tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post5869091758806616180..comments2024-03-24T01:16:11.773-07:00Comments on सरोकारनामा: ऊपर-ऊपर लाल मछलियाँ, नीचे ग्राह बसे !Editorhttp://www.blogger.com/profile/06419299550917531876noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-57284171890152660412012-06-11T07:37:43.668-07:002012-06-11T07:37:43.668-07:00प्रदेश में अराजकता चरम पर है... लेखनी का सतत एवं स...प्रदेश में अराजकता चरम पर है... लेखनी का सतत एवं सजग प्रहार जरूरी है। जहां तक लोकतंत्र की बात है तो वह इस पृथ्वी पर कहीं नहीं है.. जो कुछ है वह लोकतंत्र के नाम पर मक्कारतंत्र है.. जिसको बदलने के लिए मुझे विश्वास है पहल भारत से ही होगी।आशीष "अंशुमाली"https://www.blogger.com/profile/07525720814604262467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-66121685346574325042012-06-11T03:53:54.773-07:002012-06-11T03:53:54.773-07:00अब तक के सबसे सशक्त प्रहारों में से एक. साधुवाद. ल...अब तक के सबसे सशक्त प्रहारों में से एक. साधुवाद. लिखते रहें.<br /><br />सादर | नीरज भूषणAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-30566081722499854172012-06-10T09:49:52.660-07:002012-06-10T09:49:52.660-07:00dhanyvaad ,,,,achchha lgaa aapkaa lekh .dhanyvaad ,,,,achchha lgaa aapkaa lekh .Dr. Y.N.Pathakhttps://www.blogger.com/profile/08517864796343080899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-62541903593061079092012-06-10T09:00:06.564-07:002012-06-10T09:00:06.564-07:00प्रिय भाई,आपने जिस ऊर्जा से मेरे गीत को उद्धृत किय...प्रिय भाई,आपने जिस ऊर्जा से मेरे गीत को उद्धृत किया है और सिद्ध किया है कि नयी कविता के मुक्तिबोध हों या नवगीत के बुद्धिनाथ,सभी अपने समय के सामाजिक सरोकारों से रूबरू हैं | बहुत-बहुत धन्यवाद| दर असल ,इस निर्विरोध चुनाव को इस नजरिये से मैंने आपका लेख पढने के बाद ही देखा|आपकी दृष्टि प्रशंसनीय है| जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि|बुद्धिनाथमिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07106501366338307949noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-73340864252072357812012-06-09T12:53:13.836-07:002012-06-09T12:53:13.836-07:00मान्यवर पाण्डेय जी अभिवादन ,
आपकी राय अत्यंत ही स...मान्यवर पाण्डेय जी अभिवादन ,<br /> आपकी राय अत्यंत ही सराहनीय होने के साथ ही स्पष्टवादी भी है ,आज सब कहीं जुगाड का जमाना है ! सच बोलना गुनाह है देखिये भारतीय राजनीति प्राइवेट लिमिटेड की सरकारों की दशा और जनता का त्राहिमाम क्रंदन जन जीवन की परिस्थितियाँ मजबूर कर रहीं हैं कि जो न सोचो कम है! सब कुछ ऐसा प्रतीत होने लगा है कि हम सौतेली जन्मभूमि पर विचरण कर रहे हैं ............................आशुतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/12292575928432461319noreply@blogger.com