tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post3256517901543066028..comments2024-03-24T01:16:11.773-07:00Comments on सरोकारनामा: मैत्रेयी की मुश्किलेंEditorhttp://www.blogger.com/profile/06419299550917531876noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-38949036124237012272023-11-01T03:56:14.475-07:002023-11-01T03:56:14.475-07:00अपनी कहानी में अफीम से भी ज्यादा नशा हैं। कितनी भी...अपनी कहानी में अफीम से भी ज्यादा नशा हैं। कितनी भी बार पढ़ों म न नहीं भरता।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-76370413399608922022023-10-06T10:22:38.952-07:002023-10-06T10:22:38.952-07:00बहुत सुंदरबहुत सुंदरAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-42939264890302023152023-07-25T21:16:22.844-07:002023-07-25T21:16:22.844-07:00फेसबुक से यह कहानी पढ़ते हुए यहाँ तक चली आई। लम्बी ...फेसबुक से यह कहानी पढ़ते हुए यहाँ तक चली आई। लम्बी कहानी होने के बावजूद एक पल को भी पढ़ना नहीं छूटा। कहानी के प्रवाह ने अंत तक बांधे रखा। एक स्त्री के मन की थाह तक पहुँचने वाली बहुत कम कहानियाँ पढ़ने को मिलती है। इतनी गहराई तक समझ ही कहाँ पाते है लोग स्त्री को! कितने ही आयामों को पार करती एक सुंदर हृदयस्पर्शी कहानी पढ़ने को मिली। Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-1714311356202334102023-07-24T11:47:24.095-07:002023-07-24T11:47:24.095-07:00हमेशा की तरह आदरणीय आपकी लेखनी बांधे रखती है एक एक...हमेशा की तरह आदरणीय आपकी लेखनी बांधे रखती है एक एक शब्द से बुने हुए जाल को बस अंत में रहस्य रह गया कि मैत्रेयी कहां गई उसका कैसे जीवन निर्वाह हुआ इसके पूर्व बांसगांव की मुनमुन पढी थी 🙏🏻Raghvendra Mishrahttps://www.blogger.com/profile/07991988098631258054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-60973805224405987622023-07-23T09:40:36.722-07:002023-07-23T09:40:36.722-07:00ग़ज़ब कहानी लगी। ग़ज़ब कहानी लगी। गीतिका वेदिकाnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-90723465702592113242023-06-24T18:11:12.478-07:002023-06-24T18:11:12.478-07:00अच्छी कहानी पर अंत में आपकी कल्पना में क्या था ये ...अच्छी कहानी पर अंत में आपकी कल्पना में क्या था ये नही लिखाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-22377487347481131762022-08-24T01:38:20.389-07:002022-08-24T01:38:20.389-07:00एक बार पढ़ना प्रारम्भ किया तो पूरा पढ़कर ही रुक पा...एक बार पढ़ना प्रारम्भ किया तो पूरा पढ़कर ही रुक पाई। बहुत रोचक और यथार्थ परक है। <br />गीता पंडित Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-91877288068806451212022-07-23T02:04:01.459-07:002022-07-23T02:04:01.459-07:00जबरदस्त लेखन... लगा ही नहीं की कोई काल्पनिक घटना ह...जबरदस्त लेखन... लगा ही नहीं की कोई काल्पनिक घटना है, Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-72933854810827779112020-09-05T10:38:22.816-07:002020-09-05T10:38:22.816-07:00बेहतरीन कहानी। औरत की जिंदगी भी अजीब सा है। वह हमे...बेहतरीन कहानी। औरत की जिंदगी भी अजीब सा है। वह हमेशा से मर्दों के इर्द गिर्द ही बनी रही है। फिर भी उसका अपना कोई भी नहीं है, इस दुनिया में।Mintu Mishrahttps://www.blogger.com/profile/13583885069585381608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-25181890044400827012020-07-24T19:39:17.886-07:002020-07-24T19:39:17.886-07:00सुंदर।सुंदर।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16447372687786366406noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-60954043614910263222020-04-10T10:58:39.109-07:002020-04-10T10:58:39.109-07:00महाखलनायक की अप्रेम कथामहाखलनायक की अप्रेम कथाशेखरhttps://www.blogger.com/profile/16537614514066124739noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-91413349213621220102019-08-15T21:37:07.763-07:002019-08-15T21:37:07.763-07:00बहुत ही खूबसूरती से बुनी हुई कहानी। अंत तक पढ़ने क...