Monday, 11 January 2016

प्यार की नाव में नदी बहती अब है

फ़ोटो : त्यागराजन  [ अभिनेत्री असीमा भट्ट ]

ग़ज़ल 

तुम हो तो लव है लव है तो सब है
प्यार की नाव में नदी बहती अब है

फूल सी ख़ुशबू चांदनी सी चाहत
ज़िंदगी में तुम्हारे आने से अब है

दुनिया बड़ी खूबसूरत हो जाती  है
तुम्हारा हाथ , हाथ में होता जब है

तुम्हारी सांस तब सांस कहां होती 
हमारी सांस से मिलती जब-जब है 

हमारी सांस की हर एक धड़कन
प्यार की दीवार पर लिखी अब है

रंग है रंगीनी भी हमारी आंख में
परछाई तुम्हारी झलकती जब है

बह रहा हूं तुम्हारे प्यार के जल में 
बीच धार हूं मिलता किनारा कब है

तुम्हारी आंख एक चंचल नदी है
देर तक इस में ठहरता कोई कब है 

डरता हूं तुम जब जिरह करती हो
टूट न जाए डोर खौफ़ बहुत अब है

तुम्हारे प्यार की आग में डूबा हुआ हूं
मेरी ज़िंदगी का निर्मल सच यही अब है

[ 11 जनवरी , 2016 ]

No comments:

Post a Comment