दयानंद पांडेय
कोई माने न माने पर मेरा स्पष्ट आकलन है कि हुसैनीवाला बार्डर पर जल्दी ही भाजपा एक रैली फिर से आयोजित करेगी और नरेंद्र मोदी उस में ज़रुर जाएंगे। मौसम साफ़ होने दीजिए। हां , इस बार पंजाब पुलिस मेहमान की तरह रहेगी और सारा इंतज़ाम केंद्रीय सुरक्षा बलों के अधीन रहेगा। जो भी हो बठिंडा एयरपोर्ट पर अधिकारियों से नरेंद्र मोदी का यह कहना ‘अपने सीएम को थैंक्स कहना, मैं जिंदा लौट रहा हूं। ' की गूंज बहुत दूर तक गई है।
इस एक वाक्य से ही कांग्रेस के लाक्षागृह से धू-धू कर लपटें निकलने लगी हैं। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने एक बहाना बताया कि हुसैनीवाला बार्डर की रैली में भीड़ नहीं थी , इस लिए मोदी को लौटना पड़ा। बस इसी बात को ले कर कांग्रेस के पालतू सेक्यूलर चैंपियन कुत्तों ने सोशल मीडिया पर भौकना शुरु कर दिया है । फिर इवेंट के बादशाह नरेंद्र मोदी की रैली में भीड़ न हो , यह बात गले नहीं उतरती। जो आदमी अमरीका , इंग्लैण्ड , गल्फ़ देशों में भी भीड़ बटोर लेता हो , वह पंजाब में भीड़ नहीं बटोर पाया , यह आरोप खीझ के अलावा और कुछ नहीं।
भीड़ बटोरने की कला तो उत्तर प्रदेश में बुरी तरह हार रहे अखिलेश यादव भी जान गए हैं। लाख बदबू करे समाजवादी इत्र पर अखिलेश की यात्रा में भीड़ कम नहीं हुई। उत्तर प्रदेश में आख़िरी सांस ले रही कांग्रेस के कार्यक्रमों में क्या भीड़ नहीं दिख रही ? लड़की हूं , लड़ सकती हूं ! की मैराथन रैलियों की भीड़ देखिए। स्कूटी की चाहत देखिए। पर यह भीड़ वोट में कितनी कनवर्ट होगी , लोग जानते हैं।
फिर मोदी के दिन तो कांग्रेस से बुरे नहीं हुए अभी। एक चैनल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा हुसैनीवाला बार्डर की रैली में प्रधान मंत्री के न पहुंच पाने के लिए माफ़ी मांगते हुए जो क्लिपिंग दिखाई उस में रैली स्थल खराब मौसम के बावजूद खचाखच भरा दिखा। गूगल पर भी कुछ फ़ोटो इस रैली की उपस्थित हैं , जिन्हें आप देख सकते है। जो भी हो कांग्रेसियों के मुताबिक़ भीड़ नहीं थी। पंजाब के मुख्य मंत्री कोरोना प्रोटोकॉल के कारण नहीं थे। पर पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक किस प्रोटोकॉल के कारण अनुपस्थित थे , यह कौन बताएगा। सवाल कई सारे हैं।
बच्चों जैसी बात करते हुए कुछ कांग्रेसियों ने यह भी कहा कि यह इलाक़ा तो बी एस एफ़ के अधीन था। कांग्रेसियों का कहना है कि मोदी को हेलीकाप्टर से जाना था , सड़क से क्यों गए ? इन हास्यास्पद सवालों के क्या मायने हैं। ख़राब मौसम में हेलीकाप्टर नहीं उड़ता , कांग्रेसी क्या नहीं जानते। सड़क मार्ग एस पी जी ने क्या बिना पंजाब पुलिस की क्लियरेंस के अख्तियार किया। ऐसे अनेक सवाल हैं। जिन का कोई जवाब पंजाब की कांग्रेस सरकार कभी नहीं देगी। लीपापोती वाली रिपोर्ट थमा देगी केंद्र को। पर जनता की अदालत में क्या करेगी।
बहरहाल कांग्रेस ने इस बहाने अपने ताबूत में एक और कील ठोंक ली है। लिख कर रख लीजिए कि पंजाब से कांग्रेस की सरकार क्लियरकट गई। कांग्रेस के इस लाक्षागृह का लाभ पंजाब में भाजपा को भले मिले न मिले पर उत्तर प्रदेश के चुनाव में भरपूर मिलेगा। फिर नरेंद्र मोदी की स्प्रिट देखिए कि पंजाब में कांग्रेस के लाक्षागृह में आग लगा कर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के घर जन्म-दिन की बधाई देने पहुंच गए। और अंदाज़ , बॉडी लैंग्वेज वही था , सर्जिकल स्ट्राइक वाला। तो क्या अब की पाकिस्तान पर नहीं , कांग्रेस पर पोलिटिकल-सर्जिकल स्ट्राइक होगी ? कि पोलिटिकल-एयर स्ट्राइक ?
राम जाने ! ख़ुदा ख़ैर करे , कांग्रेस की।
सहमत
ReplyDeleteआपका विश्लेषण शानदार होता है । कांग्रेस देशद्रोह पर उतर आई है । उसे अब गर्त में जाना ही चाहिए । एंटोनियो मायनों की हताशा ने विध्वंसक रूप ले लिया है जिसमें उसका खुद का जलना निश्चित है । चरणजीत चन्नी तो मोहरा है ।
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