Friday, 4 May 2018

शराब , शबाब , सूअर और सिगार के शौक़ीन जिन्ना ने कठमुल्लों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान बनाया


जो हक़ है मैं उस बात को सौ बार कहूंगा 
घर में भी कहूंगा , सरे बाज़ार कहूंगा 

जिन्ना के लिए जिन के दिलों में है मोहब्बत 
उन लोगों को इस मुल्क का गद्दार कहूंगा 

- आसिफ़ जाफ़री 'नश्तर '

कितने लोग इस बात को जानते हैं कि जिन्ना इस्लाम को नहीं मानता था । न तो वह नमाज पढ़ता था , न रोजा रखता था । उस ने इस्लाम से बगावत कर के एक पारसी लड़की से शादी की थी । जो उस से उम्र में बहुत छोटी थी । शराब , शबाब , सूअर और सिगार के शौक़ीन जिन्ना ने जब देखा कि हिंदुस्तान में प्रधानमंत्री नहीं बन सकता तो मूर्ख कठमुल्लों का इस्तेमाल कर अंगरेजों से दुरभि संधि कर भारत का बंटवारा कर पाकिस्तान बना कर कायदे आज़म बन गया ।

जिन्ना के पाकिस्तान में जो भी मुसलमान भारत से गए , वहां मुहाजिर का दर्जा मिला उन्हें । मुहाजिर मतलब दूसरे दर्जे का नागरिक । आज भी वह वहां मुहाजिर हैं । और जो अपनी कायरतावश वहां नहीं गए , मुहाजिर बनने से बच गए वही अपनी पीठ ठोंकते हुए कहते हैं , इंडियन बाई च्वायस । यह इंडियन बाई च्वायस नहीं हैं , मौकापरस्त लोग हैं । कि जब देखा , उधर मज़ा नहीं है तो यहीं रुक गए । आप ने कभी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या ए पी जे अब्दुल कलाम जैसे लोगों को कहते सुना है कि वह इंडियन बाई च्वायस हैं । नहीं सुना । क्यों कि यह लोग सच्चे भारतीय थे । बाई च्वायस नहीं थे । इंडियन बाई च्वायस वही लोग कहते हैं जो जिन्ना प्रेमी होते हैं । अलगाववादी होते हैं । श्रीनगर में यह खुल कर अलगाववाद की भाषा बोलते हें , अलीगढ़ और अन्य जगहों में बाई च्वायस बोलते हैं । इस लिए भी कि माता , पिता और देश बाई च्वायस कभी नहीं हो सकते । लेकिन ऐसा कहने वाले लोग अपने को हरामी क्यों बताना चाहते हैं , मैं आज तक नहीं समझ पाया ।

कभी-कभी सोचता हूं तो पाता हूं कि इस्लाम को न मानने वाला जिन्ना कितना तो जानता था इस्लाम जानने वालों को । इतना कि इस्लाम की अफीम चटा कर , नफ़रत के बीज बो कर लाखो हिंदू , मुसलमान की हत्या करवा कर , बेघर करवा कर , पाकिस्तान बना कर कायदे आज़म बन गया । इस बिंदु पर आ कर लगता है कि कार्ल मार्क्स ठीक ही कहते थे कि धर्म अफीम है । यह धर्म की अफीम न होती तो जिन्ना पाकिस्तान की जलेबी कैसे खाता भला । और देखिए कि भारत में अभी भी ऐसे मूर्खों और धूर्तों के अवशेष छोड़ गया है , जो जिन्ना की फ़ोटो ले कर जिन्ना के नारे , डिवाइड इंडिया , डिस्ट्राय इंडिया को पूरी ताकत से अंजाम दे रहे हैं । और हमारे वामपंथी दोस्त जो दिलोजान से मानते हैं कि धर्म अफीम है लेकिन धर्म के नाम पर देश को बांटने वाले जिन्ना के साथ , जिन्ना प्रेमियों के साथ पूरे दमखम के साथ खड़े हैं । वह जिन्ना जिस ने कभी इस्लाम को नहीं माना लेकिन भारत में इस्लाम मानने वालों को अपने अलगाववादी नज़रिए के लिए आज भी पागल बनाए हुए है । जिन्ना इस्लाम को नहीं मानता था , मुसलमान होने के बावजूद क्यों कि शुरू में वह तरक्कीपसन्द था । इसी लिए इस्लाम के बाबत उस के कोई विचार नहीं मिलते । हां , अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में उस की फ़ोटो ज़रूर मिलती है । जिस फ़ोटो की हिफाज़त के लिए लोग खून बहाने पर आमादा हैं । जिन्ना के डिवाइड इंडिया , डिस्ट्राय इंडिया के मकसद को पूरा करने के लिए । 


