tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post4499746980241149373..comments2024-03-24T01:16:11.773-07:00Comments on सरोकारनामा: मेरी कविता के दिन !Editorhttp://www.blogger.com/profile/06419299550917531876noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-15094245483300449432013-06-08T12:37:31.290-07:002013-06-08T12:37:31.290-07:00अच्छी कविता गीत विधा में हो या न हो , आकर्षित कर...अच्छी कविता गीत विधा में हो या न हो , आकर्षित करती है और जुबान पर चढ़ती भी है । सुन्दर आलेख !<br />अच्छा होता कि आपने अपनी भी कुछ कवितायें इस ब्लॉग पर डाली होतीं और उनकी गुण वत्ता का फैसला पाठक पर छोड़ा होता । Ilahttps://www.blogger.com/profile/15571289109294040676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-63658290814502772252013-06-07T02:20:32.826-07:002013-06-07T02:20:32.826-07:00मुझे यह बोध था कि मेरे गीतों के साथ मेरी अनुज पीढ़ी...मुझे यह बोध था कि मेरे गीतों के साथ मेरी अनुज पीढ़ी की कोमल भावनाएँ पल-बढ़ रही हैं, इसीलिए मैंने अपने समवयस्क बेसुरे-बेताले लोगों की सफलता की सीख नहीं मानी और गीतों की पगडंडी पर पूरे आत्मविश्वास के साथ चलता रहा। दयानंद जी का यह लेख मेरी उसी तपस्या का सुफल है। इसमें कोई सन्देह नहीं कि वह तपस्या आनेवाले दिनों में और फलेगी-फूलेगी।<br />बुद्धिनाथमिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07106501366338307949noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-40335688307673824232013-06-06T22:28:17.638-07:002013-06-06T22:28:17.638-07:00पाण्डेयजी! कविता लिखने का मन करता है तो ज़रूर लिख...पाण्डेयजी! कविता लिखने का मन करता है तो ज़रूर लिखिए। क्या कुंवर नारायण की कविता पढ़ते-सुनते जुबान पर चढ़ जाती है। मन को भिंगो जाती है !... कई लखटकिया पुरस्कार पाने के बावजूद मुझे आज तक कुँवर नारायण का कोई पाठक नहीं मिला। बस चंद कवि मित्र ही उनका ज़िक्र करते हैं। हिंदी कविता की इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी।देवमणि पांडेय Devmani Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/09583435334580761206noreply@blogger.com