दयानंद पांडेय
मूर्खों ने 2024 में मोदी के लिए चुनावी पिच तैयारी कर दी है। फिर जब मोदी का चौआ , छक्का लगेगा तब फिर से हिंदू राष्ट्र बनेगा का तराना शुरु होगा। अब इतने पर भी बहुसंख्यक वर्ग के वोट का ध्रुवीकरण नहीं होगा तो भला कब होगा ? नमाजवादियों को लेकिन लगता है कि क़तर के कंधे पर बैठ कर उन्हों ने बाज़ी मार ली है। गुड है यह फ़रेब भी। फव्वारा-फव्वारा का खेल जैसे कम पड़ गया था। कि शहर-शहर , पत्थर-पत्थर भी खेल गए। परिणाम पुलिस की कुटाई और पिच तैयार दोनों एक साथ। मोदी वैसे भी सौदागर है। सोनिया गांधी कहती हैं , खून का सौदागर। मैं कहता हूं वोट का सौदागर। मिस्टर मोदी , 2024 का सरदार बनने के लिए अग्रिम बधाई !
इंदिरा गांधी अकसर किसी मुश्किल में अकसर विदेशी शक्तियों का हाथ बताने के लिए परिचित थीं। इंदिरा गांधी बिना नाम लिए कई बार बिना नाम लिए सी आई ए की तरफ इशारा करती थीं। बाद में तो वह सी आई ए का नाम खुल्ल्मखुल्ला लेने लगी थीं। तो अब तो सी आई ए ने नरेंद्र मोदी की 2024 में ताजपोशी का इंतज़ाम अनजाने में कर दिया है। यह सी आई ए ही है जिस ने अरब देशों को भारत के ख़िलाफ़ भड़काने का काम किया। काशी में बाबा और फौव्वारे की बहस अभी जारी ही थी , लोहा गरम ही था कि नूपुर शर्मा का एक सच्चा बयान सी आई ए ने लपक लिया। सी आई ए को लगा कि भारत को नीचा दिखाने का यही माकूल समय है।
क़तर समेत अरब देशों के दल्ले ओ आई सी को साधा। फायरिंग शुरु हो गई। राजदूत तलब होने लगे। मदरसा बुद्धियों को भी सी आई ए ने कैच फेंकी। बाल कैच हो गई। ओवैसी जैसे कठमुल्लों का शोरुम देश भर में खुलता गया। अरब देशों की ताक़त इन की जुबान पर आ गई। कानपुर बना प्रयोगशाला। फिर क्या था जुमा तो हर हफ़्ते आता है। और गुम्मा छत पर भी होता है , ठेले पर भी। देशव्यापी युगलबंदी हो गई गुम्मा और जुम्मा की। मुंबई , हावड़ा और रांची तक यह जुमा और गुम्मा की यह युगलबंदी जलवा दिखा गई। हावड़ा में तो ममता को नेट तक बंद कर देना पड़ा है। उन के सांप , उन्हीं के गले पड़ गए हैं। बस नरेंद्र मोदी को और क्या चाहिए। बैठे-बिठाए , हाथ पर हाथ धरे , हिंदू वोटों का ज़बरदस्त ध्रुवीकरण हो गया। न हर्र लगी , न फिटकरी। रंग चोखा हो गया।
उत्तर प्रदेश में तो योगी का बुलडोजर और जुमे के गुम्मे वालों की लाल गिट्टी की तरह कुटाई बोनस में है। यह बोनस तो अब सुप्रीम कोर्ट की दीवारें फलांग कर लोगों की सेवा में न्यस्त है। जो भी हो , सी आई ए कोई काम छोटा नहीं करती। सो जुमा और गुम्मा की युगलबंदी मदरसा बुद्धि वाले इतनी जल्दी फिनिश नहीं करने वाले। वैसे भी मोदी ने उन के एक हाथ में कुरआन और एक हाथ में कंप्यूटर दे दिया है। तिस पर भोले बाबा और गंगा मैया की कृपा की बात ही और ही है। मैं ने तो वोट के सौदागर , नरेंद्र मोदी को 2024 की इस मुफ्त की पिच पर मैच जीतने की अग्रिम बधाई दे दी है। आप भी देना चाहिए तो दे दीजिए। या फिर समय का इंतज़ार कीजिए। वोट के सौदागर के मैच जीतने का। क़तर को ओ आई सी और अरब देशों को यह पत्थरबाज़ी रास नहीं आएगी। बाकी यहां तो दिमाग से दिवालिए लोग भाई-चारा का जुमला ले कर जुमा और गुम्मा की युगलबंदी मुसलसल जारी रखेंगे ही।
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