Monday 20 October 2014

सरोकारनामा की पाठकीय हिट सवा लाख पार , आप मित्रों के इस नेह में नत हूं

 कुछ और फेसबुकिया नोट्स 

  • दीपावली तो अभी चार दिन बाद है पर हमारे ब्लॉग सरोकारनामा की दीवाली तो आज ही मन गई । सरोकारनामा की पाठकीय हिट आज सवा लाख की संख्या पार कर गई है । आदरणीय मित्रों आप के इस स्नेह का हृदय से आभार , कोटिश: आभार ! आप सब मित्रों के इस नेह में नत हूं ।


  • मुंबई में ठाकरे परिवार की कुत्तेपन की गुर्राहट को इस तरह लगाम लगा देंगे नरेंद्र मोदी , इस चुनाव नतीज़े के पहले कोई जानता था क्या ? रही सही कसर पूरी कर दी भ्रष्ट शरद पवार की राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन दे कर। बार्गेनिंग का भी धुआं निकाल दिया । धोबी का कुत्ता बना दिया दोनों शिव सेना को महाराष्ट्र की जनता ने। बिहारी मज़दूरों की आह का भी कुछ असर तो ज़रूर हुआ होगा इन कुत्तों पर । धुआं तो लफ़्फ़ाज़ सेक्यूलरों का भी निकल गया । कांग्रेस के घोटालेबाज़ तो शांत हैं ही ,चुप हैं नीतीश , लालू टाईप के घनघोर लफ़्फ़ाज़ भी ! सेक्यूलर शब्द का इतना दुरूपयोग कभी किसी और चुनाव में इतना नहीं हुआ था , जितना बीते लोकसभा चुनाव और अब की के विधानसभा चुनावों में हुआ । तो क्या देश की जनता अब सांप्रदायिक हो गई है ? सोचना बहुत ज़रूरी है राजनीतिज्ञों , विचारकों और लफ़्फ़ाज़ चिंतकों को । ख़ास कर दलित और पिछड़े चिंतकों को जिन का विष बुझा नकारात्मक चिंतन समाज को बांटने में कमर कसे हुए है । महिषासुर का विष बुझा विवाद क्या इन चुनावों के मद्देनज़र ही नहीं था ? यह कैसे न मान लिया जाए ?


  • लगता है भाजपा महाराष्ट्र में राहुल गांधी को ठीक से कैश नहीं करवा सकी ! 


  • सांप्रदायिकता और गुजरात के बाद दूसरी बार भाजपा का ऊंट काले धन के पहाड़ के नीचे आया है।


  • गीतकार संतोषानंद अपने बेटे , बहू की आत्म हत्या की जांच सी बी आई से चाहते हैं , उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच पर उन्हें बिलकुल भरोसा नहीं है। कांपती आवाज़ में उन की यह दारुण गुहार मुश्किल में डालती है । बहुत तकलीफ से भर देती है । 



  • मंहगाई और काले धन पर मोदी सरकार सांप-छछूंदर की गति को प्राप्त हो गई है। सारी हेकड़ी धरती में समा गई है । न स्विस बैंक का काला धन निकल पा रहा है न देश का। कांग्रेसी पैतरेबाजी और कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ना भी रास नहीं आ रहा ! पब्लिक है सब जानती है !


  • लखनऊ विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ. एसबी निमसे क्या एक निकम्मे कुलपति हैं ? और कि परीक्षा विभाग उन की बिलकुल नहीं सुनता ? बी एड का इम्तहान प्रैक्टिकल सहित जुलाई में खत्म हो गया। लेकिन रिजल्ट का अभी तक अता-पता नहीं है । अखबारों के जिम्मे ऐसी खबरें नहीं होतीं । अखबारों को नेताओं अफसरों के खांसी जुकाम से फुर्सत नहीं है। तो अखबार इन के ठकुर-सुहाती खबरों से लदे रहते हैं । सब जानते हैं कि बरसों बाद शिक्षकों की बंपर भर्ती का वांट निकला है और बिना बी एड के परीक्षा परिणाम के बच्चे फ़ार्म नहीं भर सकते । 30 अक्टूबर फ़ार्म भरने की आख़िरी तारीख़ है । बीच में दीपावली की चार दिन की छुट्टियां हैं। कल इतवार है। कब रिजल्ट निकलेगा, कब मार्कशीट मिलेगी ,कब बच्चे फ़ार्म भरेंगे ,सोचा जा सकता है । विभाग से पता किया तो पता चला कि परीक्षा परिणाम बना कर परीक्षा विभाग को जुलाई में ही भेज दिया गया है। मैं ने कुलपति निमसे से इस बाबत 15 और 16 अक्टूबर को बात किया। कहा कि इतने सारे बच्चों की किस्मत से खिलवाड़ क्यों कर रहे हैं ? 16 अक्टूबर की रात निमसे ने खुद फोन कर मुझे सूचित किया कि 17 अक्टूबर को रिजल्ट आ जाएगा । लेकिन आज 18 अक्टूबर की शाम हो गई है अभी तक बी एड के रिजल्ट का पता नहीं है। निमसे से अभी फिर बात की तो वह बगलें झांकने लगे । बोले, बात करता हूं कंट्रोलर से । इतना ही नहीं जुलाई में ही हुए एम एड के इंट्रेंस का रिजल्ट अभी तक लापता है ।


 
 

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