बहुत ही खूबसूरती से बुनी हुई कहानी। अंत तक पढ़ने के लिए विवश करती है। अर्चनाhttps://www.blogger.com/profile/13916920569285303890noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-21382808202801160992018-11-01T23:07:15.559-07:002018-11-01T23:07:15.559-07:00दिल को छू लेने वाली रचना। रिश्तों की गहराइयां और उ...दिल को छू लेने वाली रचना। रिश्तों की गहराइयां और उचाईयां एक साथ दिखाने की जो विशेषता इस कहानी में है वह अतुलनीय है।sanch ka samnahttps://www.blogger.com/profile/08730721409705861832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-39311260813252802472018-11-01T12:44:18.503-07:002018-11-01T12:44:18.503-07:00मैत्रेयी अनंत
मैत्रेयी कथा अनंता।।😢😢😢😢मैत्रेयी अनंत<br />मैत्रेयी कथा अनंता।।😢😢😢😢Meet.....https://www.blogger.com/profile/06794152669587124744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-50011156713317437132015-02-27T01:50:05.284-08:002015-02-27T01:50:05.284-08:00वहुत सुन्दर कहानी ! बहु कोणीय कथा त्मकता !मन को छ...वहुत सुन्दर कहानी ! बहु कोणीय कथा त्मकता !मन को छू जाता हैं अंत कहानी का !!Ranjana Guptahttps://www.blogger.com/profile/02140439782011061977noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-7990663055912189722015-02-25T09:37:15.234-08:002015-02-25T09:37:15.234-08:00Wht a beautiful story Wht a beautiful story Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01485415322685921986noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-1625951546235217492013-12-11T11:04:18.102-08:002013-12-11T11:04:18.102-08:00देखते क्या हो मेरी जान को लेने वालों,
हँसी दिखती ह...देखते क्या हो मेरी जान को लेने वालों,<br />हँसी दिखती है मेरी दर्द नहीं दिखता है । <br />मै वो शय हूँ जो यहाँ राख़ हुई बैठी हूँ,<br />सुलगती आग हूँ मैं तुमको धुआँ दिखता है। ... <br /><br />एक अभागी स्त्री की नियति और कशमकश पर लिखी एक अत्यंत मार्मिक और यथार्थपरक कहानी। <br />दयानंद पांडे जी अद्भुत कथा शिल्पी हैं । उन्हें एक बार पढ़ना शुरू करने पर लंबा रास्ता भी रोचक दिखता है, अंत तक। सुधाकर अदीब https://www.blogger.com/profile/06717441364320808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-46052851372415599132013-10-22T04:05:59.227-07:002013-10-22T04:05:59.227-07:00बेहतरीन कहानी जो स्त्री के मनोभावों को समेटने का, ...बेहतरीन कहानी जो स्त्री के मनोभावों को समेटने का, उसके साथ सभी स्त्रियों का तादात्म्य स्थापित करने का सफल प्रयास है। मैत्रेयी के चरित्र को परत-दर-परत पाठकों के सामने खोला है वह कहानी खत्म होते होते एक ऐसे चरित्र में बदल जाती है जो चंचल है, बेवकूफ है, किसी पर बहुत जल्दी विश्वास करके बार बार छली जाने वाली मासूम स्त्री है लेकिन वह संघर्षशील है, हार न माननेवाली है और न जाने क्या क्या है...बहुत सुंदर www.womentrust.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/06957070984123441136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-56367375887487790302013-09-05T03:25:53.926-07:002013-09-05T03:25:53.926-07:00बस एक ही शब्द.. निःशब्द..! बस एक ही शब्द.. निःशब्द..! संदीप द्विवेदीhttps://www.facebook.com/sandeip.dwivedinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-72193933481461754662013-05-13T04:08:24.000-07:002013-05-13T04:08:24.000-07:00अनगिन आयामों से भरी एक आधुनिक कहानी..स्त्री को हर ...अनगिन आयामों से भरी एक आधुनिक कहानी..स्त्री को हर ओर से समझने में मदद करती.साथ में उसके बुरे रूप के कारणों की पड़ताल भी करती.भाषा व शैलीगत खूबियों की बादशाहत के साथ..कितने कितने डायमेंसंस..कमाल है कथाकार की असीम नजर का कोइ जवाब नहीं.साहित्यकार के साथ पत्रकार की पैनी नजर ने कहानी को जान दे दी है..हर और से एक सशक्त कहानी..पात्रों के पेशों को कितने जानदार तरीके से पेश किया है..वकील से लेके पेटी Anonymousnoreply@blogger.com