इंडियन बाई च्वायस कहने वाले ऐसे कितने मुस्लिम लोग हैं जो पाकिस्तान से चल कर भारत में बसने आए हैं । किसी के पास कोई आंकड़ा , कोई तथ्य हो तो ज़रूर बताए । बहुत दिलचस्प होगा । फिर यह लोग अगर ऐसा कहते हैं तो फिर तो उन्हें सलाम है । लेकिन मेरी जानकारी में ऐसे लोग नहीं हैं । हां , पर जो यहीं बैठ कर अलगाववादी बन कर चूहों की तरह देश को कुतर रहे हैं , उन का इंडियन बाई च्वायस कहना , अपने को हरामी कहना हुआ ।

जिन्ना और उस की पारसी बीवी 
मोहम्मद अली जिन्ना नाम नहीं , प्रवृत्ति है । दुर्भाग्य से भारत में पाकिस्तान और जिन्ना के लिए खून बहाने वाले बहुतेरे हैं । हालां कि बहुत सारे मुस्लिम भी हैं , देश में , जो जिन्ना और पाकिस्तान को पसंद नहीं करते पर इन की संख्या दुर्भाग्य से अनुपात में कम है । दिलचस्प यह भी है कि जिन्ना की एक फ़ोटो के लिए कुर्बान होने वाले सिर्फ़ मुसलमान ही नहीं हैं । अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तो इस खेती की नर्सरी ही है । मोदी फोबिया वाले भी हैं जिन्ना और पाकिस्तान का झंडा उठाने वालों में । पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी को भी आप क्या समझते हैं ? जिन्ना प्रेम की तासीर उन में भी बहुत है । कूट-कूट कर भरी है । याद कीजिए उपराष्ट्रपति पद छोड़ते ही इस हामिद अंसारी को यह देश रहने लायक नहीं लगा था । इस मूर्ख और कृतघ्न आदमी ने कहा था , भारत में मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं । तभी इस जिन्ना प्रेमी को माकूल जवाब नहीं दिया गया । तो नौबत यहां तक आ गई है । और फिर हामिद अंसारी के बहाने भी कई सारे लोगों ने आंख लाल-पीली कर रखी है । यह तो लोग जो हैं , सो हैं ही , देश और प्रदेश की सरकारें भी कायर हैं । इन सारे जिन्ना प्रेमियों के साथ कड़ाई से पेश क्यों नहीं आती सरकार ? कोई जनरल डायर जैसा पुलिस अफ़सर ही इन जिन्ना और पाकिस्तान प्रेमियों की दवा हो सकता है । इस बात को समाज समझता है पर सरकारें नहीं । एक सख्त कार्रवाई बहुत सारे मर्ज की दवा साबित हो सकती है । नहीं , अलीगढ़ यूनिवर्सिटी और श्रीनगर के आतंकवादियों की मानसिकता में कोई फर्क नहीं है । दोनों ही पाकिस्तान और जिन्ना में अपना सुकून ढूंढते हैं । इसी लिए कहता हूं , सरकार इन अतिवादियों से ज़्यादा कायर और ज़्यादा दोषी है ।

यह कौन लोग हैं जो कभी मनुष्यता प्रेमी और उदारमना अब्दुल कलाम के लिए नहीं , अत्याचारी औरंगजेब के लिए लड़ते हैं । गांधी को भूल , जिन्ना की फ़ोटो पर मातम और कोहराम रचते हैं । पहचानिए इन जहरीले लोगों को और इन का पूरी ताकत से विरोध कीजिए । इन में सिर्फ़ मुस्लिम ही नहीं हैं , बाकी हिप्पोक्रेट्स भी हैं , इन का इगो मसाज करने के लिए । 

