Saturday 12 March 2016

भारतीय पत्रकारिता में सेक्यूलरिज्म का तड़का और उस का यह हश्र

विजय माल्या और प्रणव राय की गलबहियां

भारतीय पत्रकारिता में सेक्यूलरिज्म का तड़का भी अजीबोगरीब स्थितियां पेश कर देता है। क़िस्से तो बहुतेरे हैं पर अभी दो लोगों को याद कीजिए । एक तुर्रम खां हैं तहलका के तरुण तेजपाल जो अर्जुन सिंह द्वारा दिए गए सरकारी अनुदान से वाया तहलका सेक्यूलर चैम्पियन बने। फिर जल्दी ही वह कुख्यात माफ़िया पोंटी चड्ढा की गोदी में जा गिरे और देखते-देखते अरबों में खेलने लगे। बीते दिनों अपनी बेटी की उम्र की अपनी एक कर्मचारी के साथ गोवा में सरेआम दुराचार पर आमादा हो गए। वह भागती रही और यह उसे पूरे होटल में दौड़ाते रहे । मदिरा में धुत्त हो कर । जेल गए और सेक्यूलरिज्म के सीन से फरार हो गए। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा ने जान-बूझ कर फंसाया है । एन डी  टी वी पर तब रवीश कुमार ने भी तरुण तेजपाल की ख़ूब पैरोकारी की थी , प्रणव राय के नेतृत्व में । लेकिन अब सेक्यूलरिज़्म के इन्हीं दूसरे सूरमा प्रणव राय पर भी बन आई है । कई सारे मामलों में फंसते जा रहे हैं । 

तरुण तेजपाल
टटका मामला विजय माल्या की गीदड़ भभकी का है । भारत से भागने के बाद विजय माल्या ने लंदन से ट्विट कर के भारतीय पत्रकारिता के संपादकों को धमकाया है कि  मेरे बारे में उलटा सीधा लिखा तो सब को एक्सपोज कर दूंगा । तो क्या यह धमकी प्रणव राय के लिए थी ?  विजय माल्या और प्रणय राय की दो फ़ोटो  वायरल हुई है । प्रणव राय के और भी कई  मामले सामने आ रहे हैं । मनी लांड्रिंग , फेरा सहित और भी आरोप लग गए हैं । दिलचस्प यह कि एक राजनीतिक  सेक्यूलर सूरमा और पूर्व प्रधान मंत्री एच डी देवगौड़ा ने भी माल्या की तरफदारी करते हुए लगभग माल्या के ट्वीट को दुहराया है । कि माल्या भगोड़ा नहीं हैं , भागे नहीं हैं । और कि वह कर्नाटक की माटी के लाल हैं । तो क्या माल्या के पैसे ने पत्रकारों सहित देवगौड़ा को भी ख़रीद लिया है ? हमें तो माल्या के उस ट्वीट का इंतज़ार है जिस में वह देश की संसद को धमकाएगा कि मेरे मामले में संसद में बहुत मत बोलो , चुप रहो , नहीं एक-एक की  दूंगा । माल्या ऐसी धमकी बैंक के चेयरमैनों और जजों को भी सकता है कि  चुप रहो नहीं , तुम्हारी पोल खोल दूंगा । सब के डॉक्यूमेंट्री प्रूफ़ हैं मेरे पास । क्यों कि सच यह है कि मनी में पावर बहुत है । मनी पावर मसल पावर से बड़ा है । पूरे सिस्टम को वह ख़रीद चुका है । संसद , मीडिया , अदालत अफ़सर सब । 

 यह लिंक भी पढ़ें :

1 . दलाली वाया सेक्यूलरिज़्म भी होती है

2 . सच यह है कि रवीश कुमार भी दलाल पथ के यात्री हैं

1 comment:

  1. सही कहा सर,
    तभी तो सुनने में आया है कि बरखा दत्त भी अपने पुराने ट्वीट मिटा रही है...

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