तो क्या सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द वायर को अपना कबूतर बना कर कांग्रेस एजेंट के रूप में काम कर रहे थे ? सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई में इस बात की साफ़ भनक मिली है । कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए अगली तारीख दे दी है। 29 नवंबर की । गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा का जवाब 19 नवंबर तक मांगा था , सीलबंद लिफ़ाफ़े में । सी वी सी ने भी सीलबंद लिफ़ाफ़े में सुप्रीम कोर्ट को आलोक वर्मा के खिलाफ जांच रिपोर्ट दी थी । आज 20 नवंबर को सुनवाई थी । लेकिन द वायर ने 17 नवंबर को ही अपनी एक रिपोर्ट में आलोक वर्मा के खिलाफ सी वी सी रिपोर्ट और आलोक वर्मा के जवाब को देखने का दावा करते हुए कुछ सवाल खड़े किए हैं । तो सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा के ख़िलाफ़ रिपोर्ट या उन का जवाब सार्वजनिक नहीं किया फिर भी वह रिपोर्ट द वायर ने देख ली तो बिना आलोक वर्मा के दिखाए तो देखी नहीं ।
याद कीजिए कि आलोक वर्मा को जवाब देने के लिए निर्देश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कहा था कि संविधान और सी बी आई की गरिमा और गोपनीयता का खयाल रखिएगा । लेकिन आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट की यह हिदायत भूल गए । अपनी और अपने पद की गरिमा भी । ज़िक्र ज़रूरी है कि सी बी आई निदेशक आलोक वर्मा पर पहले भी द वायर को गोपनीय रिपोर्ट लिक करते रहने के आरोप लगते रहे हैं । आरोप हैं कि द वायर के मार्फ़त आलोक वर्मा राहुल गांधी को लगातार गोपनीय रिपोर्ट भेजते रहे हैं । जानना यह भी दिलचस्प है कि द वायर ने नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ ख़बर लिखने और दिखाने की कांग्रेस से खुल्लमखुल्ला सुपारी ले रखी है । सिवाय नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ जहर उगलने के द वायर के पास कोई दूसरा काम नहीं होता है ।
कभी प्रणव रॉय के हिंदी परछाई बन कर जीने वाले , फिर एन डी टी वी के लिए दस्तरखान सजाने वाले विनोद दुआ इन दिनों द वायर में नरेंद्र मोदी के लिए कब्र खोदने के काम में लगे हुए थे पर मी टू में फंसने के बाद वह परदे के पीछे चले गए । बताया गया कि छुट्टी पर भेज दिए गए । अभी इस झटके से द वायर उबरा भी नहीं था कि यह सुप्रीम कोर्ट का झटका लग गया है । जाने राहुल गांधी का ट्वीट इस प्रसंग पर क्या और कब आएगा , यह देखना भी दिलचस्प होगा । वैसे यह तय मानिए कि तहलका की ही तरह द वायर भी कांग्रेस का उपक्रम है । इस द वायर का पतन भी तहलका की ही तरह सुनिश्चित है ।
यही तो दुनिया की रीत है सचाई को दबा कर उसे अपने अनुरूप करने की जो इसमे सफल हौ गया बह सफलता की सीड़िया चढा जता है और सचाई कही मुह की खाई कही दुम दबा कर दबी ऋह जाती है
ReplyDeleteवास्तव में कांग्रेस सत्ता के लिए तड़प रही है कोई न कोई हथकंडा अपनाने पर आमादा है और ये नहीं समझती कि अब जनता को भ्रमित नहीं किया जा सकता ऐसा करके अपनी कब्र खोद रही है इन बातों से सत्ता हाथ नहीं आयेगी मोदी जी की सरकार पुनः स्थापित होगी कांग्रेस अब धरातल पर कुछ ठोस करके दिखाए कांग्रेस अपने काम पर ध्यान न देकर जितनी मोदी जी की बुराई करेगी सीटें घटकर ४४ से ४ रह जायेंगी राहुल में नेतृत्व करने का telent है ही नहीं कांग्रेस किसी और को नेता मानने को तैयार नहीं ये नित्य पतन की ओर बढ़ रही है छुट भ्ईये नेता बड़े नेता बनने के लिए उल्टे-सीधे ब्यान देते हैं जिससे और बेड़ा गर्क हो जाता है
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