tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post6476834052907027596..comments2024-03-24T01:16:11.773-07:00Comments on सरोकारनामा: आत्म-कथ्यEditorhttp://www.blogger.com/profile/06419299550917531876noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-20640102169281995432022-08-03T10:47:14.895-07:002022-08-03T10:47:14.895-07:00प्रणाम बहुत बहुत बधाईप्रणाम बहुत बहुत बधाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-31347081767991473732022-08-03T01:21:33.514-07:002022-08-03T01:21:33.514-07:00बहुत बहुत बधाईबहुत बहुत बधाईAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-12641387252502992452022-08-02T18:22:33.846-07:002022-08-02T18:22:33.846-07:00Sadar pranamSadar pranamAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-91470976184992284142022-08-02T17:00:50.732-07:002022-08-02T17:00:50.732-07:00आपका और आपके लेखन का कोई जवाब नहीं प्रणाम।🙏🙏🙏🌹...आपका और आपके लेखन का कोई जवाब नहीं प्रणाम।🙏🙏🙏🌹🌹Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-43353513862435481292022-08-02T14:06:50.752-07:002022-08-02T14:06:50.752-07:00आपका लेखन सदैव प्रेरक रहता है
प्रणाम सरआपका लेखन सदैव प्रेरक रहता है<br />प्रणाम सरAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-45058163332743144192021-08-24T19:57:48.784-07:002021-08-24T19:57:48.784-07:00हमेशा की तरह शानदार लेखन। हमेशा की तरह शानदार लेखन। भरत कुमार रूंगटाhttps://www.blogger.com/profile/00095450298535206905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-24222166804642373082021-08-21T21:50:51.767-07:002021-08-21T21:50:51.767-07:00शानदार जानदार लाजवाब तो लिखते ही हैं आप शानदार जानदार लाजवाब तो लिखते ही हैं आप Hemapavantrivedihttps://www.blogger.com/profile/02956503183567964303noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-41161032821241308302021-08-21T20:01:57.003-07:002021-08-21T20:01:57.003-07:00सादर प्रणाम🙏🏻सादर प्रणाम🙏🏻MUKESH PANDEYhttps://www.blogger.com/profile/13353265115982752040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-89412796174921866042021-08-21T16:35:59.440-07:002021-08-21T16:35:59.440-07:00बहुत सुंदर लिखते है आप ऐसे ही लिखते रहिए
जय श्री ...बहुत सुंदर लिखते है आप ऐसे ही लिखते रहिए <br />जय श्री राम 🙏🚩Ravi Guptahttps://www.blogger.com/profile/04519718546502503762noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-12998666900838845062018-08-03T23:34:25.255-07:002018-08-03T23:34:25.255-07:00शानदार तो लिखते ही आप
आपका पवनशानदार तो लिखते ही आप<br />आपका पवनAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-27419975425575774572015-02-06T03:37:27.861-08:002015-02-06T03:37:27.861-08:00आप के उक्त कथन हेतु दिल के उदगार सादर-----
हसरतों...आप के उक्त कथन हेतु दिल के उदगार सादर-----<br /><br />हसरतों की चादर पे,<br />प्यार की सिलवटें खूब भती है।<br />जैसे जैसे पड़्ती हैं सिलवटें,<br />चादर सिमटती जाती है।<br />कब एक होजाती है,<br />चादर और सिलवटें,<br />बिस्तर को भी आहट नही होती।<br />बस रह जाते है,कुछ निशान,<br />सिलवटों के चादर पर,<br />जिसे दुनिया सृजन की ,<br />पहचान कहती है।-------अजय कुमार मिश्र "अजयश्री "/६/२/१५/ Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-59233887777692702422014-10-19T23:49:43.897-07:002014-10-19T23:49:43.897-07:00आपकी लेखनी ने सामान्य से हटकर रचना की है ,साधुवाद ...आपकी लेखनी ने सामान्य से हटकर रचना की है ,साधुवाद !रविप्रकाश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06245824755070277823noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-86210038552480673382014-06-11T22:32:28.334-07:002014-06-11T22:32:28.334-07:00श्रीमान पाण्डेय जी आप का यह ब्लॉग पढ कर बहुत ही अच...श्रीमान पाण्डेय जी आप का यह ब्लॉग पढ कर बहुत ही अच्छा लगा | आप से अनुरोध है की चुनावी मुद्दों पर आम आदमी में जागरूकता लाने के लिए कुछ जरुर लिखे | धन्यवाद |<br />THANKS<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09355487532268478578noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-9597648349678087642014-03-25T21:30:30.573-07:002014-03-25T21:30:30.573-07:00श्रीमान पाण्डेय जी आप का यह ब्लॉग पढ कर बहुत ही अच...श्रीमान पाण्डेय जी आप का यह ब्लॉग पढ कर बहुत ही अच्छा लगा | आप से अनुरोध है की चुनावी मुद्दों पर आम आदमी में जागरूकता लाने के लिए कुछ जरुर लिखे | धन्यवाद |<br /><br />साथ ही एक अनुरोध आप से और है की कृपया अपना बहुमूल्य समय निकल कर मेरे ब्लॉग को देखें एवं अपने महत्वपूर्ण सुझावों से हमें अवगत कराएँ जिससे मई आम लोगो के बीच सही जानकारी उपलब्ध करा सकूँ | आपका बहोत बहोत धन्य्वात | मेरा ब्लॉग एड्रेस है Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-36373505343588191192014-01-08T00:26:27.117-08:002014-01-08T00:26:27.117-08:00न्यायपालिका बेल पालिका में तब्दील हो कर हत्यारों, ...न्यायपालिका बेल पालिका में तब्दील हो कर हत्यारों, बलात्कारियों, डकैतों और रिश्वतखोरों को जमानत देने के लिए आज जानी जाती है, इस अर्थ में उसकी प्रासंगिकता क्या जैसे यही उसका महत्वपूर्ण काम बन कर रह गया है तो कहानी या उपन्यास लिख कर खुद की, व्यक्ति की, समाज की पीड़ा को स्वर देने के लिए लिखना कैसे नहीं जरूरी और प्रासंगिक है? है और बिलकुल है। सो लिखता ही रहूंगा। तो यह लिखना भी पीड़ा को सिर्फ जमानत भर राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'https://www.blogger.com/profile/16172401392784938069noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-87853839251615460362014-01-07T11:48:34.724-08:002014-01-07T11:48:34.724-08:00''यह झलका तवे से जल कर नहीं जनमता, समयगत स...''यह झलका तवे से जल कर नहीं जनमता, समयगत सचाइयों के जहर से पनपता है और जब तब फूटता ही रहता है। मैं क्या कोई भी नहीं रोक सकता इसे। इस लिखने को l'' <br />और रुकना भी नहीं चाहिये...आपकी लेखनी को नमन lShanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-61521048812662057502014-01-07T11:45:39.233-08:002014-01-07T11:45:39.233-08:00This comment has been removed by the author.Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-55030062310758405982014-01-07T09:22:08.353-08:002014-01-07T09:22:08.353-08:00हम आपके नियमित पाठक हैं।
आप लिखते रहें, हम और हमा...हम आपके नियमित पाठक हैं।<br /> आप लिखते रहें, हम और हमारे जैसे अनगिनत आपको पढते हैं। अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-19806075647812437932012-02-01T19:34:58.128-08:002012-02-01T19:34:58.128-08:00इस प्रतिबद्धता को नमन!इस प्रतिबद्धता को नमन!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.com