फ़ोटो : निखिलेश त्रिवेदी |
इत्र में इतराती और गमकती
वह मिलती है एक राजनीतिक से
किसी समारोह में
उस के साथ वह फ़ोटो सेशन करवाती है
जैसे करवाती है कोई माडल फ़ोटो सेशन
उस के ध्यान में है फ़ेसबुक पर अपनी संभावित पोस्ट
फ़ेसबुक पर फ़ोटो ही उस का अपना गंतव्य है
राजनीतिक से मुसकुराने को कहती है फ़ोटो में
वह मुसकुराता है भरपूर
अर्थ भरी दृष्टि डालते हुए कहता है
मेरे मफ़लर का रंग देखो
वह छटपटा कर ख़ुश हो जाती है
मारे ख़ुशी के बुदबुदाती है
मेरी शाल जैसा है
वह यह फ़ोटो
फ़ेसबुक पर चिपकाती है
आधी रात
अपनी दत चियार हंसी के साथ
राजनीतिक के मफ़लर
और अपनी शाल के रंग की तफ़सील के साथ
गोया क्रांति बस हो जाना चाहती है
ललचाता है एक लेखक
इस तफ़सील भरी फ़ोटो पर
आधी रात
लिबलिबा कर लिखता है कमेंट
और बताता है
मैं ने कुरता भी इसी रंग का पहना हुआ है
औरत फ़ौरन इसे लाइक करती है
ग़ज़ब यह कि मफ़लर और शाल का रंग लाल है
लेखक के कुर्ते का भी यही मान लेते हैं
होने को यह भगवा भी हो सकता है और हरा भी
क्रांति इसी को तो नहीं कहते कहीं
पूंजीवादी सोशल साईट फ़ेसबुक पर लाल क्रांति
क्रांति की यह नई तफ़सील है
मित्रों फ़ेसबुक पर क्रांति की यह अर्ध-रात्रि है
समय ही ऐसा भयानक है
कि बिल्ली कैसी भी हो
सर्दी में आग खोजती है
प्रसिद्धि की तलब में
बुझी हुई आग को भी वह आग समझती है
ख़ुद को क्रांति की मशाल समझती है
मज़ा लेते हुए क्रांति भी अब मजे-मजे से होती है
औरत झूम-झूम कर आरती गाती है घर में
घंटी बजा-बजा कर
बाहर लाल सलाम बोलती है
चिल्ला-चिल्ला कर
सूत्र वाक्य में बोलती है लिखती है
फलाने ने यह कहा ढेकाने ने यह कहा
यही कह-कह कर वह जहर घोलती है
[ 2 फ़रवरी , 2016 ]
वाह !गज़ब !बिल्ली सर्दी में आग खोजती है ।
ReplyDeleteशाल लाल ,मफलर लाल ,आग लाल,कुरता लाल
ये लाल ,वो लाल
और सलाम तक लाल 😲
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ReplyDeleteआज फिर बिल्ली की आंखें लाल ...
ReplyDeleteताप का रंग लाल