काबा शरीफ |
ग़ज़ल / दयानंद पांडेय
हरदम उलटा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात करते हो
देश घायल है और तुम सेक्यूलरिज्म की घात करते हो
काबा बंद , मक्का और मदीना बंद , है सारी दुनिया बंद
शर्म नहीं आती कोरोना के दौर में नमाज की बात करते हो
गाय नहीं है जो काट कर खा जाओगे कोरोना है मार डालेगा
आदत बिगड़ी हुई है बहुत हरदम जहालत की बात करते हो
दुनिया आजिज है तुम्हारे कबीलाई कल्चर और जेहाद से
शाहीन बाग़ समझ अस्पताल में बिरयानी की बात करते हो
मीडिया को धमकी , पुलिस पर पत्थर , डाक्टर पर थूकना
तुम्हारी सेवा में जो लगी हैं उन नर्सों से छेड़छाड़ करते हो
दुनिया थर्रा गई है इस महामारी और मुश्किल से लेकिन
कोरोना का कैरियर बन देश जलाने की बात करते हो
नदियां हो गईं निर्मल , आकाश नीला , हवा भी साफ़
ऐसा दिन भी कभी देखूं कि तुम सुधरने की बात करते हो
[ 6 अप्रैल , 2020 ]
No comments:
Post a Comment