Friday, 11 December 2015

प्रधान मंत्री ख़ुद बाज़ार में है , बोलो ख़रीदोगे


पेंटिंग : विनोद शर्मा

ग़ज़ल 

न्याय बिकता है , बोलो ख़रीदोगे
बिकती है संसद  , बोलो ख़रीदोगे 

अमरीका , लंदन ,चीन , दुबई  और जापान
प्रधान मंत्री ख़ुद बाज़ार में है , बोलो  ख़रीदोगे

यह ओबामा , अंबानी , अडानी और कैमरून
सब ज़िम्मेदार हैं इस फ़ज़ीहत के बोलो ख़रीदोगे

बिल्ड़रों , दलालों , भडुओं का है इंडिया
कृषि प्रधान वाला भारत बोलो ख़रीदोगे 

मीडिया सरे आम नीलाम करती है ख़ुद को 
मां भी नहीं छोड़ी यह कहानी बोलो ख़रीदोगे  

पर्यावरण , विकास , काला धन हा हा 
बस झुनझुना है बाकी , बोलो  ख़रीदोगे

बिक चुकी धरती , नदियां और जंगल 
तारे, चांद , सूरज बाक़ी हैं , बोलो ख़रीदोगे

सूखा हो कि बाढ़ किसान जाए भाड़ में
असहिष्णुता खड़ी है , बोलो  ख़रीदोगे 

हर अंग का दाम यहां लग चुका है 
किडनी कि लीवर , बोलो ख़रीदोगे

तुम एस पी , कलेक्टर में ही उलझे हो 
मुख्य मंत्री बिकता है , बोलो  ख़रीदोगे

बेटी योग्य है , सुंदर है , सजीली है 
दूल्हा बिकता है , बोलो  ख़रीदोगे

मंदिर , मस्जिद , गिरिजा , मनुष्यता 
सब के सब बाज़ार में , बोलो  ख़रीदोगे

बिकने को सब लाईन से तैयार खड़े हैं 
देह , आत्मा , भगवान भी , बोलो ख़रीदोगे 

भावना , वेदना सब कुछ रेडीमेड है यहां 
प्रेम ,सेक्स , शहनाई भी , बोलो  ख़रीदोगे
 
खाद नहीं , पानी नहीं , खेत है , खलिहान भी 
साहूकार का बड़ा सा क़र्ज़ है , बोलो  ख़रीदोगे

सूखा कल आया था , बाढ़ अभी गई है 
बीमारी सिर पर है , बोलो  ख़रीदोगे

गद्दा है , रजाई है पर अन्न नहीं खाने को
मुस्कान है , रुलाई भी , बोलो  ख़रीदोगे

दवाई भले न हो , विज्ञापन का दौर है 
अमिताभ बच्चन की बीमारी बोलो ख़रीदोगे

ईमानदारी , मेहनत , देशभक्ति पागलपन है
बिकता है पूरा देश यहां , बोलो  ख़रीदोगे 

3 comments:

  1. After bipolar system of world only one system nowadays capitalism. So every leadership is in role of brandambassdor of capitalism in favor of his boss American policy of marketing

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  2. After bipolar system of world only one system nowadays capitalism. So every leadership is in role of brandambassdor of capitalism in favor of his boss American policy of marketing

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  3. कतील शिफाई की भी एक नज्म है इसी तेवर की कभी मिले तो पढ़ना। इसे नज्म कहते है गजल नही

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