सोनिया गांधी और राहुल गांधी |
यह भाजपा वाले भी बड़े भोले हैं। नादान भी । सांप्रदायिक और असहिष्णु तो खैर हैं ही । नेशनल हेरल्ड मसले पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से घड़ियाली सहानुभूति दिखाते वह लोग कह रहे हैं कि हम आप को चाय तो पिला सकते हैं , पर अदालत में आप की मदद कैसे कर सकते हैं ? अरे मूर्खों , मदद करनी ही है तो रास्ता बिलकुल साफ है। सुब्रमण्यम स्वामी को टाईट करो और कहो कि मुकदमा ही वापस लो मिस्टर सुब्रमण्यम स्वामी ! बिकाज़ हमें जी एस टी पास करवाना है और कि सहिष्णुता भी मेनटेन रखनी है । सुब्रमण्यम मान लें तो गुड। नहीं उन्हें पार्टी से निकाल बाहर करो। अव्वल तो सहिष्णुता के मद्दे नज़र पार्टी में लेना ही नहीं था। क्यों कि वह तो मनमोहन सिंह पीरियड में ही मुकदमा किए हुए थे। तब न्यायपालिका कांग्रेस की थी । सो कोई दिक्कत थी नहीं । पर अब मोदी सरकार है सो न्यायपालिका मोदी की हुई । तो अगर जी एस टी पास करवाना है , सहिष्णुता कायम रखना है तो सुब्रमण्यम स्वामी से मुकदमा वापस करवाओ मूर्खों ! नहीं डूब मरो संसद के चिल्लू भर कांग्रेसी सांसदों के बेशर्म किंतु सहिष्णु और सेक्यूलर पानी में । क्यों कि वह तो डरने वाले हैं नहीं । सो तुम डर जाओ ! डर जाओ कि वह इमरजेंसी वाली इंदिरा गांधी की डाटर इन ला हैं। देश के ला से ऊपर। शाहबानो जैसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संसद में पलट कर रख देने वाले राजीव गांधी की बीवी।
यह अदालती कार्रवाई कब से संसद कार्रवाई का हिस्सा बन गई ?यह भी एक अबूझ पहेली है।
दो दिन पहले ही
भारत के मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर कह रहे थे कि भारत में स्वतंत्र
न्यायपालिका है। लेकिन कांग्रेस , सोनिया और राहुल को लगता है कि भारत की
न्यायपालिका नरेंद्र मोदी और भाजपा की जागीर है। अजब सीनाजोरी है। ऐसे तो
अदालतें काम ही नहीं कर सकेंगी। न उन की कोई अस्मिता ही रहेगी। जिस भी किसी
को सम्मन मिलेगा , वह अदालत का जुलूस निकाल देगा । लोक सभा , विधान सभा
में बवाल करवा देगा । भारत बंद का आह्वान कर देगा । स्पष्ट है
कि कांग्रेस , सोनिया और राहुल अदालत को धमका रहे हैं । कि ख़बरदार जो
हमारे ख़िलाफ़ कोई सुनवाई या कोई फैसला किया । सोनिया कहती हैं कि वह इंदिरा
गांधी की बहू हैं। ठीक बात है । इस पर भी किस को ऐतराज हो सकता है ? लेकिन
इंदिरा गांधी बहादुर और बुद्धिमान भी थीं । देश की शान थीं । इमरजेंसी के
दाग़ के बावजूद उन में शर्म हया भी थी। जो अब कांग्रेस और सोनिया ने बेच खाई
है अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए।
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