Tuesday, 8 August 2017

मत लड़ा करो मेरी जान , मत लड़ा करो

दयानंद पांडेय 

फ़ोटो : अनिल रिसाल सिंह 

पति क्या कम पड़ जाता है
जो तुम मुझ से भी लड़ने लगती हो
बात-बेबात

मधुमक्खी की तरह मत मिला करो
शहद की तरह मिला करो
फूल की तरह खिला करो
मेरी जान , जान में जान बन कर रहा करो

मन में संगीत की किसी तान की तरह बजा करो
जैसे हरि प्रसाद चौरसिया की बांसुरी
जैसे बजता है शिव कुमार शर्मा का संतूर

जैसे लंबा आलाप ले कर
तुलसी का कोई पद गाते हैं भीमसेन जोशी
गाती हैं लता मंगेशकर कोई भजन या कोई प्रेम गीत
गाते हैं ग़ालिब को जगजीत सिंह
और उस में मिलाती हैं धीरे से अपना सुर चित्रा सिंह

जैसे वृक्ष पर बैठी गाती हुई बतियाती है कोई गौरैया
जैसे मां की छाती से चिपटता है किलकारी मारता कोई शिशु
जैसे मिलती हैं कल-कल करती नदियां सागर से
जैसे मिली थी तुम पहली बार सपनों का सागर लिए हुए
वैसे ही मिला करो
सपनों के सागर में डूब कर

जैसे बारिश की कोई बूंद मिलती है धरती से आहिस्ता
प्रेम के इस प्रहर में ऐसे ही धीरे से मिला करो
मिसरी बन कर मन में घुला करो
मत लड़ा करो मेरी जान , मत लड़ा करो

प्रेम के पाग में सान लो मुझ को
किसी नदी के निर्मल जल सी बहो मेरे मन में
गंगोत्री बन कर


इस कविता का मराठी अनुवाद 


🌹वाद नको करु माझ्या प्रिये
वाद नको करू🌹
पति काय कमी पडतोय म्हणून तू माझ्याशी पण वाद घालते कुठल्याही गोष्टी वर.
मधमाशी सारखी नको भेटूस
मधा सारखे मिसळत जा
फुलासारखी उमलत जा
माझ्या जीवा, जीवात जीव बनून
रहा
मनात संगीतातल्या कुठल्याशा
ताने सारखी गुंजत रहा.
जशी हरी प्रसाद चौरसिया ची बासरी
जसे वाजते शिव कुमार शर्मा चे
संतूर.
जसा लांब आलाप घेवून तुलसीदासाचे कुठले से पद गातात
भीमसेन जोशी
गाते लता मंगेशकर कुठले भजन किंवा कुठले प्रेम गीत
गातात गालिब ला जगजीत सिंह
आणि त्यात हळूवार मिसळते आपले सुर चित्रा सिंह.
जशी वृक्षावर बसलेली
गाण्यातून चिवचिवणारी
आहे कुणी चिमणी
जसा आईच्या छाती शी बिलगतो खदखदुन हसणारा कोणी शिशु
जश्या मिळतात कलकलणाऱ्या
नदया सागराला
जशी भेटलीस पहिल्यांदा स्वप्नसागर घेवून
तशीच भेटत जा
स्वप्नसागरात बुडलेली.
जसा पावसाचा कुठला थेम्ब
हळूच मिळतो धरतीला
प्रीतिच्या या प्रहरी अशीच हळूवार
भेटत जा मला
साखर बनून मनात घोळत रहा
नको वाद करू माझ्या प्रिये
नको वाद करू.
प्रेमाच्या पाकात विरघळवून टाक मला
कुठल्याशा नदीच्या निर्मल जलासम प्रवाहीत हो
माझ्या मनातली गंगोत्री बनून.

अनुवाद : प्रिया जलतारे 

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