दयानंद पांडेय
लोग कोरोना से डरें। सी एम ओ टाईप लोगों से अस्पताल डरें। आप से अतीक़ अहमद , मुख्तार अंसारी टाइप के लोग डरें। पर आप किस से डर रहे हैं योगी जी ! जो यह सी एम ओ टाइप भ्रष्ट और नाकारा व्यवस्था को नहीं बदल पा रहे हैं। प्राइवेट या सरकारी अस्पतालों को यह सी एम ओ टाइप का कवच-कुंडल कब तक दिए रहेंगे जिन के डाक्टर कोरोना मरीजों को छूना या देखना भी नहीं चाहते। तमाम प्राइवेट अस्पतालों के डाक्टरों के नाम और फोन नंबर जो आप ने जारी करवाए थे कि यह मदद करेंगे। सब के सब दिखाने के दांत साबित हुए हैं। एक भी डाक्टर फोन नहीं उठाता। इन में से एक भी डाक्टर , मरीज या उस के परिवारीजन से नहीं मिलता। कोई दाएं-बाएं से किसी बहाने संपर्क कर भी लेता है तो वह फिर से सी एम ओ का तराना ऐसे गाता है , गोया जन मन गण गा रहा हो। कि सामने वाला सावधान हो कर सिर्फ़ सुने। कुछ पूछे नहीं।
आप के सारे आदेश और निर्देश पानी मांग रहे हैं योगी जी। लॉक डाऊन आप लगाएं या सुप्रीम कोर्ट जाएं यह आप जानिए। क्यों कि यह काम विधायिका और कार्यपालिका का ही है। न्याय पालिका का नहीं। यह हम भी मानते हैं। पर पैसा खर्च कर भी इलाज नहीं मिले तो यह किसी भी सरकार के लिए शर्म का विषय है। लोग एक-एक बेड के लिए तरस रहे हैं। जिस घर में कोई एक भी कोविड पॉजिटिव निकल रहा है , उस पूरे घर की कोविड जांच नि:शुल्क होनी चाहिए। पर पैसा देने पर भी कोई अस्पतलाल जांच , कहने पर भी नहीं कर रहा। कोई डाक्टर , कंपाउंडर , एक इंजेक्शन भी लगाने को तैयार नहीं हो रहा है। अगर वह जान जा रहा है कि उस के घर कोई पॉजिटिव है।
आप का सारा अमला पूरे मुहल्ले में पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति और उस के घर को चोर घोषित कर दे रहा है। एक पर्चा , एक बल्ली लगा कर। न कोई दुकानदार उसे सामान देना चाह रहा है , न दूध , सब्जी वाला। उलटे आप का दसियों कंट्रोल रुम , बीसियों विभाग वाले पॉजिटिव निकले व्यक्ति को फ़ोन कर-कर उस का जीना मुहाल कर दे रहे हैं। रोज-रोज , हर घंटे एक ही सूचना। एक ही संदेश। कभी यह विभाग , कभी वह विभाग। यह कौन सा सिस्टम बना दिया है योगी जी। अस्पताल आप नहीं दे सकते। दवाई आप नहीं दे सकते। सांस तो लेने दीजिए। कोविड पॉजिटिव को। उस को आराम तो करने दीजिए। आराम भी इलाज का एक हिस्सा है।
योगी जी , नौकरशाही के चंगुल से निकलिए। अपना सिस्टम सुधार लीजिए जल्दी से जल्दी। ज़मीनी स्तर पर सुधार लीजिए। जनता त्राहिमाम कर रही है। लगता है आप भ्रष्ट अफसरों , चाटुकारों से घिर कर जनता से कट गए हैं। सही सूचना आप तक , आप के चाटुकार पहुंचने नहीं दे रहे। यह चाटुकार और भ्रष्ट नौकरशाही आप को ले डूबेगी। जब लखनऊ का यह हाल है तो उत्तर प्रदेश में बाक़ी जगहों का क्या हाल होगा भला।
दुर्भाग्य से आप भी कोविड पॉजिटिव हो गए हैं। कभी अपना गेरूआ वस्त्र उतार कर , सामान्य व्यक्ति बन कर लखनऊ या प्रदेश के किसी अस्पताल में अकेले चले जाइए , किसी टैम्पो से , या रिक्शे से । बिना फौज फाटे या प्रशासनिक अमले के। अचानक। बिना किसी सूचना के। बिना किसी को सूचना दिए। आप को खुद सारा हाल मालूम हो जाएगा। पहले भी शासक लोग ऐसा करते रहे हैं , प्रजा का हाल मालूम करने के लिए। आप को भी करना चाहिए। फिर आप तो योगी भी हैं। अंधेर नगरी , चौपट राजा का मुहावरा आप पर भी चस्पा हो जाए , इस से बचिए। आप की जनता सचमुच बहुत संकट में है। कोरोना से कम , सिस्टम से ज़्यादा मर रही है। मर-मर कर सांस ले रही है। इस सांस को टूटने से बचाइए। यह आप का कर्तव्य है।
सही पकड़ें हो
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ReplyDeleteकटु सत्य
ReplyDeleteकटु सत्य
ReplyDeleteसिक्के का दूसरा पहलू भी है, पहली अप्रैल को सहारनपुर में मेरे छोटे भाई और पिताजी दोनों कोरोना से पीड़ित हुए. दो हफ्ते के अंदर कई बार उन्हें सरकारी तन्त्र से फोन आये, हाल-चाल पूछा गया, दवाएं भिजवायीं, दो-तीन बार पूरे घर को सैनिटाइज किया गया, डॉक्टर ने कई बार फोन करके पूछा आपको अस्पताल आना है तो गाड़ी लेकर जाएगी, यहां तक कि एक बार लखनऊ से भी फोन आया, यह पूछने के लिए कि सहारनपुर में सब इंतजाम ठीक तो है. अब वे दोनों ठीक हैं और सरकार की तारीफ कर रहे हैं.
ReplyDeleteAre ab aapke sath aisa hua hoga, kismat ki bat , Maine to 17 tareeh se 21 tak ka tandav dekhna, nangs naach, 21 ki rat aandhi barish me apne bhateeje ko Cylender end ke liye bhagna, aurantath 22ki subah 4 per meri bhoi bhali modi ki ghor bhskt Modi ke kushashan.ki baki chadh gayi.maaf kinjyegs.dulghayal hai.
ReplyDeleteBilkul sahi
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