दयानंद पांडेय
पश्चिम बंगाल नरेंद्र मोदी का पहला गाल था। पंजाब दूसरा गाल है। अब गाल दोनों लाल हैं। आप को गांधी जी का यह कहा याद ही होगा कि कोई यदि तुम्हारे एक गाल पर थप्पड़ मारे तो उस के सामने दूसरा गाल कर दो। सो फिकर नाट नरेंद्र मोदी गांधी के रास्ते पर चल रहे हैं। रुकेंगे तभी जब किसी गोडसे से आमना-सामना होगा। और स्थितियां ऐसी ही रहीं तो कांग्रेस या कम्युनिस्ट लोग जल्दी ही किसी गोडसे से आमना-सामना करवा देंगे। और सुप्रीम कोर्ट कहेगी कि आप लोग इस की साझा जांच कर लीजिए। किसी गोडसे से जब तक आमना-सामना नहीं होता तब तक नरेंद्र मोदी , निदा फ़ाज़ली की इस ग़ज़ल से आप का दिल बहलाते रहेंगे :
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो
कहीं नहीं कोई सूरज धुआँ धुआँ है फ़ज़ा
ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो
यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
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