Saturday, 5 April 2025

आनंद कीजिए कि आप काफ़िर भी हैं और कायर भी

दयानंद पांडेय


क़ायदे से गड़बड़-घोटाले और नफ़रत के केंद्र वक़्फ़ बोर्ड को ही समाप्त कर देना चाहिए l पर ऐसा करने से देश में आग लग जाने की संभावना है l दंगों में देश झुलस जाएगा l 1947 दुहरा दिया जाएगा l डायरेक्ट एक्शन हो जाएगा l सिर तन से जुदा हो जाएगा l

ए ट्रेन टू पाकिस्तान लिखना पड़ जाएगा किसी खुशवंत सिंह को l किसी भीष्म साहनी को तमस लिखना पड़ जाएगा l किसी अमृता प्रीतम को पिंजर लिखना पड़ जाएगा l किसी मिल्खा सिंह को रोते हुए वतन छोड़ना पड़ेगा l जाने क्या-क्या खोना पड़ जाएगा l

सो अफ़सोस कि मोदी सरकार ने कायरता दिखाते हुए वक़्फ़ बिल में संशोधन का झुनझुना थमा दिया है l

वक़्फ़ बिल में संशोधन को भी सौगाते-मोदी ही मान लीजिए l मुफ़्त अनाज , गैस , शौचालय , पक्का मकान आदि की तरह चालीस लाख एकड़ ज़मीन की सौग़ात है यह l जान लीजिए कि इतनी ज़मीन न वन विभाग के पास है , न रेल विभाग , न किसी और विभाग के पास l यह अदभुत है और आश्चर्यजनक भी l

आनंद कीजिए कि आप काफ़िर भी हैं और कायर भी l सो काल्ड सेक्यूलर देश में रहना भी एक अय्याशी ही है l इस अय्याशी को इंज्वाय कीजिए l इस लिए भी कि राणा सांगा गद्दार है और औरंगज़ेब एक नायाब बादशाह।

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