सिंह भी पत्रकारों पर मेहरबान हुए । खूब खुल कर । किसिम-किसिम से उपकृत किया पत्रकारों को । लेकिन देखा गया कि अचानक दो पत्रकार मुलायम के बहुत करीब हो गए । दोनों अनुभवहीन थे लेकिन युवा थे , गोरे-चिट्टे । देखते-देखते मुलायम के हरम के सदस्य हो गए ।

तिवारी जी महिलाओं के शौक़ीन थे लेकिन मुलायम का शौक बदला हुआ था । इस में एक पत्रकार तो भाजपा पृष्ठभूमि से थे । ट्रेनी से स्टाफर बने थे । लेकिन लिखना-पढ़ना जानते थे । जब कि दूसरा टोटल जाहिल था । अपनी जहालत के चक्कर में वह जल्दी ही मुलायम की सूची से बाहर भी हो गया । फिर एक संपादक की सेवा में लग गया । देखते-देखते दलाली में एक्सपर्ट हो गया । दलाली में निपुण भाजपा पृष्ठभूमि वाला पत्रकार भी हुआ । बाद में इस पत्रकार की शादी में भी मुलायम शामिल हुए मय मंत्रिमंडल के । विवाह के बाद जनाब स्टेट हेलीकाप्टर से नैनीताल गए हनीमून मनाने । अब स्टेट हेलीकाप्टर के लिए साथ में कोई मंत्री या सरकारी अफसर भी साथ होना चाहिए था , प्रोटोकाल का तकाजा था । सो एक कैबिनेट मंत्री भी साथ भेजे गए नैनीताल । यह मंत्री भी दूसरी लाईन वाले शौक़ीन थे ।

तो एक अख़बार ने अपने टिट-बिट कालम में छापा कि डबल हनीमून मना । बाद के दिनों में इस पत्रकार ने मुड़ कर नहीं देखा । मुलायम की पहल पर अखिलेश सरकार ने यश भारती से भी बाद के समय में नवाजा । मुलायम के बाद भाजपा सरकार बनी तो भाजपा का दुलारा । कल्याण सिंह , राजनाथ सिंह जो भी मुख्य मंत्री बना , सब का दुलारा । लखनऊ का सब से बड़ा पावर ब्रोकर । लेकिन पूरी शालीनता से । फिर एक बड़े चैनल में दिल्ली स्थापित हो गया । अचानक देखते ही देखते पहले करोड़ों में फिर दिल्ली जा कर अरबों में खेलने लगा । एक मामले में सी बी आई के फेर में आया । नौकरी से भले विदा होना पड़ा पर बाक़ी राजनाथ सिंह की कृपा से बाल भी बांका नहीं हुआ । नया चैनल खोलने की तैयारी है ।

यह कौन सा मी टू है भला ? क्या यह और ऐसे पत्रकार भी कभी कोई मी टू लिखेंगे ?

2 comments:

  1. ख़ूब!
    तो मुलायम सिंह के शौक दूसरी किस्म के थे! इनके गुरु छोटे लोहिया भी कुछ इसी लाइन के शौकीन बताये जाते थे। तो क्या सारे समाजवादी इसी तरह के होते हैं?

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  2. ऐसे महत्वपूर्ण पत्रकार कौन थे सर 🙏🙏

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