अलीगढ़ हो या श्रीनगर जिन्ना प्रेमी तत्व दोनों ही जगह उपस्थित है । यह बात कुछ लोग क्यों नहीं समझना चाहते ? दोनों ही लोग एक ही हैं । कोई श्रीनगर में बंदूक उठा लेता है , कोई पत्थर उठा लेता है तो कोई अलीगढ़ में जिन्ना की फ़ोटो । अलगाववादी दोनों ही हैं । जिन्ना कहता ही था , खुल कर कहता था , डिवाइड इंडिया , डिस्ट्राय इंडिया । जिन्ना का जहर न होता तो कश्मीरी पंडित बेघर न हुए होते । खालिस्तान की आग न लगी होती । याद दिलाता चलूं कि पाकिस्तान का बीज अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में ही बोया गया । जिन्ना जिस का वृक्ष बना और पाकिस्तान का फल उगा । आज तक यह जिन्ना प्रेम , पाकिस्तान प्रेम खत्म नहीं हुआ । बेशर्म लोग जिन्ना की फ़ोटो लगाने के लिए कटने मरने को तैयार क्यों हैं ? यह कौन लोग हैं ? वही लोग , और वही प्रवृत्ति जिन्हों ने कश्मीरी पंडितों को विस्थापित किया । स्वर्ग जैसे कश्मीर को जहन्नुम बना दिया । वही लोग जिन्हों ने बंटवारे के समय लाखों हिंदू , मुसलमानों का कत्ल किया । जिन्ना की फ़ोटो उठाए वही लोग घूम रहे हैं । और उप राष्ट्रपति का पद भोगने के बाद भी बता रहे हैं कि भारत में मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं । होगा आप की नज़र में यह जिन्ना की फ़ोटो , गौण मुद्दा । लेकिन मेरी नज़र में यह महत्वपूर्ण मुद्दा है । इस लिए कि डिवाइड इंडिया , डिस्ट्राय इंडिया का जिन्ना का संदेश अभी भी लोग जाने-अनजाने अमल में लिए हुए हैं । डिवाइड इंडिया , डिस्ट्राय इंडिया का खेल अभी भी जारी है । 

मुल्क और मज़हब में जब मज़हब भारी हो जाता है तो एक जिन्ना खड़ा हो जाता है और पाकिस्तान पैदा हो जाता है । दुर्भाग्य से अब कई सारे जिन्ना खड़े हो गए हैं । बताइए कि कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर मुंह खोलने में जिन विद्वानों की घिघ्घी बंध जाती है , जिन्ना की पैरोकारी में उन का खून उबाल खाने लगता है । वह खून बहाने में सब से आगे दीखते हैं । जाने किस कुमाता की कोख से जन्मे हैं यह हिजड़े कि सोच कर भी घिन आती है । यह जो लोग बार-बार हम इंडियन बाई च्वाइस हैं , कह कर अपनी पीठ ठोंकते हैं , इन को भी कंडम किया जाना चाहिए । यह इंडियन बाई च्वाइस हैं , कहना भी अपने आप में कमीनगी है और कि अपने आप को हरामी घोषित करना है । देश , मां और पिता किसी के लिए बाई च्वाइस कैसे हो सकते हैं भला ।


4 comments:

  1. याद कीजिए उपराष्ट्रपति पद छोड़ते ही इस हामिद अंसारी को यह देश रहने लायक नहीं लगा था । इस मूर्ख और कृतघ्न आदमी ने कहा था , भारत में मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं ...कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर मुंह खोलने में जिन विद्वानों की घिघ्घी बंध जाती है , जिन्ना की पैरोकारी में उन का खून उबाल खाने लगता है । waah...!

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (06-05-2018) को "उच्चारण ही बनेंगे अब वेदों की ऋचाएँ" (चर्चा अंक-2962) (चर्चा अंक-1956) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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