सम्मान कोई भी हो सर्वदा सुखद ही होता है। और अगर यह सम्मान अपनी माटी में हो , जन्म-भूमि में हो तो यह सुख नि:शब्द हो जाता है। गूंगे का गुड़ हो जाता है । संगम, गोरखपुर ने 24 नवंबर, 2014 को आचार्य रामदेव शुक्ल की अध्यक्षता में संगम सृजन सम्मान दिया । संगम का आभार ! इस मौके पर आचार्य रामदेव शुक्ल को शिखर सम्मान दिया गया । अरविंद त्रिपाठी , प्रदीप राव , प्रभात सिंह , वशिष्ठ अनूप और हरी प्रसाद सिंह को भी सम्मानित किया गया । इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि नगर विधायक राधे मोहन दस अग्रवाल थे । प्रोफेसर अनंत मिश्र , डा रवींद्र श्रीवास्तव जुगानी, देवेंद्र आर्य , सत्यनारायण मिश्र सत्तन सहित शहर के अनेक रचनाधर्मी और लोग उपस्थित थे । इस सम्मान समारोह के अवसर पर नरसिंह बहादुर चंद के ग़ज़ल संग्रह और कृष्ण बिहारी के उपन्यास के साथ ही संगमन पत्रिका का विमोचन भी हुआ । सम्मान प्रशस्ति वाचन नूतन मिश्र ने किया और समारोह का कुशल संचालन श्रीधर मिश्र ने किया । सम्मान समारोह के बाद मेरी अध्यक्षता में एक कवि गोष्ठी भी हुई जिस का संचालन सत्य नारायण मिश्र सत्तन ने किया । जिस में कोई पचीस कवियों ने काव्यपाठ किया । समारोह के कुछ चित्र प्रस्तुत हैं :
Tuesday, 25 November 2014
अपनी माटी में संगम सृजन सम्मान
सम्मान कोई भी हो सर्वदा सुखद ही होता है। और अगर यह सम्मान अपनी माटी में हो , जन्म-भूमि में हो तो यह सुख नि:शब्द हो जाता है। गूंगे का गुड़ हो जाता है । संगम, गोरखपुर ने 24 नवंबर, 2014 को आचार्य रामदेव शुक्ल की अध्यक्षता में संगम सृजन सम्मान दिया । संगम का आभार ! इस मौके पर आचार्य रामदेव शुक्ल को शिखर सम्मान दिया गया । अरविंद त्रिपाठी , प्रदीप राव , प्रभात सिंह , वशिष्ठ अनूप और हरी प्रसाद सिंह को भी सम्मानित किया गया । इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि नगर विधायक राधे मोहन दस अग्रवाल थे । प्रोफेसर अनंत मिश्र , डा रवींद्र श्रीवास्तव जुगानी, देवेंद्र आर्य , सत्यनारायण मिश्र सत्तन सहित शहर के अनेक रचनाधर्मी और लोग उपस्थित थे । इस सम्मान समारोह के अवसर पर नरसिंह बहादुर चंद के ग़ज़ल संग्रह और कृष्ण बिहारी के उपन्यास के साथ ही संगमन पत्रिका का विमोचन भी हुआ । सम्मान प्रशस्ति वाचन नूतन मिश्र ने किया और समारोह का कुशल संचालन श्रीधर मिश्र ने किया । सम्मान समारोह के बाद मेरी अध्यक्षता में एक कवि गोष्ठी भी हुई जिस का संचालन सत्य नारायण मिश्र सत्तन ने किया । जिस में कोई पचीस कवियों ने काव्यपाठ किया । समारोह के कुछ चित्र प्रस्तुत हैं :
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