tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post4864201434673394984..comments2024-03-24T01:16:11.773-07:00Comments on सरोकारनामा: शब्द की नाव में , भाषा की नदी का सौंदर्य और बिंब विधान रचते अरविंद कुमारEditorhttp://www.blogger.com/profile/06419299550917531876noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-1624404501337256622019-01-18T04:24:38.986-08:002019-01-18T04:24:38.986-08:00सर्वोत्तम आज तक की भारत मे छपी और प्रसारित हुई वाक...सर्वोत्तम आज तक की भारत मे छपी और प्रसारित हुई वाकई सर्वोत्तम मैगजीन थी<br /><br />100 अंक संग्रहित हैं आज भी ,अरविंद जी को शुभकामनाएं sandyhttps://www.blogger.com/profile/18291969566436916796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-50125753573974231512017-10-22T18:50:16.407-07:002017-10-22T18:50:16.407-07:00जिस तरह से आपने वर्णन किया और अपने उदगार व्यक्त कि...जिस तरह से आपने वर्णन किया और अपने उदगार व्यक्त किये हैं, वे लोगों के भीतर प्रेरणा और श्रद्धा के भाव जगाते हैं। साधुवाद। वस्तुतः अरविन्द जी का व्यक्तित्व ही ऐसा है जो सवका दिल जीत लेता है। -संजीव श्रीवास्तव, पिक्चर प्लस। Picture Plushttps://www.blogger.com/profile/12644975244090324972noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-66383415319939547562017-10-22T18:49:40.286-07:002017-10-22T18:49:40.286-07:00जिस तरह से आपने वर्णन किया और अपने उदगार व्यक्त कि...जिस तरह से आपने वर्णन किया और अपने उदगार व्यक्त किये हैं, वे लोगों के भीतर प्रेरणा और श्रद्धा के भाव जगाते हैं। साधुवाद। वस्तुतः अरविन्द जी का व्यक्तित्व ही ऐसा है जो सवका दिल जीत लेता है। -संजीव श्रीवास्तव, पिक्चर प्लस। Picture Plushttps://www.blogger.com/profile/12644975244090324972noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-12062326867108965242017-01-29T20:35:42.572-08:002017-01-29T20:35:42.572-08:00चाय पिटे अचानक टी व् खोला तो rstv पर 'कलम गव...चाय पिटे अचानक टी व् खोला तो rstv पर 'कलम गवाह है 'में अरविन्द जी पर कार्यकर्म चल रहा था | गूगल पर खोजने का मन किया क्योकि अच्पन मेरा स्वर्गीय ताऊ जी सर्वोत्तम अकसर घर लाया करते थे | अब बरसों से मैंने ये पत्रिका नही पड़े यही जानना चाहती थी कि अब | अद्भुत लिखा है ऐसी आदर्श शख्सियत को कोटि - कोटि नमन | मैं भी मानती हूँ --- इमानदारी से संसार रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-4722363474329149582016-09-17T09:39:25.252-07:002016-09-17T09:39:25.252-07:00अदभुत लेखन है आपका। सच में वह पत्रकारिता की सर्वोत...अदभुत लेखन है आपका। सच में वह पत्रकारिता की सर्वोत्तम दुनिया थी। संपादक तो दूर अब अरविंद जैसे लोग ही नहीं बनते। ये मार्मिक संस्मरण हमेशा याद रहेगा। sagarhttps://www.blogger.com/profile/15576527684435823269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-71978863077151839322016-03-19T02:39:50.453-07:002016-03-19T02:39:50.453-07:00अद्भुत शैली एवं वर्ण विन्यासअद्भुत शैली एवं वर्ण विन्यासRameshwarhttps://www.blogger.com/profile/17892474151098711949noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-81988904960285676692016-01-17T06:16:32.100-08:002016-01-17T06:16:32.100-08:00संस्मरण साझा करने के लिए बहुत धन्यवाद और आभार. प्र...संस्मरण साझा करने के लिए बहुत धन्यवाद और आभार. प्रेरक जीवन को नमन. राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttps://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-85033336409465678602015-11-17T22:52:26.501-08:002015-11-17T22:52:26.501-08:00शब्द साधक अरविंद जी के कार्यों से वाकिफ़ तो ख़ैर थ...शब्द साधक अरविंद जी के कार्यों से वाकिफ़ तो ख़ैर थे ही, अब उनके सरल, सहृदय व्यक्तित्व के बारे में भी जानकर अच्छा लगा. अरविंद जी शतायु हों, और अपनी शब्द साधना में और नए आयाम बनाएँ यही शुभकामनाएँ हैं.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-68137492200725615492015-11-17T05:50:56.847-08:002015-11-17T05:50:56.847-08:00padh liya ek bar, fir padhunga! sarottam men hee t...padh liya ek bar, fir padhunga! sarottam men hee to meri aap se bhee shayad pahalee bar mulakat huee thee. us samaya arvind jee ne kuch katarane dee thee anuvad ke liye. anuvad se main khud bhee bahut santust naheen tha, par mujhe mandeya mil gaya tha. un dino thode paise bhee hamare liye bahut the. arvid ji sampadit madhuri bhee chav se padhi jatee thee. ve sach mane men sadhak hain. ve 86 ke hoशैलेंद्र शांतhttps://www.blogger.com/profile/08691568332908930626noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2753140813004207827.post-76416765089657926262015-11-17T05:05:49.316-08:002015-11-17T05:05:49.316-08:00आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (18-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (18-11-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "ज़िंदगी है रक़ीब सी गुज़री" (चर्चा-अंक 2164) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com