दयानंद पांडेय
नूपुर शर्मा के बहाने उत्तर प्रदेश में हर शुक्रवार यानी जुमे के दिन पत्थरबाजी , आगजनी और हिंसा का लोकतांत्रिक जवाब और परिणाम उत्तर प्रदेश की जनता ने आज़मगढ़ और रामपुर के उपचुनाव के मार्फ़त दे दिया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के जीत की बुनियाद पड़ गई है। मुख्यमंत्री योगी ने तो उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सभी अस्सी सीटों को जीत लेने का ऐलान का ऐलान कर दिया है। संकेत साफ़ है कि हिंदू वोटर पोलराइज हो गया है। अगर आप मुस्लिम हैं तो हम भी हिंदू हैं , यह बता दिया है। कोई माने या न माने पर आजमगढ़ और रामपुर की जनता ने यह स्पष्ट बता दिया है। और हां , यह योगी के बुलडोजर राज की भी जीत है।
गौरतलब है कि बीते 23 जून को हुए उपचुनाव में आज़म ख़ान के गढ़ रामपुर में घनश्याम लोधी ने आसिम रजा को 42 हजार से अधिक मतों से और मुस्लिम और यादव के गढ़ आज़मगढ़ में दिनेश लाल निरहुआ ने सपा प्रत्याशी और अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को 10 हजार से अधिक मतों से हरा दिया। लोकसभा की यह दोनों सीटें सपा के पास थीं। आज़मगढ़ से अखिलेश यादव और आज़म ख़ान के रामपुर से इस्तीफ़ा देने के बाद यह सीट खाली हुई थी।
समाजवादी पार्टी ने सिर्फ़ यह दोनों सीट नहीं खोई है। यह भी बताया है कि अखिलेश यादव का अहंकार उन्हें राजनीति के पतन के पाताल में पहुंचा दिया है। ज़िक्र ज़रुरी है कि इन दोनों सीटों पर अखिलेश एक भी दिन प्रचार के लिए नहीं गए। मुस्लिम और यादव वोटर का अपना गुलाम समझ लिया था। एम वाई फैक्टर का गुरुर एक बार फिर टूट गया है। एम वाई फैक्टर मतलब जंगलराज। गुंडई और हिंसा।
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